प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त, 2019 को 73वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले के प्राचीर से ‘जल जीवन मिशन’ की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश में अभी भी 50 प्रतिशत से अधिक परिवारों को पाइप के जरिये पानी नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा की जल-जीवन मिशन के लिए केंद्र और राज्य सरकारें साथ मिलकर काम करेंगी। प्रधानमंत्री मोदी ने इस मिशन के तहत वर्षा के पानी को रोकने, माइक्रो इरिगेशन, पानी बचाने का अभियान, सामान्य नागरिकों को जागरूक करने और बच्चों को पानी के महत्ता की शिक्षा देने की अपील की।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ‘जल जीवन मिशन’ पर साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये खर्च कर रही है। इस मिशन के तहत 2024 तक हर घर में पाइप के द्वारा पानी पहुंचाने का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से आगे आने और जल संसाधनों के संरक्षण में योगदान देने का भी आग्रह किया।
जल जीवन मिशन की शुरुआत 2050 की आवश्यकता को ध्यान में रखकर किया गया है। योजना के तहत पानी की उपलब्धता 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रति दिन निर्धारित की गई है। वर्षा जल के संचयन के लिए पारंपरिक जल स्रोतों के कायाकल्प और आधारभूत संरचना के विकास को प्राथमिकता दी गई है। सकार ने घरों से निकलने वाले अशुद्ध जल को कृषि में इस्तेमाल की योजना तैयार की है, ताकि अशुद्ध जल को नदियों में गिरने से रोका जा सके।
मोदी सरकार ने ग्राउंड वॉटर को रिचार्ज करने का फैसला किया है। इसके लिए 25 दिसंबर, 2019 को अटल भूजल योजना का शुभारंभ किया गया। इस योजना का उद्देश्य भूजल स्तर को ऊपर उठाना है। योजना पर छह हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इस योजना से सात राज्यों के 8,350 गांवों को फायदा होगा। सरकार ने जल संरक्षण के लिए बेहतर काम करने वाली ग्राम पंचायतों को प्रोत्साहन राशि देने का ऐलान किया है।
आइए एक नजर डालते हैं मोदी सरकार द्वारा जल संरक्षण के लिए किए गए इंतजामों पर…
- 7 फरवरी, 2020 तक 17,137 चेकडैमों का निर्माण
- 7 फरवरी, 2020 तक 16,308 नालों का निर्माण
- 72,495 तालाबों को क्रियाशील बनाया गया
- गांवों में मनरेगा बनी जल संरक्षण के लिए वरदान
- मनरेगा में सूचीबद्ध कार्यों में 46 जल संरक्षण से संबंधित
- वर्षा जल के संग्रहण के लिए ‘‘कैच द रेन’’ अभियान शुरू
- आर्सेनिक एवं फ्लोराइड प्रभावित बस्तियों में शुद्ध पेयजल
- कॉर्पोरेट जल दायित्व को अपनाने की अपील की गई
- पिछले 5 वर्षों में स्वच्छ गंगा मिशन में व्यापक सुधार
- 5 सालों में गांगेय डॉल्फिन की संख्या 10 से बढ़कर 2000 हुईं
- मोदी सरकार ने स्वच्छ गंगा कोष बनाने की स्वीकृति दी
- नमामि गंगे मिशन द्वारा गंगा और सहायक नदियों का संरक्षण
- 7 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का काम पूरा
- 21,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर
- 2022 तक पूरी तरह बंद होंगे गंगा में गिरने वाले गंदे नाले
- अंतर्राज्यीय नदी जल विवाद (संशोधन) विधेयक, 2019 को मंजूरी
- पहले चरण में देश की 30 नदियों को जोड़ने की योजना
जल संचय केंद्र बने गांव
- पीएम मोदी ने सरपंचों और ग्राम प्रधानों को लिखा पत्र
- 22 जून, 2019 को देश भर में ग्राम सभाओं की हुईं बैठक
- ग्राम सभाओं में पीएम मोदी का पत्र पढ़ा गया
- पानी के संचयन में ग्रामीण जन भागीदारी को बढ़ावा
- गांव की जरूरतों के मुताबिक पानी से जुड़ी योजनाओं पर जोर
- ग्राम पंचायतों में पानी समिति का गठन
- पानी समिति के खाते में सीधे पैसा भेजने का प्रावधान