प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने राष्ट्र के नाम संबोधन में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की अपील की थी। इसके मद्देनजर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (MSMEs) की मजबूती के लिए बड़े आर्थिक पैकेज का ऐलान किया। साथ ही उन्होंने बताया कि एमएसएमई इकाइयों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए सरकार की ओर से छह नए कदम उठाए गए हैं। इस सेक्टर के लिए 4 हजार करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी दी जाएगी जिससे 2 लाख कंपनियों को फायदा होगा। इससे रोजगार बचाने के साथ ही नए अवसर पैदा किए जा सकते हैं।
एमएसएमई के लिए 3 लाख करोड़ रुपये के लिए कोलैटरल फ्री ऑटोमैटिक लोन
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग, कुटिर उद्योग और गृह उद्योग मिलकर 12 करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार देते हैं। इनके लिए 3 लाख करोड़ रुपये का कोलैटरल फ्री ऑटोमैटिक लोन का प्रवाधान किया गया है। किसी को अपनी ओर से किसी तरह की गारंटी देने की जरूरत नहीं है। इसकी समय-सीमा भी चार वर्ष की होगी। पहले एक वर्ष में मूलधन वापस नहीं करना पड़ेगा। 31 अक्टूबर, 2020 से इस स्कीम का फायदा उठाया जा सकता है। इस योजना का लाभ लेकर 45 लाख यूनिट बिजनस ऐक्टविटी दोबारा शुरू कर सकते हैं और उनके यहां नौकरियां बचाई जा सकती हैं।
#MSME को 3 लाख करोड़ का लोन बिना गांरटी दिया जाएगा,
इसका लाभ 31 अक्टूबर 2020 तक उठाया जा सकता है, सरकार के इस कदम से 45 लाख एमएसएमई को फायदा होगाः वित्त मंत्री @nsitharaman https://t.co/FQaGIubJ3i— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) May 13, 2020
20 हजार करोड़ रुपये का सबॉर्डिनेट डेट
एनपीए वाले और स्ट्रेस्ड MSMEs को 20 हजार करोड़ रुपये का सबॉर्डिनेट लोन दिया जाएगा। इससे 2 लाख से ज्यादा यूनिट को लाभ मिलेगा।
50 हजार करोड़ रुपये का इक्विटी इन्फ्यूजन
जो MSME अच्छा कर रहे हैं और वो बिजनस का विस्तार करना चाहते हैं, अपना आकार और क्षमता बढ़ाना चाहते हैं, लेकिन उन्हें सुविधा नहीं मिल पा रही है, उनके लिए फंड ऑफ फंड्स के जरिए फंडिंग मिलेगी।
फंड ऑफ फंड्स के माध्यम से #MSME के लिए 50,000 करोड़ का इक्विटी इंफ्यूजन किया जाएगा, इससे एमएसएमई को आकार के साथ-साथ क्षमता विस्तार में भी मदद मिलेगी : वित्त मंत्री @nsitharaman #AtmaNirbharBharatAbhiyan #atmanirbharbharat https://t.co/ORWw5xVCm7
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) May 13, 2020
MSME की परिभाषा बदली गई
MSME के हित में इसकी परिभाषा बदल दी गई है। ये बदलाव मैन्युफैक्चिरिंग और सर्विस, दोनों इडंस्ट्रीज पर लागू होंगे…
- सूक्ष्म उद्योग – 1 करोड़ रुपये तक निवेश और 5 करोड़ तक व्यापार करने वाले उद्योग
- लघु उद्योग – 10 करोड़ तक निवेश और 50 करोड़ तक व्यापार करने वाले उद्योग
- मध्यम उद्योग – 20 करोड़ तक निवेश और 100 करोड़ रुपये तक व्यापार करने वाले उद्योग
Definition of MSMEs gets a revision, Investment limit to be revised upwards, additional criteria of turnover also being introduced#AatmanirbharBharat pic.twitter.com/euRNgiPJeB
— PIB India #StayHome #StaySafe (@PIB_India) May 13, 2020
200 करोड़ रुपये तक खरीद में ग्लोबल टेंडर की अनुमति नहीं
200 करोड़ रुपये तक की सरकारी खरीद में ग्लोबल टेंडर की अनुमति नहीं होगी। सरकार को घरेलू कंपनियों से टेंडर मंगवाने की बाध्यता होगी। इससे ‘लोकल के लिए वोकल’ के मंत्र को मजबूती मिलेगी। स्थानीय उत्पादों और सेवाओं को बढ़ावा मिलेगा।
विदेशी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा में #MSME पीछे ना रहें इसके लिए सरकार ने किया ऐलान, 200 करोड़ रुपये से कम वाले एमएसएमई में ग्लोबल टेंडर्स नहीं होंगे,
आत्मनिर्भर बनने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम साबित होगा और इससे #MakeInIndia को बल मिलेगा : वित्त मंत्री @nsitharaman https://t.co/iOWcCdlyXF
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) May 13, 2020
अन्य उपाय
- MSMEs को ई-मार्केट लिंकेज किया जाएगा।
- ट्रेड फेयर में उनकी भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
- सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के पास उनका बकाया है तो अगले 45 दिनों में बकाया भुगतान करवाने की कोशिश की जाएगी।