Home विपक्ष विशेष रामचरितमानस की खिलाफत कर भावनाएं भड़काने की कोशिशें, बिहार के बाद यूपी...

रामचरितमानस की खिलाफत कर भावनाएं भड़काने की कोशिशें, बिहार के बाद यूपी में सपाइयों ने हिंदू आस्था के पवित्र ग्रंथ को फाड़कर कर जलाया, जूतों तले रोंदा…किसी और धर्म के खिलाफ बोलने का अखिलेश समर्थकों में साहस नहीं?

SHARE

एक चुभता-सा सवाल है कि क्या समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य में इतना साहस है कि वो सनातन आस्था के प्रतीक आदि ग्रंथ रामचरितमानस के अलावा किसी और धर्म की पुस्तकों को जला सकते हैं? ग्रंथों को जलाना तो दूर की बात है, क्या वो अन्य धर्मों के खिलाफ एक शब्द भी बोलने की हिम्मत कर सकते हैं?? जवाब सीधा है कि तुष्टीकरण की राजनीति में गर्दन तक धंसे स्वामी और उनके समर्थकों में इतनी शक्ति नहीं है। सपा नेता मौर्य की रामचरितमानस के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के चुप्पी साधने का ही दुष्परिणाम है कि अब सपाई और स्वामी समर्थक हिंदूओं के इस पवित्र ग्रंथ को जलाने तक की धृष्टता करने लगे हैं। सपा सुप्रीमो हिंदू धर्म ग्रंथ और हिंदुओं के अपमान को चुपचाप देख रहे हैं। कायदे से तो इन अधर्मियों को ऐसा दण्ड मिलना चाहिए कि ईश निंदा की कल्पना-मात्र से ही इनकी रूह कांप जाएं।सपा का इतिहास रहा है हिंदुओं की खिलाफत, मुस्लिमों के लिए कारसेवकों पर चलवाईं गोलियां
समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरितमानस को लेकर दी गई विवादित टिप्पणी के बाद से सियासी पारा स्वामी के समर्थकों की काली करतूत ने और चढ़ा दिया है। यूपी की राजधानी लखनऊ में स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थकों ने रामचरितमानस की प्रतियां जलाने का घोर पाप किया है। हालांकि हिंदुओं की खिलाफत का समाजवादी पार्टी का काला इतिहास रहा है। राम जन्मभूमि आंदोलन के समय अयोध्या में कारसेवकों पर गोलियां चलाने का आदेश सपा सरकार ने ही दिया था। इस कार्रवाई में कई लोग मारे गए थे। उस समय उत्तर प्रदेश के सीएम मुलायम सिंह यादव थे। वो पहले ही ऐलान कर चुके थे कि अयोध्या में ‘परिंदा’ पर नहीं मार पाएगा। लेकिन उनका ये बयान उनके लिए ही चुनौती बन गया। तुष्टिकरण की हद देखिए कि उनका कहना था कि अगर गोली चलाने का आदेश न देते तो मुसलमानों का देश से विश्वास उठ जाता।लखनऊ में स्वामी के समर्थकों ने रामचरितमानस की प्रतियों को आग के हवाले किया
मुलायम सिंह यादव न अयोध्या में कारसेवकों को रोक पाए और न ही श्रीराम मंदिर निर्माण। जन-जन की आस्था नगरी अयोध्या में भव्य मंदिर अगले साल देशवासियों के लिए खुल जाएगा। अब समाजवादी पार्टी के अराजक तत्व अपने नेता स्वामी प्रसाद के नेतृत्व में उन्हीं प्रभु श्रीराम के परम-पवित्र ग्रंथ रामचरितमानस का अपमान करने पर तुले हैं। राजधानी लखनऊ में स्वामी के समर्थकों ने रामचरितमानस की प्रतियों को आग के हवाले कर दिया। वे अपनी ओर से हिंदू जनमानस को भड़काने का पूरी तरह से प्रयास कर रहे हैं। इसके बावजूद अखिलेश यादव ने होंठ सिले हुए हैं। अलबत्ता उनकी एक नेत्री रोली मिश्रा में जरूर आत्मसम्मान जागा है और उसके आपत्ति जताते हुए स्वामी समर्थकों से सवाल किया है कि आज आप लोग अराजक होकर हमारे धर्म ग्रन्थों को जला रहे हैं? कल को तो आप सनातनियों की हत्या भी कर सकते हैं?

