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डूबता हुआ जहाज बनी तृणमूल कांग्रेस, पार्टी में मची भगदड़, अब बीरभूम की सांसद शताब्‍दी रॉय ने दिए बगावत के संकेत

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पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, तृणमूल कांग्रेस में भगदड़ बढ़ती जा रही है। गुरुवार (14 जनवरी) को बीजेपी के बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने दावा किया कि टीएमसी के 41 विधायक बीजेपी में आने को तैयार है। इसी बीच बीरभूम की सांसद और अभिनेत्री शताब्‍दी रॉय ने भी एक फेसबुक पोस्‍ट के जरिए संकेत दिया है कि वह आने वाले समय में अपने राजनीतिक जीवन को लेकर बड़ा फैसला ले सकती है।

एक फेसबुक पोस्ट में शताब्दी रॉय ने लिखा, “लोग मुझसे पूछते हैं कि मैं बीरभूम में होने वाले पार्टी के कार्यक्रमों में क्‍यों नहीं दिखाई देती। मैं कैसे शामिल होऊं जब मुझे उनका शेड्यूल ही पता नहीं रहता? मुझे लगता है कि कुछ लोग नहीं चाहते कि मैं वहां रहूं।”

आगे टीएमसी सांसद ने लिखा, “आप सभी ने मेरा समर्थन किया है, 2009 से मुझे लोकसभा भेजा है। मुझे आशा है कि भविष्य में भी आपका समर्थन प्राप्त होगा। मेरे सांसद बनने से बहुत पहले बंगाल के लोग मुझे अभिनेत्री शताब्दी रॉय के रूप में प्यार करते थे। मैं अपने कर्तव्यों का पालन करना जारी रखूंगी।”

साथ ही शताब्दी रॉय ने लिखा, “अगर मैं कोई निर्णय लेती हूं तो इसे 16 जनवरी को 2 बजे घोषित करूंगी। मैं काम करने की पूरी कोशिश करती हूं, यहां तक कि दुश्मन भी इसे स्वीकार करते हैं। इस लिए इस नए साल में मैं एक निर्णय लेने की कोशिश में हूं, ताकि मैं आपके साथ पूरी तरह रह सकूं।”

शताब्दी रॉय के बगावत के संकेत के पीछे की वजह के बारे में टीएमसी सूत्रों का कहना है कि जब से शताब्‍दी रॉय ने सांसद विकास निधि का पैसा जनता में बांटा है स्‍थानीय नेता उनसे नाराज हैं। नाराजगी की वजह यह है कि ऐसा करते समय उन्‍होंने विकास कार्यों का चुनाव करते समय पार्टी की राय नहीं ली।

गौरतलब है कि इससे पहले बीते महीने ममता के करीबी और टीएमसी के दिग्गज नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी ममता से अपनी राहें अलग करते हुए बीजेपी का हाथ थाम लिया था। शुभेंदु के अलावा बर्दवान से टीएमसी के पूर्व सांसद सुनील मंडल भी बीजेपी में शामिल हुए थे। 

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