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केजरीवाल की स्वच्छ राजनीति का वादा निकला खोखला, AAP के आधे से अधिक उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज

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दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल राजनीति के कीचड़ को साफ करने के लिए सियासी मैदान में उतरे थे। उन्होंने दावा किया था कि आम आदमी पार्टी किसी दागी को उम्मीदवार नहीं बनाएगी। हमारी पार्टी थ्री सी (करेक्टर, करप्शन और क्राइम) के अपने सिद्धांत से कोई समझौता नहीं करेगी। लेकिन जिस बात को आधार बनाते हुए केजरीवाल सत्ता में आए, वे उसे ही भुला बैठे। उन्होंने व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर जनता को ठगने के अलावा कुछ नहीं किया। इसकी पुष्टि एसोसिएशन ऑफ़ डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट से होती है। एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के आधे से अधिक उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज़ है।

8 फरवरी को दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनावों से ठीक पहले एडीआर ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के शपथ पत्रों का विश्लेषण किया। चुनाव में कुल 673 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। एडीआर की रिपोर्ट बताती है कि 133 उम्मीदवार (20 प्रतिशत) आपराधिक मामलों में लिप्त हैं। जबकि 104 (15 प्रतिशत) गंभीर आपराधिक मामले में शामिल हैं। आम आदमी पार्टी के 70 उम्मीदवारों में से 36 पर आपराधिक मामले दर्ज है।

आपराधिक मामलों में संलिप्त उम्मीदवारों की संख्या में 2015 विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार वृद्धि हुई है। 2015 के चुनाव के दौरान 17 प्रतिशत उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज़ थे वहीं 11 प्रतिशत पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज़ थे। 2020 के चुनाव में 32 उम्मीदवार ऐसे हैं जो महिलाओं से संबंधित अपराध में लिप्त हैं। जबकि चार पर हत्या की कोशिश केे मामले हैं। वहीं, 20 प्रत्याशी पर दोष सिद्ध हो चुके हैं, जिन्होंने खुद शपथ पत्र में स्वीकार किया है।

गंभीर आपराधिक मामलों के लिए एडीआर ने जो मापदंड रखे हैं उनमें पांच साल या उससे अधिक सज़ा वाले अपराध, गैर-जमानती अपराध, हमला, हत्या, अपहरण, बलात्कार से संबंधित अपराध, महिलाओं से संबंधित अपराध शामिल हैं।

आर्थिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो कुल 672 में से 243 करोड़पति (36%) उम्मीदवार चुनावी दंगल में हैं। पिछले चुनाव में यह संख्या 673 उम्मीदवारों में से 230 (34%) थी। राजनीतिक दलों में कांग्रेस के 66 उम्मीदवारों में से 55 (83%) करोड़पति हैं। आप के 70 में से 51 (73%), भाजपा के 67 में से 47 (70%), बसपा के 66 में से 13 (20%) और एनसीपी के 5 उम्मीदवार में से 3 ( 60%) करोड़पति की श्रेणी में हैं। वहीं, शीर्ष दस में से अधिकतम संपत्ति वाले उम्मीदवारों में पांच आम आदमी पार्टी के हैं। इनमें मुंडका क्षेत्र से आप प्रत्याशी धर्मपाल लाकड़ा 292 करोड़ से ज्यादा, आरकेपुरम से प्रमिला टोकस और बदरपुर क्षेत्र के उम्मीदवार राम सिंह 80 करोड़ से ज्यादा के मालिक हैं। इस सूची में भाजपा के तीन और कांग्रेस के दो प्रत्याशी शामिल हैं।

केजरीवाल के मुख्यमंत्री बनते ही उनका असली चेहरा आम लोगों के सामने आने लगा। आइए देखते हैं कि किस तरह से भ्रष्टाचार, व्यभिचार और अत्याचार में गुजर गए पांच साल-

