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पाकिस्तान प्रॉक्सी वॉर नहीं, वॉर ही लड़ रहा, आतंकवाद के कांटे को हम निकाल कर रहेंगे- प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत ने 75 साल तक प्रॉक्सी वॉर को बर्दाश्त किया है, लेकिन अब और नहीं। आज, 27 मई को गुजरात के गांधीनगर में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘जिसे हम प्रॉक्सी वॉर कहते थे, 6 मई के बाद जो दृश्य देखे गए, उसके बाद हम इसे प्रॉक्सी वॉर कहने की गलती नहीं कर सकते हैं।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘इस बार तो सब कैमरा के सामने किया, ताकि हमारे घर में कोई सबूत ना मांगे। मैं इसलिए कहता हूं अब इसे प्रॉक्सी वॉर नहीं कह सकते, क्योंकि जो आतंकवादियों के जनाजे निकले हैं। 6 मई के बाद जिनका कत्ल हुआ, उस जनाजे को स्टेट ऑनर दिया गया। उनके कॉफिन पर पाकिस्तान के झंडे लगाए गए और उनकी सेना ने उनको सैल्यूट दी। यह सिद्ध करता है कि आतंकवादी गतिविधि थी, प्रॉक्सी वॉर नहीं। यह आपकी सोची समझी युद्ध की रणनीति है, आप वॉर ही कर रहे हैं तो उसका जवाब भी वैसे ही मिलेगा।’

प्रधानमंत्री ने साफ कहा कि ‘1947 में मां भारती के टुकड़े हुए। कटनी चाहिए थी जंजीरें, लेकिन काट दी गईं भुजाएं। देश के तीन टुकड़े कर दिए गए और उसी रात पहला आतंकी हमला कश्मीर की धरती पर हुआ। मां भारती का एक हिस्सा आतंकवादियों के बलबूते पर, मुजाहिदीनों के नाम पर पाकिस्तान ने हड़प लिया। अगर उसी दिन इन मुजाहिदीनों को मौत के घाट उतार दिया गया होता और सरदार पटेल की बात मान ली गई होती, तो 75 साल से चला आ रहा ये सिलसिला देखने को नहीं मिलता।’

पाक प्रायोजित आतंकवाद पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘शरीर कितना ही स्वस्थ क्यों न हो, लेकिन अगर एक कांटा चुभ जाए तो पूरा शरीर परेशान रहता है। अब हमने तय कर लिया है उस कांटे को निकाल कर ही रहेंगे।’

गुजरात शहरी विकास की 20वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘जब गुजरात का गठन हुआ, तो चर्चा थी कि यह महाराष्ट्र से अलग होकर कैसे आगे बढ़ेगा और अपने विकास को कैसे सुनिश्चित करेगा। लेकिन आज वही गुजरात, जो कभी केवल नमक के लिए जाना जाता था, आज पूरी दुनिया में हीरों की चमक से पहचाना जाता है।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘उस समय क्या चर्चाएं होती थी कि गुजरात, महाराष्ट्र से अलग होकर क्या करेगा। गुजरात के पास क्या है। समंदर है, खारा पानी है। इधर रेगिस्तान है। उधर पाकिस्तान है, क्या करेगा। गुजरात के पास कोई मिनरल्स नहीं, गुजरात कैसे प्रगति करेगा। ऐसी चर्चा थी। वही गुजरात जिसके पास एक जमाने में नमक से ऊपर कुछ नहीं था। आज दुनिया में हीरे के लिए जाना जाता है। कहां नमक, कहां हीरे। यह यात्रा हमने काटी है।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘ये सिंदूरिया मिजाज है, ये सिंदूरिया स्पिरिट। 6 मई की रात ऑपरेशन सिंदूर, सैन्य बल से प्रारंभ हुआ था, लेकिन अब ये ऑपरेशन सिंदूर जन बल से आगे बढ़ेगा। और जब मैं सैन्य बल और जन-बल की बात करता हूं, तब ऑपरेशन सिंदूर जन-बल का मतलब मेरा होता है जन-जन। देश के विकास के लिए भागीदार बने। दायित्व संभालें।’

उन्होंने कहा कि ‘अगर हम इतना तय कर लें कि 2047 जब भारत की आजादी के 100 साल होंगे, विकसित भारत बनाने के लिए अब हम कोई विदेशी चीज का उपयोग नहीं करेंगे। देश को अगर बचाना है। देश को बनाना है। तो ऑपरेशन सिंदूर यह सिर्फ सैनिकों के जिम्मे नहीं है। ऑपरेशन सिंदूर 140 करोड़ नागरिकों के जिम्मे है। और इसके लिए वोकल फॉर लोकल, वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट पर जोर देना है। ऑपरेशन सिंदूर सैन्य बल से नहीं जन-बल से जीतना है दोस्तों। और जन-बल आता है मातृभूमि की मिट्टी में पैदा हुई हर पैदावार से आता है।’

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