भारत ने आज यानि एक दिसंबर को औपचारिक रूप से जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण कर लिया है। अब भारत एक साल के लिए जी-20 का अध्यक्ष रहेगा। इस मौके को खास बनाने के लिए मोदी सरकार ने विशेष तैयारियां की हैं। इस अवसर पर देश भर में 100 से अधिक स्मारकों पर जी-20 लोगो को दिखाया जाएगा। इसके अलावा स्मारकाें के बाहर जी-20 का लोगो भी लगाया जाएगा। इसके बाद शिखर सम्मेलन तक देश में 55 अलग-अलग जगहों पर संगठन की 200 से ज्यादा बैठकें होंगी। जी-20 की पहली बैठक दिसंबर के पहले सप्ताह में उदयपुर में होगी जब जी-20 के शेरपा मिलेंगे।
जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण करने के अवसर पर देशभर में फैले यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल समेत केंद्र सरकार संरक्षित सौ स्मारकों को गुरुवार एक दिसंबर से सप्ताह भर के लिए रोशनी से जगमग रहेंगे और इन पर इस प्रभावशाली समूह जी-20 के लोगो को उकेरा जाएगा। दिल्ली में हुमायूं का मकबरा, पुराना किला, लाल किला और कुतुब मीनार से लेकर गुजरात में मोढेरा सूर्य मंदिर, श्रीनगर के शंकराचार्य मंदिर, और ओडिशा में कोणार्क सूर्य मंदिर से बिहार में शेरशाह सूरी के मकबरे तक 100 ऐसे स्मारकों में रोशनी की जाएगी।
एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, जगमगाते स्मारकों पर जी-20 का लोगो दिखेगा। इसका आकार स्मारक की प्रकृति और संरचना पर निर्भर करेगा। ताज महल, आगरा किला और फतेहपुर सीकरी, तीनों यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों में स्मारकों के पास में एक पोल पर लोगो दर्शाया जाएगा। स्मारकों में सेल्फी प्रतियोगिता भी कराई जाएगी।
नागालैंड के हेरीटेज विलेज किसामा में आज से हॉर्नबिल उत्सव शुरू हो रहा है। इसमें जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण करने के अवसर पर जी-20 का प्रतीक चिन्ह् भी प्रदर्शित किया गया है। जी-20 प्रतीक चिन्ह् सभी प्रचार सामग्रियों में भी शामिल किया गया है। जी20 के मुख्य समन्वयक हर्षवर्धन श्रृंगला ने नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो के साथ हुई बैठक के दौरान वैश्विक स्तर पर हॉर्नबिल महोत्सव को प्रदर्शित करने के विषय पर चर्चा की थी। हॉर्नबिल उत्सव में नागा जाति की समृद्ध और जीवंत संस्कृति और सांस्कृतिक विरासत की विविधता और भव्यता को दर्शाया जाता है।
अध्यक्षता ग्रहण करने के बाद जी-20 शिखर सम्मेलन तक देश भर के 50 शहरों में 200 से अधिक बैठकों की योजना बनाई गई है। इनमें से कुछ बैठकों की मेजबानी करने के लिए देश के उन हिस्सों का चयन किया गया है जिनके बारे में लोगों को बहुत कम जानकारी है। सूत्रों के मुताबिक, इसके पीछे पीएम मोदी का उद्देश्य है कि सभी जिलों और ब्लॉक को जी20 से जोड़ा जाए और प्रधानमंत्री मोदी के विजन को जनभागीदारी के जरिए जन-जन तक संदेश पहुंचाया जाए।
भारत जी-20 में संस्कृति, सांस्कृतिक विरासत, विविधता और 75 वर्षों की अपनी उपलब्धियों और प्रगति को भी पेश करेगा। विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के अनुसार भारत अपनी अध्यक्षता में अगले साल 9 और 10 सितंबर को जी-20 के नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। पहली तैयारी बैठक 4-7 दिसंबर को उदयपुर में होगी।
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने बाली शिखर सम्मेलन में 16 नवंबर, 2022 को G-20 की अध्यक्षता आधिकारिक तौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सौंप दी थी। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि इस समूह की अध्यक्षता स्वीकार करना भारत के हर नागरिक के लिए गर्व की बात है। हम G-20 के हर सदस्य देश के प्रयासों के साथ इसे वैश्विक कल्याण के लिए लाभाकरी बनाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने G-20 सदस्य देशों को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत यह जिम्मा ऐसे समय पर उठा रहा है, जब विश्व जियो पॉलिटिकल तनाव, आर्थिक मंदी, खाद्यान्नों और ऊर्जा की बढ़ रही कीमतों और कोरोना के दीर्घकालीन दुष्प्रभावों से एक-साथ जूझ रहा है। ऐसे समय में विश्व G-20 की ओर आशा की नजर से देखता है।