फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह मोदी सरकार से कितना नफरत करते हैं, उसका प्रमाण वे अपने जहरीले बयानों से देते रहते हैं। कई बार तो उन्हें अपने जहरीले बयान को लेकर विरोध का भी सामना करना पड़ता है। लेकिन वे मौका मिलते ही अपनी अंदर की भड़ास निकालने का मौका नहीं चुकते। एक बार फिर उन्होंने मोदी सरकार के खिलाफ विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय फिल्म इंडस्ट्री इस्लामोफिबिया से ग्रसित है। अब सरकार प्रोपेगेंडा फिल्में बनाने के लिए फिल्ममेकर्स को बढ़ावा देती है।
शाह ने कहा कि कई बड़े लोग ऐसी फिल्में करते हैं। नाजी जर्मनी में ऐसा ही होता था। फिल्ममेकर्स जो काफी शानदार काम करते थे उन्हें नाजी के विचारधारा को प्रचार करने वाली फिल्मों को बनाने के लिए कहा जाता था। मेरे पास इसके पक्के सबूत नहीं हैं, लेकिन जिस तरह की बड़ी फिल्में आ रही हैं उससे आप इसका अंदाजा लगा सकते हैं।
नसीरुद्दीन शाह ने आगे कहा कि मुस्लिम नेता या छात्र जब कोई आम बयान भी देते हैं तो उनका खूब विरोध किया जाता है। लेकिन जब मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हिंसक बयान दिए जाते हैं तब कोई कुछ नहीं कहता। एक बार मुझे तो बॉम्बे से कोलंबो और कोलंबो से कराची तक की टिकट भेज दी गई थी।