कोरोना वायरस संकट पर देश में 15 अप्रैल तक लॉकडाउन है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन के बाद से लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। घर से बाहर ना निकल कर लोग इस महामारी को मात देने की कोशिश में लगे हैं, लेकिन कुछ मीडिया हाउस फेक न्यूज से दहशत फैला कर कोरोना के खिलाफ अभियान को फेल करना चाहते हैं। कोरोना को लेकर न्यूज एजेंसी IANS के साथ NDTV और बिजनेस इनसाइडर ने यह दिखाने की कोशिश की कि भारत में कोरोना वायरस की भयावह स्थिति अगस्त के मध्य तक रह सकती है। अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी और सेंटर फॉर डिजीज डायनेमिक्स, इकोनॉमिक्स एंड पॉलिसी (CDDEP) की रिपोर्ट का हवाला देकर गया कि करीब 25 करोड़ लोग इस वायरस की चपेट में आकर अस्पताल पहुंच सकते हैं।
लेकिन जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी ने इस खबर या स्टडी से कोई लेना-देना ना होने की बात कह कर फेक न्यूज फैलाने वालों पोल खोल दी।
सोशल मीडिया पर लोगों ने एनडीटीवी को लताड़ लगानी शुरू कर दी।
The God of Fake News @ndtv is back with Fake Reports to create Panic.
NDTV said Johns Hopkins University has published a report saying India May see 25 crore cases in next 3 months.
Truth- University says they haven’t given any such reports. pic.twitter.com/PfsiAeYf5C
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) March 28, 2020
पोल खुलने के बाद एनडीटीवी ने खबर डिलीट कर दी।