सपा नेता मौर्य ने रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताकर खड़ा किया विवाद
रामचरितमानस की समर्थकों द्वारा प्रतियां जलाने से पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने रविवार को गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरितमानस को सामाजिक भेदभाव और नफरत फैलाने वाला कहकर विवाद खड़ा कर दिया है। एक समाचार चैनल से बात करते हुए सपा नेता ने कहा कि महाकाव्य के कुछ छंद पिछड़े समुदाय और दलितों के लिए “जातिवादी और अपमानजनक” हैं और उन्हें हटा दिया जाना चाहिए। मौर्य ने तो यहां तक कह दिया कि जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर रामचरितमानस की कतिपय पंक्तियों से यदि समाज के किसी वर्ग का अपमान होता है, तो वह निश्चय ही ‘धर्म’ नहीं, ‘अधर्म’ है।सपा प्रत्याशी गुलशन यादव ने प्रतापगढ़ में किया था रामायण का अपमान
समाजवादी पार्टी के नेताओं ने हिंदू आस्था का पहले बार अपमान नहीं किया है। इससे पहले भी पिछले साल उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के कुंडा में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी गुलशन यादव पर हिंदू धर्म की धार्मिक पुस्तकों और चिह्नों को अपमानित करने का आरोप लगा है। 27 फरवरी 2022 की इस घटना को लेकर यादव के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई। इसमें वादी द्वारा कहा गया कि, “मैं अपने बरामदे में बैठा था। तभी गाड़ी से 25-30 आदमियों के साथ गुलशन यादव आए। हम सुबह वोट दे कर रामायण पढ़ रहे थे। तब माँ की गाली देते हुए वो बोले कि तू मुझे वोट नहीं दिला रहा। तू योगी को वोट दिला रहा। हमें वोट दिलाओ। वो हमारी फोटो और पीतल का दीपक भी उठा ले गए। रामायण को फेंका और योगी की फोटो जूते से कुचला। फिर उनके साथ वाले कार्यकर्ता उस फोटो को अपने साथ ले गए।अखिलेश यादव ने हिंदू साधु-संतों का ‘चिलमजीवी’ कहकर किया था अपमान

दरअसल, असली बात तो यही है कि समाजवादी पार्टी की सारी राजनीति हिंदू विरोध पर ही टिकी हुई है। यही वजह है कि समाजवादी पार्टी में हिन्दू धर्म और संस्कृति का अपमान करने वालों का जमावड़ा है। जहां सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने हिन्दू कारसेवकों पर गोलियां चलवाईं, वहीं मौजूदा सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने साधु-संतों को ‘चिलम जीवी’ बताकर अपमान किया था। ऐसे में उनके समर्थकों के बारे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। कानपुर के आर्यनगर से सपा के विधायक और उम्मीदवार रहे अमिताभ बाजपेई का एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें वो भगवान हनुमान और सुंदरकांड का अपमान करने वाला बयान देते नजर आ रहे हैं।

मेरे पास सुंदर पत्नी है और मैं कांड करता हूं- सपा विधायक ने ऐसे की सुंदरकांड की व्याख्या 

कानपुर के आर्यनगर से सपा के विधायक और उम्मीदवार अमिताभ बाजपेई का वायरल वीडियो  14 फरवरी, 2022 को वैवाहिक वर्षगांठ के मौके पर घर में कराए सुंदरकांड का पाठ का था। बाजपेई ने रोड शो के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ के वस्त्रों पर कटाक्ष करने के दौरान बेशर्मी से सुंदरकांड की व्याख्या की। उन्होंने कहा कि आज मेरी वैवाहिक वर्षगांठ की सिल्वर जुबली है। मैंने इस मौके पर सुंदरकांड करवाया तो मेरे मित्र बोलने लगे कि सुंदरकांड क्यों करवाया, कहीं घूमने-फिरने जाते। मैंने मित्रों से कहा कि मेरे पास तो सुंदर पत्नी है और मैं कांड करता रहता हूं, इसलिए मैंने सुंदरकांड करवाया है। विधायक इतने पर ही नहीं रुके और उन्होंने अपनी पत्नी की मर्यादा का भी ख्याल नहीं रखा। अपनी स्वयं की पत्नी का भी कहकर अपमान कर दिया। विधायक ने सामने खड़े लोगों से कहा कि आप की पत्नी भी तो काफी सुंदर हैं। आप सब लोगों ने तो मेरी पत्नी को देखा ही है, वह काफी सुंदर है। आजकल तो घर-घर जा रही है। जिसने नहीं देखा है तो देख लेना, लेकिन कुछ ऐसा-वैसा मत कर देना, नहीं तो मैं कांड कर दूंगा।

हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाई तो बीजेपी ने की जनता से सबक सिखाने की अपील