दागी विधायकों की संख्या बढ़ी

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार सिर्फ अराजकता से ही नहीं, बल्कि आपराधियों से भी भरी हुई है। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि केजरीवाल समेत आम आदमी पार्टी के 57 विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से आधे से अधिक विधायकों के खिलाफ हत्या, लूट, डकैती, रेप जैसे संगीन अपराधों के तहत केस दर्ज हैं और ये जेल भी जा चुके हैं। पार्टी के कई विधायकों पर संगीन आरोप लग चुके हैं और कई तो जेल की हवा भी खा चुके हैं। समय के साथ केजरीवाल के साथी असीम अहमद, राखी बिड़लान, अमानतुल्ला, दिनेश मोहनिया, अखिलेश त्रिपाठी, संजीव झा, शरद चौहान, नरेश यादव, करतार सिंह तंवर, महेन्द्र यादव, सुरिंदर सिंह, जगदीप सिंह, नरेश बल्यान, प्रकाश जरावल, सहीराम पहलवान, फतेह सिंह, ऋतुराज गोविंद, जरनैल सिंह, दुर्गेश पाठक, धर्मेन्द्र कोली और रमन स्वामी जैसे आप विधायक और नेताओं पर आरोपों की लिस्ट लंबी होती गई है। जाने-माने आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ. डी सी प्रजापति ने दिल्ली पुलिस से सूचना के अधिकार के तहत आम आदमी पार्टी के विधायकों पर दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी मांगी। उन्हें दिल्ली पुलिस की तरफ से जो जानकारी दी गई है, उससे साफ पता चलता है कि आम आदमी पार्टी सिर्फ अपराधियों की पार्टी बनकर रह गई है।

छेड़खानी में फंसे कई आप विधायक

दिल्ली के मुख्यमंत्री महिलाओं के मुद्दे पर कितने संवेदनशील है इसका अंदाजा इससे लगता है कि उन्होंने यौन उत्पीड़न के एक मामले में पीड़िता को समझौता करने के लिए कहा था। नरेला से आप कार्यकर्ता सोनी ने मौत से पहले पार्टी के ही एक कार्यकर्ता रमेश भारद्वाज पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। महिला का कहना था कि रमेश भारद्वाज की शिकायत लेकर वह मुख्यमंत्री से भी मिली थी, मगर कोई सुनवाई नहीं हुई। उसने केजरीवाल पर आरोप लगाया कि उन्होंने भारद्वाज से समझौता करने को कहा। अरविन्द ने कहा था कि बैठकर बात कर लो, रमेश माफी मांग लेगा। महिला ने आरोप लगाया कि रमेश शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव डालता था। वह कहता था कि राजनीति में ऊपर जाने के लिए समझौता करना पड़ता है। सोनी मामले में आम आदमी पार्टी के विधायक शरद चौहान को जेल भी जाना पड़ा क्योंकि सोनी ने उन पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया था।

इसके साथ ही प्रकाश जारवाल पर एक महिला ने छेड़खानी और धमकी देने का आरोप लगाया। आप नेता रमन स्वामी पर संगीन इल्जाम लगा कि उन्होंने शादीशुदा महिला के साथ बलात्कार किया। महिला ने नेताजी पर दोस्ती के बाद नौकरी दिलाने का झांसा देने और बलात्कार करने का आरोप लगाया जो मेडिकल परीक्षण में साबित भी हुआ। दिनेश मोहनियां पर न सिर्फ एक महिला ने बदसलूकी का आरोप लगाया था, बल्कि एक बुजुर्ग ने भी उनके खिलाफ थप्पड़ जड़ने का आरोप लगाया था। विधायक अमानुल्लाह खान पर उनके ही इलाके में रहने वाली एक महिला ने बलात्कार और हत्या की धमकी देने का आरोप लगाया। महिला कल्याण मंत्री संदीप कुमार ने तो ऐसा कारनामा कर डाला कि केजरीवाल सरकार मुंह दिखाने लायक नहीं रह गयी। एक ऐसी सीडी सामने आयी जिसमें संदीप कुमार महिलाओं के साथ अंतरंग अवस्था में थे।

कानून मंत्री की डिग्री निकली फर्जी

आम आदमी पार्टी की सरकार भले ही ईमानदारी की सर्टिफिकेट बांटने का दम्भ भरती हो, लेकिन खुद उनके कानून मंत्री की डिग्री फर्जी निकली। जालसाजी कर उन्होंने डिग्री हासिल की थी। इस आरोप में दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। केजरीवाल भी लम्बे समय तक तोमर के साथ खड़े रहे। कहते रहे कि आरोप अभी साबित नहीं हुआ है। विवि ने तोमर की डिग्री को गलत बताया है। तोमर की डिग्री का पूरा मामला अब भी दिल्ली हाईकोर्ट में चल रहा है।

सोमनाथ भारती पर लगे पत्नी के साथ मारपीट के आरोप

सोमनाथ भारती पर कानून मंत्री रहते अपनी पत्नी के साथ मारपीट करने, उन्हें कुत्ते से कटवाने के आरोप लगे। वहीं, आम आदमी पार्टी ने कभी एक महिला की आवाज़ नहीं सुनी। महिला आयोग के बुलाने पर सोमनाथ ने वहां पहुंचना जरूरी नहीं समझा। आखिरकार पत्नी ने केस दर्ज कराया।

 

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