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मोदी सरकार की चीन पर पांचवीं बार डिजिटल सर्जिकल स्ट्राइक, एक साथ ब्लॉक की 232 मोबाइल एप्स, मोदी राज में अब तक 510 चाइनीज एप्स पर लग चुका है प्रतिबंध

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। मोदी सरकार जहां सीमा पर चीन को मुंहतोड़ जवाब दे रही है, वहीं देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बने चीनी मोबाइल एप्स पर डिजिटल सर्जिकल स्ट्राइक कर रही है। मोदी सरकार ने रविवार (05 फरवरी, 2023) को चाइनीज लिंक वाले 232 एप्स को बैन कर दिया। सुरक्षा एजेंसियों की जांच में इन एप्स का चाइनीज कनेक्शन सामने आने के बाद मोदी सरकार ने इन पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया। चीन से शुरू हुए टकराव के बाद से मोदी सरकार अब तक पांच बार डिजिटल सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए 510 चाइनीज एप्स पर प्रतिबंध लगा चुकी है।

138 सट्‌टा लगाने वाले एप और 94 लोन एप पर प्रतिबंध

गृह मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक तेलंगाना, ओडिशा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के साथ-साथ केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से इन एप्स के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की थी। इसके बाद गृह मंत्रालय ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को इन चाइनीज लिंक वाले 138 सट्‌टा लगाने वाले एप और 94 लोन एप को तत्काल और आपातकालीन आधार पर प्रतिबंधित और ब्लॉक करने का निर्देश दिया। इनमें से 94 एप्स ऐसे हैं जो, एप स्टोर पर उपलब्ध हैं और अन्य एप थर्ड पार्टी लिंक के माध्यम से काम कर रहे थे। इन चाइनीज एप्स पर छह महीने पहले से नजर रखी जा रही थी। 

ब्लैकमेलिंग और यूजर्स की निजी जानकारी चुराने के गंभीर आरोप

प्रतिबंधित चाइनीज एप्स पर ब्लैकमेलिंग और यूजर्स की निजी जानकारी चुराने के गंभीर आरोप लगे थे। दरअसल ऐसे एप्स बिना किसी कागजी कार्रवाई और बिना केवायसी के लोन देने का ऑफर देते हैं। ऐसे में लोगों को इन एप्स से लोन लेना सबसे आसान और फास्ट प्रोसेस लगती है और लोग इनका शिकार हो जाते हैं। कई बार तो लोग कर्ज और ब्लैकमेल से परेशान होकर सुसाइड तक कर लेते हैं। इन एप्स के जरिए प्राप्त भारतीय नागरिकों के डेटा का दुरुपयोग करने और जासूसी के लिए इस्तेमाल करने की आशंका जतायी जा रही है। 

फरवरी 2022 में चौथी बार 54 चीनी एप्स पर डिजिटल स्ट्राइक

इससे पहले भी मोदी सरकार देश की सुरक्षा के लिए खतरा बने चाइनीज एप्स पर प्रतिबंध लगा चुकी है। भारत सरकार ने ठीक एक साल पहले फरवरी 2022 में चीन पर डिजिटल स्ट्राइक की थी। मोदी सरकार ने देश की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले 54 चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी। इन 54 चीनी एप्स में ब्यूटी कैमरा: स्वीट सेल्फी एचडी, ब्यूटी कैमरा: सेल्फी कैमरा, ईक्वलाइजर एंड बेस बूस्टर, कैमकार्ड फॉर सेल्सफोर्स एंट, इसोलैंड 2: एशेज ऑफ टाइम लाइट, वीवा वीडियो एडिटर, टेनसेन्ट एक्सराइवर, ऐप लॉक और डुअल स्पेस लाइट शामिल थे।

सितंबर 2020 में तीसरी बार पबजी समेत 118 मोबाइल एप्स पर प्रतिबंध

सितंबर 2020 में भारत सरकार ने मशहूर गेमिंग एप पबजी समेत 118 मोबाइल एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था। जिन मोबाइल एप्स पर प्रतिबंध लगाया गया था, उनमें पबजी, पबजी लाइट समेत बायदू, बायदू एक्सप्रेस एडिशन, अलीपे, टेनसेंट वॉचलिस्ट, फेसयू, वीचैट रीडिंग, गवर्नमेंट वीचैट, टेनसेंट वेयुन, आपुस लॉन्चर प्रो, आपुस सिक्यॉरिटी, कट कट, शेयरसेवा बाइ शाओमी और कैमकार्ड जैसे एप्स शामिल थे। इनमें से ज्यादातर एप्स के भारत में बड़ी तादाद में यूजर्स थे। कई भारतीय युवाओं को तो लोकप्रिय गेमिंग एप पबजी की एक तरह से लत लगी हुई थी। चीन ने एप्स पर प्रतिबंध लगाए जाने के भारत सरकार के फैसले का विरोध किया था। 

जुलाई 2020 में दूसरी बार 47 एप्स पर लगा प्रतिबंध 

इंफर्मेशन और टेक्नोलॉजी मंत्रालय ने 24 जुलाई, 2020 को 47 चाइनीज एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था। उनमें टिकटॉक लाइट, हेलो लाइट, शेयरइट लाइट, बिगो लाइट और वीएफवाय लाइट शामिल थे। ‘ऑपरेशनल एथिक्स’ की वजह से इन एप्स को बैन किया गया था। इन एप्स पर नजर रखी जा रही थी। ‘ऑपरेशनल एथिक्स’ का मतलब यह है कि ये एप्स यूजर डेटा को चीन की खुफिया एजेंसियों तक पहुंचा रहे थे। चीनी कानून के तहत चीनी मूल की कंपनियां खुफिया एजेंसियों से यूजर डेटा शेयर करती है। फिर भले ही उनके ऑपरेशन देश से बाहर क्यों न हो।

जून 2020 में सबसे पहले 59 एप्स हुए बैन

भारत ने 15 जून, 2020 को गलवान में हिंसक संघर्ष के बाद 29 जून को देश की संप्रभुता और सुरक्षा के खतरे को ध्यान में रखते हुए व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे टिकटाक, वीचैट और हेलो सहित 59 चीनी मोबाइल एप्लिकेशन पर प्रतिबंध लगा दिया था। 29 जून के आदेश में प्रतिबंधित अधिकांश एप्स को लेकर खुफिया एजेंसियों ने चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि, उपयोगकर्ता डेटा एकत्र कर रहे हैं और संभवतः उन्हें बाहर भी भेज रहे हैं।

भारतीयों के यूजर डेटा की चोरी नहीं होने देने का संकल्प

गौरतलब है भारत की सुरक्षा एजेंसियां समय-समय पर विदेशी मोबाइल एप्स को देश की सुरक्षा कसौटी पर कसती रहती है। जांच के बाद भारत की संप्रभुता, अखंडता, सुरक्षा और शांति-व्यवस्था के लिए खतरा बने एप्स पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश करती है। मोदी सरकार सुरक्षा एजेंसियों की सिफारिश पर चीनी मोबाइल एप्स पर प्रतिबंध लगाकर चीन और दुनिया को स्पष्ट संदेश देती है कि एप्स की आड़ में भारतीयों के विशाल यूजर डेटा की चोरी नहीं होने दी जाएगी।

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