जब उनके बयान का वीडिया वायरल होने लगा और लोगों ने उन पर हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचने का आरोप लगाया, तो विधायक सफाई देने लगे। उन्होंने कहा कि इसमें धर्मग्रन्थ का अपमान जैसी कोई बात नहीं है। विधायक ने कहा, ‘उस दिन मेरी शादी की सालगिरह थी इसमें किसी को क्या प्रॉब्लम है। मैं भी बिसबिसुआ का ब्राह्मण हूं। मैं अपनी पत्नी से मजाक करूं, इसमें किसी दूसरे को टिप्पणी करने का क्या अधिकार है? सपा विधायक बाजपेई ने मजाक को निजी मामला बताया। उन्हें पत्नी से मजाक करने का पूरा अधिकार है। लेकिन जब निजी जानकारी को सार्वजनिक करेंगे तो लोग सवाल उठाएंगे ही। वहीं आर्यनगर विधानसभा के बीजेपी उम्मीदवार सुरेश अवस्थी ने कहा कि हिंदुओं के संस्कृति और धर्म को विधायक अमिताभ बाजपेई ने अपमानित किया है।  मतदान के पहले एक बार हिंदू भाई और बहनों को इस पर विचार करना चाहिए। भगवान हनुमान को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है सुंदरकांड का पाठ
गौरतलब है कि सुंदरकांड का पाठ भगवान हनुमान को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। सुंदरकांड, गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखी गई रामचरितमानस के सात अध्यायों में से पांचवां अध्याय है। सुंदरकांड की कथा सबसे अलग और निराली है। इसमें भगवान राम के गुणों की नहीं, बल्कि उनके भक्त के गुणों और उनकी विजय के बारे में बताया गया है। सुंदरकांड का पाठ करने वाले भक्त को हनुमान जी बल प्रदान करते हैं। सुंदरकांड का पाठ सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला माना गया है। किसी भी प्रकार की परेशानी या संकट हो सुंदरकांड के पाठ से यह संकट दूर हो जाता है।

बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को जलाने की बात ही कह डाली
हिंदुओं के विरोध की राजनीति भाजपा के अलावा अन्य दलों को आसान रास्ता लगता है। यही वजह है कि वे जब भी मौका मिलता है सनातन हिंदू धर्म का अपमान करने से बाज नहीं आते। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य से भी पहले रामचरितमानस पर बिहार के शिक्षा मंत्री और आरजेडी नेता ने भी बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आरजेडी के समर्थन से सरकार चला रहे हैं। आरजेडी के साथ आते ही नीतीश कुमार पर मुस्लिम तुष्टिकरण हावी हो गया। दोनों पार्टियों के नेता मुस्लिम तुष्टिकरण और हिन्दुओं को अपमानित करने का कोई मौका नहीं चूक रहे हैं। ऐसे नेताओं को नीतीश कुमार का मौन समर्थन मिल रहा है। यही वजह है कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को जलाने की बात ही कह डाली।

रामचरितमानस ग्रंथ दुनिया में नफ़रत फैलाने का काम करती है : बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का शर्मनाक बयान pic.twitter.com/mUGY4SbAf9

रामचरितमानस पर बिहार के शिक्षा मंत्री का अधूरा ज्ञान
गौरतलब है कि बीपी मंडल इंजीनियरिंग कॉलेज बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के विधानसभा क्षेत्र मधेपुरा के अंतर्गत आता है। चंद्रशेखर यादव ने नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में कहा था, ‘मनुस्मृति में समाज की 85 फीसदी आबादी वाले बड़े तबके के खिलाफ गालियां दी गईं। रामचरितमानस के उत्तर कांड में लिखा है कि नीच जाति के लोग शिक्षा ग्रहण करने के बाद सांप की तरह जहरीले हो जाते हैं। यह नफरत को बोने वाले ग्रंथ हैं। एक युग में मनुस्मृति, दूसरे युग में रामचरितमानस, तीसरे युग में गुरु गोलवलकर का बंच ऑफ थॉट, ये सभी देश को, समाज को नफरत में बांटते हैं। नफरत देश को कभी महान नहीं बनाएगी। देश को महान केवल मोहब्बत ही बनाएगी।’

एक और तुष्टिकरण: शैक्षणिक संस्थानों में सरस्वती पूजा पर भी पाबंदी 

बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर रामचरितमानस के खिलाफ ही अमर्यादित टिप्पणी करने के बाद भी नहीं रुके। उनकी तुष्टिकरण की राजनीति इससे पूरी नहीं हुई तो उन्होंने हिंदुओं के आदि ग्रंथ रामचरितमानस के बाद विद्यादायिनी मां सरस्वती के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी कर डाली। उन्होंने कहा कि अब शैक्षणिक संस्थानों में सरस्वती पूजा पर भी पाबंदी लगाई जा रही है। बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के विधानसभा क्षेत्र मधेपुरा में स्थित बीपी मंडल इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में सरस्वती पूजा पर रोक लगा दी गई है। इसके पीछे साम्प्रदायिक माहौल बिगड़ने की वजह बतायी जा रही है। इससे कॉलेज के छात्र भड़के हुए हैं।

