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मोदी सरकार अगले 5 सालों में स्वास्थ्य क्षेत्र में 64,000 करोड़ रुपये का करेगी निवेश, सभी को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने पर जोर

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पिछले 7 सालों से ‘स्वस्थ भारत’ के संकल्प को पूरा करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। इसके तहत शुरू की गई योजनाएं देश की जनता खासकर गरीब और असहाय लोगों के लिए वरदान साबित हो रही हैं। इसी क्रम में मोदी सरकार अगले पांच सालों में देश में स्वास्थ्य ढांचा तैयार करने के लिए करीब 64,000 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शुक्रवार (26 नवंबर, 2021) को अरुणाचल प्रदेश में तवांग के जिला अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों के साथ बातचीत करते हुए इसके बारे में जानकारी दी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार विभिन्न स्वास्थ्य कल्याण योजनाओं के माध्यम से सभी को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए काम कर रही है। आधिकारिक बयान के अनुसार, मंडाविया ने बातचीत के दौरान कहा कि पहले कभी भी स्वास्थ्य को धन के रूप में नहीं देखा जाता था। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में वर्तमान केंद्र सरकार अपनी विभिन्न स्वास्थ्य कल्याण योजनाओं के माध्यम से सभी को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए इसी तर्ज पर काम कर रही है।

केंद्र के आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के लाभों पर जोर देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह देश भर के अस्पतालों के डिजिटल स्वास्थ्य समाधानों को एक दूसरे से जोड़ेगा। इससे हम किसी मरीज के इतिहास को जान सकेंगे और उन्हें गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर सकेंगे। इससे न केवल अस्पतालों की प्रक्रियाएं सरल होंगी, बल्कि इससे जीवन की सुगमता भी बढ़ेगी। इसके तहत अब देशवासियों को एक डिजिटल हेल्थ आईडी मिलेगी और हर नागरिक का स्वास्थ्य रिकॉर्ड डिजिटल रूप से सुरक्षित रखा जायेगा। इसके माध्यम से मरीज भी और डॉक्टर भी पुराने रिकॉर्ड को जरूरत पड़ने पर चेक कर सकता है। इसमें डॉक्टर, नर्स, पैरा मेडिकल जैसे साथियों का भी रजिस्ट्रेशन होगा। देश के जो अस्पताल हैं, क्लीनिक हैं, लैब्स हैं, दवा की दुकानें हैं ये सभी रजिस्टर होंगी।

आइए देखते हैं मोदी सरकार किस तरह स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है…

भारत में दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल कनेक्टेड इन्फ्रास्ट्रक्चर 

आज देश में 130 करोड़ आधार नंबर, 118 करोड़ मोबाइल सब्सक्राइबर्स, लगभग 80 करोड़ इंटरनेट यूजर और करीब 43 करोड़ जनधन बैंक खाते हैं। इतना बड़ा कनेक्टेड इन्फ्रास्ट्रक्चर दुनिया में कहीं नहीं है। ये डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर राशन से लेकर प्रशासन तक को तेज, पारदर्शी तरीके से सामान्य भारतीय तक पहुंचा रहा है। आयुष्मान भारत (PM JAY) ने गरीब के जीवन की बहुत बड़ी चिंता दूर की है। अभी तक 2 करोड़ से अधिक देशवासियों ने इस योजना के तहत मुफ्त इलाज की सुविधा का लाभ उठाया है। इसमें भी आधी लाभार्थी, हमारी माताएं, बहनें, बेटियां हैं।

कोरोना काल में टेलिमेडिसिन का भी अभूतपूर्व विस्तार

आरोग्य सेतु एप से कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में बहुत मदद मिली। सबको वैक्सीन, मुफ्त वैक्सीन अभियान के तहत भारत आज करीब-करीब 115 करोड़ से अधिक वैक्सीन डोज लगा पाया है तो इसमें Co-WIN का भी बहुत बड़ा रोल है। कोरोना काल में टेलिमेडिसिन का भी अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। ई-संजीवनी के माध्यम से अब तक लगभग सवा करोड़ रिमोट कंसल्टेशन पूरे हो चुके हैं। ये सुविधा हर रोज देश के दूर-सुदूर में रहने वाले हजारों देशवासियों को घर बैठे ही शहरों के बड़े अस्पतालों के डॉक्टरों से कनेक्ट कर रही है।

समग्र और समावेशी स्वास्थ्य मॉडल पर काम कर रहा भारत

भारत एक ऐसे स्वास्थ्य मॉडल पर काम कर रहा है, जो समग्र भी है और समावेशी भी है। यह ऐसा मॉडल है, जिसमें बीमारियों को रोकने पर जोर दिया जायेगा यानि वह रोकथाम वाली स्वास्थ्य सुविधा हो। इसके अलावा बीमारी की स्थिति में इलाज सुलभ हो, सस्ता हो और सबकी पहुंच में हो। शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। पिछले सात-आठ वर्षों की तुलना में आज डॉक्टरों और पैरा-मेडिकल की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।

देश में आधुनिक स्वास्थ्य संस्थानों का एक बड़ा नेटवर्क स्थापित

देश में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों और अन्य आधुनिक स्वास्थ्य संस्थानों का एक बड़ा नेटवर्क स्थापित किया जा रहा है। इसके अलावा हर तीन लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में मेडिकल कॉलेज बनाने पर काम चल रहा है। गांवों में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत किया जा रहा है। गावों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के नेटवर्क और आरोग्य केंद्रों को दुरुस्त किया जा रहा है। 80 हजार से अधिक ऐसे केंद्रों को चालू किया जा चुका है।

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