प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी महिला सुरक्षा को लेकर काफी प्रतिबद्ध है। बीते पांच वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने महिलाओं के भीतर सुरक्षा की भावना जगाने के लिए कई सख्त कदम उठाए हैं। आपराधिक कानून (संशोधन) विधेयक 2018 में महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी प्रावधान किए गए हैं। बच्चियों से बलात्कार मामले में फांसी की सजा का प्रावधान के साथ ही बलात्कार के अन्य मामलों में कारावास की अवधि में बढ़ोतरी की गई है। वहीं महिला अपराधों की घटनाओं को देखते हुए हर पुलिस स्टेशन में महिला सहायता डेस्क बनाने का निर्णय लिया गया है। इससे न सिर्फ महिलाओं में विश्वास जागा है, बल्कि वो आत्मनिर्भर भी हुईं हैं।
आइए एक नजर डालते हैं मोदी सरकार द्वारा महिला सुरक्षा को लेकर उठाए गए कदमों पर…
- बच्चियों से यौन अपराध मामले में मौत की सजा का प्रावधान
- लड़कियों से रेप मामले में 20 वर्ष की कारावास का प्रावधान
- रेप के अन्य मामलों में न्यूनतम सजा 7 से बढ़ाकर 10 साल
- महिला अधिकारियों को रेप मामलों की जांच करने का अधिकार
- अस्पतालों में रेप पीड़िता को मुफ्त इलाज की सुविधा
- लड़कियों से रेप मामलों में अग्रिम जमानत नहीं
- 1000 से ज्यादा फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट बनाए जाएंगे
महिलाओं में सुरक्षा की भावना जगाने के लिए कई उपाय किए गए हैं…
- 2019 में “यौन अपराधों के लिए जांच निगरानी प्रणाली” लॉन्च
- 2018 में “यौन अपराधियों पर एक राष्ट्रीय डेटाबेस” लॉन्च
- महिलाओं की मदद के लिए वुमन हेल्पलाइन 181 शुरू
- मोबाइल फोन में पैनिक बटन और जीपीएस सुविधा अनिवार्य
- कार्यस्थलों पर महिलाओं के लिए सुरक्षा कानून लागू
- कार्यालयों में यौन उत्पीड़न मामले में शिकायत के लिए She Box
- बच्चियों के यौन शोषण की शिकायत के लिए पॉक्सो ई-बॉक्स
- पुलिस, चिकित्सा और कानूनी सहायता के लिए ‘वन स्टॉप सेंटर्स’
- देश के 8 शहरों में सेफ सिटी परियोजना शुरू की गई
- महिला पुलिस स्वयंसेवक योजना की शुरुआत की गई
- महिलाओं की सुरक्षा के लिए ‘निर्भया एप’ और ‘हिम्मत एप’ लॉन्च