माहौल बिगड़ने का बहाना बनाकर सरस्वती पूजा पर रोक

मधेपुरा के बीपी मंडल इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र 26 जनवरी को सरस्वती पूजा की तैयारी कर रहे थे। इसी बीच कॉलेज के प्रिंसिपल ई. अरविंद कुमार अमर ने कॉलेज परिसर में सरस्वती पूजा पर रोक लगा दी। उन्होंने इसके पीछे साम्प्रदायिक माहौल बिगड़ने की आशंका जतायी। उन्होंने दलील दिया कि सरस्वती पूजा की अनुमति देने से दूसरे धर्म के लोग भी इस तरह की मांग करेंगे। अरविंद कुमार ने कहा कि हमने किसी भी प्रकार के सार्वजनिक पूजा-पाठ, धार्मिक अनुष्ठान से संबंधित आयोजनों पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। उन्होंने छात्राों को चेतावनी दी है कि अगर कोई छात्र नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

छात्रों के साथ मारपीट, रिस्टीकेट करने की धमकी

कॉलेज प्रिंसिपल के इस फैसले के बाद छात्रों में काफी नाराजगी देखी जा रही है। छात्रों का कहना है कि कॉलेज प्रशासन से कैंपस में सरस्वती पूजा करने की मांग की थी, लेकिन उन्होंने कैंपस में प्रतिमा स्थापित करने से मना कर दिया। छात्रों का आरोप है कि प्राचार्य और फैकल्टी एसडी सिंह ने कुछ छात्रों के साथ मारपीट की और कई छात्रों को कमरे में बंद कर रिस्टीकेट करने की धमकी दी। विवाद बढ़ता देख पुलिस भी आक्रोशित छात्रों की समझाकर शांत कराने के लिए कैंपस में पहुंची, लेकिन पुलिस भी छात्रों को मनाने में नाकाम रहीं।

बिहार को पाकिस्तान बनाने की कोशिश कर रही नीतीश सरकार- गिरिराज सिंह

उधर बीजेपी नेता व केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिम्मेवार बताते हुए उनके खिलाफ हमला बोला। उन्होंने कहा कि राज्य में हिंदू देवी-देवताओं और सनातन धर्म मानने वाले लोगों के खिलाफ साजिश रची जा रही है। हिंदू धर्म ग्रंथों और देवी-देवताओं की पूजा रोक कर बहुसंख्यक हिंदू समाज के लोगों पर चोट पहुंचाया जा रहा है। नीतीश कुमार ही इस तरह की साजिश को संरक्षण दे रहे हैं। गिरारज सिंह ने कहा कि छात्र सरस्वती पूजा विद्या के मंदिर में नहीं करेंगे, तो क्या पाकिस्तान में करेंगे। नीतीश कुमार कुर्सी के लिए किसी हद तक नीचे जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज बिहार सरकार के संरक्षण में हिंदू देवी देवताओं का अपमान किया जा रहा है। लगता है नीतीश सरकार बिहार को पाकिस्तान बनाने की कोशिश में जुटी हुई है।

नीतीश को गुलाम रसूल और चंद्रशेखर के खिलाफ कार्रवाई की हिम्मत नहीं- सम्राट चौधरी

जेडीयू नेता गुलाम रसूल बलियावी ने झारखंड के हजारीबाग में एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान भड़काऊ भाषण दिया। बलियावी ने धमकी दी कि वो शहरों को कर्बला बना देंगे। भड़काऊ बयान देते हुए कहा बलियावी ने कहा, ‘मुझे जितनी गालियां देनी हैं दे लो, लेकिन मेरे आका की इज्जत पर हाथ डालो तुम, अगर मेरे आका की इज्जत पर हाथ डालोगे… तो अभी तो हम कर्बला मैदान में इकट्ठा हुए हैं, उनकी इज्जत के लिए हम शहरों को भी कर्बला बना देंगे।” मौलाना गुलाम रसूल बलियावी ने अपने भाषण में आगे कहा कि मोराबादी और रांची को जाम कर दो। इस पर बीजेपी नेता सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कुमार को गुलाम रसूल बलियावी और शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं है।

 

Leave a Reply