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पीएम मोदी विपक्षी दलों को चैन से रहने नहीं देते, ‘द प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ देख बिलबिला रहा विपक्ष

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भारत का विपक्ष जहां सोचना खत्म करता है, वहां से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक नई पहल कर विपक्ष को फिर से सोचने के लिए मजबूर कर देते हैं। अभी विपक्ष I.N.D.I.A गठबंधन बनाकर प्रधानमंत्री मोदी को चुनौती देने के सपने बुन रहा था, इसी बीच मोदी सरकार ने राष्ट्रपति भवन की ओर से जी20 रात्रिभोज के लिए ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ के बजाय ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ के नाम पर निमंत्रण भेज कर उन्हें हैरान और परेशान कर दिया है। विपक्ष अब अपने ही बुने जाल में उलझ चुका है। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि I.N.D.I.A का बचाव कैसे करें। हालांकि अभी तक ‘भारत’ नाम को लेकर आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन बदलाव के संकेत ने I.N.D.I.A के प्रति विपक्ष के लगाव और गुलामी की मानसिकता को बेनकाब कर दिया है। निमंत्रण पत्र पर ‘भारत’ नामक तीर से कितना अचूक निशान लगा है, इसका अंदाजा विपक्ष और उनके सरपरस्तों की बौखलाहट से लगाया जा सकता है।  

‘इंडिया’ शब्द को हटाने की मोदी सरकार की योजना से इंडिया गठबंधन के नेता काफी विचलित है। अब विपक्ष के हाथ से उसका सबसे बड़ा हथियार छीना जा रहा है। इससे पूरी तरह से असहाय विपक्षी खेमे में खलबली मची हुई। विपक्ष के तमाम नेता प्रधानमंत्री मोदी के एक मास्टर स्ट्रोक से त्राहिमाम कर रहे हैं। गठबंधन में शामिल कई नेता मुखर हो कर सरकार के इस कथित बदलाव का विरोध कर रहे हैं, वहीं कुछ विपक्षी दल दबी जुबान में इसका समर्थन कर रहे हैं। एक संकेत मात्र से विपक्षी खेमे में फूट नजर आ रही है। कई दलों के नेताओं ने मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि देश किसी राजनीतिक दल का नहीं है। उन्होंने सवाल किया है कि बीजेपी ‘इंडिया’ को कैसे खत्म कर सकती है?

आइए देखते हैं विपक्ष ‘भारत’ से किस तरह नफरत करता है और गुलामी की मानसिकता के प्रतीक ‘इंडिया’ से प्यार करता है…

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा, ” “मोदी इतिहास के साथ छेड़छाड़ और इंडिया को बांटना जारी रख सकते हैं, जो भारत है, जो राज्यों का संघ है। लेकिन हम नहीं रुकेंगे। आख़िरकार ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दलों का मक़सद क्या है? ये भारत है- ब्रिंग हार्मनी, एमिटी, रिकंसिलिएशन एंड ट्रस्ट। जुड़ेगा भारत, जीतेगा इंडिया।”

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, “मोदी जी को ‘इंडिया’ नाम से तकलीफ हो रही है, अब वे इसका नाम बदलकर ‘भारत’ कर रहे हैं। आज पूरी दुनिया आपके ऊपर हंस रही है। आप हमसे और हमारी विचारधारा से नफरत करते हैं, कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन इंडिया से नफरत मत कीजिए, भारतवासियों से नफरत मत कीजिए।”

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, “हम ‘इंडिया’ और ‘भारत’, दोनों नामों में गर्व महसूस करते हैं। इसरो, आईआईटी, आईआईएम, आईपीएस। इन सभी में ‘आई’ का मतलब इंडिया है। लेकिन बीजेपी सरकार ‘इंडिया’ गठबंधन से इतना डर गई है कि बेबुनियाद काम कर रही है।”

आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, “मुझे कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है कि यह (नाम परिवर्तन) हो रहा है। सिर्फ इसलिए कि कई विपक्षी दलों ने एक गठबंधन बनाया है और इसे INDIA कहा है, क्या केंद्र देश का नाम बदल देगा? देश 140 करोड़ लोगों का है, किसी एक पार्टी का नहीं है। अगर गठबंधन का नाम बदलकर भारत कर दिया जाए तो क्या वे भारत का नाम बदलकर बीजेपी कर देंगे?”

आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन के निमंत्रण पत्र पर ”President of India’ की जगह ‘President of Bharat’ लिखा गया है। बीजेपी के इस कदम से एक सार्वजनिक बहस शुरू हो गई है। बीजेपी ‘इंडिया’ को कैसे खत्म कर सकती है? यह देश 135 करोड़ भारतीयों का है। उन्होंने कहा, ”हमारी राष्ट्रीय पहचान बीजेपी की निजी संपत्ति नहीं है कि वह अपनी इच्छानुसार इसमें बदलाव कर सके।”

तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने बीजेपी पर निशाना साधा है। उन्होंने माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि बीजेपी ने भारत को बदलने का वादा किया था, लेकिन केवल नाम बदला। आरोप लगाया कि बीजेपी इंडिया को भारत में बदलना चाहती है। दक्षिण भारतीय राज्य के सीएम ने यह भी दावा किया कि भगवा पार्टी विपक्षी गुट के नाम ‘इंडिया’ शब्द से घबड़ा गई है।

लालू यादव के पुत्र और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने ‘भारत’ नाम के संभावित बदलाव पर कहा कि हमारा नारा है “जुड़ेगा भारत, जीतेगा INDIA”। भारत ही INDIA है और INDIA ही भारत है। मोदी सरकार घबराहट में INDIA से डरी हुई है। मोदी जी खुद Vote for INDIA मांगते हैं।

आरजेडी के सांसद मनोज कुमार झा ने कहा कि कुछ क्रिकेट वाले,कुछ फिल्म वाले, कुछ पत्रकार टाइप मित्रगण इंडिया बनाम भारत के फ़िज़ूल के युग्मक में कूदा दिए गए हैं। संविधान का पक्ष देखिये फिर इंडिया और भारत नाम की व्युत्पत्ति की थोड़ी जानकारी लीजिये क्योंकि ये whatsapp forward पर उपलब्ध नहीं है। बाकी मूढ़ता जिंदाबाद का वक़्त है।

उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने सोशल मीडिया में लिखा है कि मैं अभिनंदन करना चाहता हूं हमारे देशभक्त साथी राजनीतिक दलों का। “भारत जोड़ो यात्रा” से हो, “जुड़ेगा भारत- जीतेगा INDIA” की अलायंस हो, इस बहाने, “खेलों इंडिया”, “फिट इंडिया”, “मेक इन इंडिया”, “स्किल इंडिया” जैसे नारेबाजी में व्यस्त सरकार को याद दिलाया कि हमारे देश का नाम India भी है, और भारत भी! लेकिन अभी यह भी सोचना जरूरी है कि जो भूमि चीन ने हमसे छिनी है, वह भी भारत है, और जो G20 के लिए curtain cover के पीछे छुपाए गये है, वह भी भारतवासी है।

उधर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया और यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने ‘भारत’ और ‘इंडिया’ पर सधी हुई प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बीजेपी और इंडिया गठबंधन से समान दूरी बनाते हुए कहा कि इस मामले में पक्ष और विपक्ष एक साथ हैं। दोनों की इस मामले में मिलीभगत है। बसपा इसका समर्थन नहीं करती है। उन्होंने कहा कि देश के नाम को लेकर अपने संविधान के साथ छेड़छाड़ करने का मौका बीजेपी के NDA को खुद विपक्ष ने एक सोची समझी रणनीति के तहत अपने गठबंधन का नाम INDIA रखकर दिया है। यह भी कहा जा सकता है कि यह सब सत्ता और विपक्ष अंदरूनी रूप से मिलकर कर रहे हैं। इसकी भी आशंका है।

आइए देखते हैं दरबारी पत्रकार किस तरह ‘भारत’ से नफरत करते हैं और संभावित बदलाव पर छाती पीट रहे हैं…

विपक्षी दलों के अलावा दरबारी पत्रकारों में भी खलबली मची है। उन्हें ‘भारत’ नाम से इतनी नफरत है कि वो खुलकर मोदी सरकार के इस संभावित बदलाव का विरोध कर रहे हैं। भारत और उसकी संस्कृति के प्रति इनके अंदर कितनी घृणा है, वो बाहर निकल रहा है। अभी आधिकारिक तौर पर देश का नाम नहीं बदला है, फिर भी मोदी सरकार पर जमकर भड़ास निकला रहे हैं। कोई सीधा ‘आर्यावर्त’ कर देने का सुझाव दे रहा है, तो कोई कहा रहा है कि मोदी जी भारत का नाम बदल कर क्या साबित करने की कोशिश कर रहे हैं।

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