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गरबा पंडाल में पहचान छिपाकर घुसे मुस्लिम युवक, हिंदू युवतियों की बना रहे थे वीडियो, पकड़े और पीटे जाने पर सेक्युलर और लिबरल गैंग कर रहा विलाप

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गरबा पंडाल लव जिहाद का बड़ा माध्यम बनता जा रहा था। इसको देखते हुए हिन्दू संगठनों ने बिना पहचान पत्र के गरबा में शामिल होने पर रोक की मांग थी। इसके बाद मध्य प्रदेश सरकार ने पिछले दिनों कहा कि गरबा पंडालों में बिना आईडी कार्ड के एंट्री नहीं मिलेगी। इस पर अमल भी शुरू हो गया। प्रशासन ने गरबा आयोजन समितियों को किसी भी व्यक्ति को उनके पहचान पत्र के सत्यापन किए बिना आयोजन स्थल पर एंट्री नहीं देने का निर्देश दिया। इसके बावजूद एमपी के इंदौर और गुजरात के अहमदाबाद में पहचान छिपाकर गरबा पंडाल में घुसने और हिन्दू लड़कियों का वीडिया बनाने का मामला सामने आने से आयोजक हैरान है। इस मामले में 7 मुस्लिम युवकों की गिरफ्तारी और एक मुस्लिम युवक की पिटाई से विवाद उत्पन्न हो गया है। 

गरबा में बिना आईडी प्रवेश करने पर पहली कार्रवाई इंदौर में हुई। इंदौर पुलिस ने पंढरीनाथ थाना क्षेत्र में आयोजित किए जा रहे गरबा कार्यक्रम में घुसे 7 मुस्लिम युवकों को गिरफ्तार कर लिया। मुस्लिम युवकों ने पहले तो गलत जानकारी देकर गरबा पंडाल में प्रवेश किया। इसके बाद गरबा खेल रही हिन्दू लड़कियों का वीडियो बनाने लगे। इस पर वहां मौजूद बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने विरोध किया तो उलटे उलझ पड़े। इसके बाद, जब आईडी मांगी गई तो नहीं दे सके। पुलिस ने सभी पर धारा 151 के तहत कार्रवाई की है।

उधर गुजरात के अहमदाबाद में भी इसी तरह का एक मामला सामने आया। अहमदाबाद के कर्णावती क्लब में प्रतिबंध के बाद भी पहचान छुपाकर चार मुस्लिम युवक घुस गए। इन मुस्लिम युवकों को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पकड़ने की कोशिश की। इस दौरान तीन युवक भागने में सफल रहे जबकि एक पकड़ा गया। इसके बाद बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने लव जिहाद का आरोप लगाते हुए युवक की जमकर पिटाई की और उसे वहां से भगा दिया। सोशल मीडिया पर अब घटना का वीडियो वायरल हो रहा है।

सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल होने के बाद सेक्युलर और लिबरल गैंग भी सामने आ गया। इस मामले में उनकी टिप्पणी देखकर लगता है कि पिटाई मुस्लिम युवकों की हुई और दर्द उन्हें हो रहा है। लव जिहाद के तहत हिन्दू लड़कियों की हत्या के मामले में मौन साधे रखने वाला सत्य हिन्दी का दर्द भी उभर कर सामने आया। उसे नाम छिपाने और प्रतिबंध के बावजूद किसी कार्यक्रम में हिस्सा लेने पर कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन उसे पिटाई से बहुत परेशानी हो रही है। सत्य हिन्दी ने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर कुछ महीने पहले हरियाणा से लेकर मध्य प्रदेश और कर्नाटक तक हंगामा करने का आरोप लगाया। वहीं हिन्दू-मुस्लिम एकता की बात करने वाले सेक्युलर पत्रकार विनोद कापड़ी भी पीछे नहीं थे। उनका दर्द तो 2014 से चला आ रहा है, जो जगजाहिर है।

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर दो हफ्ते पहले बयान दिया था कि जो भी अल्पसंख्यक अपने धर्म से ऊब गए हैं, जिस मुस्लिम की मूर्ति पूजन में आस्था है, वे अपने परिवार के साथ गरबा महोत्सव में आ सकते हैं। दूसरे धर्म के लोग जो गरबा में आना चाहते हैं, उन्हें परिचय पत्र दिखाकर गरबा में प्रवेश दिया जाएगा। इसलिए सवाल उठ रहे हैं कि इतनी सहिष्णुता दिखाने के बावजूद पहचान छिपाने की जरूरत क्यों पड़ रही है ? क्या लव जिहाद के लिए पहचान को छिपाया जा रहा है ? सेक्युलर और लिबरल गैंग को हिन्दू लड़कियों और हिन्दुओं की आस्था से खेलने वालों से इतनी हमदर्दी क्यों है ?

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