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जल जीवन मिशन की बड़ी कामयाबी: 13 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों में पहुंचा नल से जल

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त, 2019 को लाल किले के प्राचीर से जल जीवन मिशन (जेजेएम) की घोषणा की थी। इस मिशन के तहत 2024 तक हर घर में पाइप के द्वारा पानी पहुंचाने का लक्ष्य है। इस जल जीवन मिशन के तहत 13 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों में नल से जल पहुंचा कर नया कीर्तिमान स्थापित किया गया है। इस मिशन की घोषणा होने के वक्त देश भर में 19.27 करोड़ घरों में से केवल 3.23 करोड़ यानी सिर्फ 17 प्रतिशत घरों में ही पानी का कनेक्शन था, जो 4 वर्षों में बढ़कर 13 करोड़ पर पहुंच चुका है। मोदी सरकार ने इस दौरान कोरोना महामारी और लॉकडाउन होने के बाद भी जल जीवन मिशन के तहत ज्यादातर ग्रामीण घरों तक नल से जल उपलब्ध करा दिया है। इससे आज देश के 13 करोड़ से अधिक घरों को नल से साफ पानी की आपूर्ति का लाभ मिल रहा है।

देश के 6 राज्यों- गोवा, तेलंगाना, हरियाणा, गुजरात,पंजाब और हिमाचल प्रदेश के साथ 3 केंद्र शासित प्रदेशों पुडुचेरी, दमन और दीव तथा दादरा और नगर हवेली और अंडमान एंड निकोबार द्वीप समूह में हर घर नल से जल के दायरे में आ चुके हैं। इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के हर गांव के हर घर और सार्वजनिक संस्थान को पर्याप्त, सुरक्षित और नियमित नल से जल की आपूर्ति हो रही है। जल्द दी बिहार 96.39 प्रतिशत, मिजोरम 92.12 प्रतिशत के साथ जल्द ही संपूर्ण कवर के लिए तैयार हैं। फिलहाल देश के 145 जिलों और 1,86,818 गांवों ने 100 प्रतिशत नल से जल की आपूर्ति जारी है।

केंद्र और राज्य सरकारों के प्रयासों के कारण देश में 9.15 लाख स्कूलों और 9.52 लाख आंगनवाड़ी केंद्रों में नल से जल आपूर्ति हो रही है। देश के 112 आकांक्षी जिलों में मिशन के लॉन्च के समय केवल 21.41 लाख घरों में नल का पानी उपलब्ध था, जो अब बढ़कर 1.81 करोड़ घरों में हो गया है।

जल जीवन मिशन ‘सोपान’ (बॉटम-अप) दृष्टिकोण का पालन करता है, जहां समुदाय योजना बनाने से लेकर उसे कार्यान्वित करने, प्रबंधन, संचालन और रख-रखाव के काम में अहम भूमिका निभाते हैं। इसे प्राप्त करने के लिए ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति (वीडब्लूएससी) /पानी समिति का गठन किया गया है तथा उन्हें मजबूत बनाया जा रहा है। समुदाय की सहभागिता से ग्रामीण कार्य-योजना विकसित की गई है, कार्यान्वयन समर्थन एजेंसियों को साथ लाया गया, ताकि कार्यक्रम के क्रार्यान्वयन में ग्रामीण समुदायों का समर्थन किया जा सके तथा लोगों में जागरूकता पैदा की जा रही है। अब तक देशभर में 5.27 लाख पानी समितियों का गठन किया गया है और 5.12 लाख ग्राम कार्य-योजनायें विकसित की गई हैं, जिससे कि समुदाय जल सुविधा का कारगर प्रबंध हो सकें।

हर घर में नल से जल पहुंचने के कारण ग्रामीण महिलाओं को सिर पर पानी ढोने से भी मुक्ति मिली है। जनता और खासतौर से महिलाओं तथा ग्रामीण समुदायों की सक्रिय भागीदारी की बदौलत, जल जीवन मिशन एक जन आंदोलन बन गया है। दीर्घकालीन पेयजल सुरक्षा, स्थानीय समुदाय और ग्राम पंचायतें एक साथ मिलकर यह काम कर रही हैं तथा वे सब मिलकर गांवों में जलापूर्ति प्रणालियों, अपने जल स्रोतों और इस्तेमालशुदा पानी के प्रबंधन की जिम्मेदारी निभा रही हैं। वर्ष 2024 तक हर ग्रामीण घर तक नल से जल पहुंचाने की मोदी सरकार की प्रतिबद्धता पूरी करने की दिशा में जल जीवन मिशन तेजी से काम कर रहा है।

हर घर में पीने लायक स्वच्छ जल पहुंचाने का काम जो पिछले 70 साल में नहीं हुआ, वो मोदी सरकार में पिछले चार साल से भी कम समय में हुआ है। जल जीवन मिशन के तहत मोदी सरकार हर घर नल से शुद्ध जल सुनिश्चित कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी की ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ की परिकल्पना पर छोटी सी अवधि में ही 13 करोड़ से अधिक घरों में नल से जल की सुविधा है। केंद्र सरकार ने राज्यों से आग्रह किया है कि वे बाकी बचे स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में जल्द से जल्द साफ पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करें, ताकि बच्चों के लिये बेहतर स्वास्थ्य, स्वच्छता और साफ-सफाई की व्यवस्था बन सके।

जनता और खासतौर से महिलाओं तथा ग्रामीण समुदायों की सक्रिय भागीदारी की बदौलत, जल जीवन मिशन एक जन आंदोलन बन गया है। दीर्घकालीन पेयजल सुरक्षा, स्थानीय समुदाय और ग्राम पंचायतें एक साथ मिलकर यह काम कर रही हैं तथा वे सब मिलकर गांवों में जलापूर्ति प्रणालियों, अपने जल स्रोतों और इस्तेमालशुदा पानी के प्रबंधन की जिम्मेदारी निभा रही हैं। वर्ष 2024 तक हर ग्रामीण घर तक नल से जल पहुंचाने की सरकार की प्रतिबद्धता पूरी करने की दिशा में जल जीवन मिशन अग्रसर है।

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