देश में विकास की रफ्तार तेज करने, निवेश बढ़ाने और रोजगार के नए अवसर पैदा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार की कोशिशें निरंतर जारी है। भारत निर्माण को बढ़ावे देने के लिए मोदी सरकार PLI ( Production Linked Incentive) के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रही है। इससे देश में उत्पादन और भारतीय उत्पादों के विदेशों में निर्यात में इजाफा होगा।
PLI स्कीम के तहत 31 कंपनियों को मंजूरी
टेलीकॉम सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार ने टेलीकॉम इक्विपमेंट PLI स्कीम का एलान किया था। इस स्कीम के तहत 16 MSME सहित कुल 31 कंपनियों का चुनाव किया गया है । सरकार के इस फैसले से कुल 3,300 करोड़ का निवेश होने की उम्मीद है। मोदी सरकार की PLI स्कीम सुर्खियां बटोर रही है। जानकारों का कहना है कि पीएलआई स्कीम भारत की अर्थव्यवस्था में जान फूंकने और देश के विकास को रफ्तार देने में बेहद अहम भूमिका निभाएगी।
इन सेक्टर में PLI का एलान | |
लैपटॉप | रासायनिक सेल |
मोबाइल फोन | टेक्सटाइल |
दूरसंचार उपकरण | फूड प्रोडक्ट्स |
ह्वाइट गुड्स इंडस्ट्री | सोलर फोटोवॉल्टिक |
फार्मास्यूटिकल्स | आईटी हार्डवेयर |
ऑटोमोबाइल |
टेलीकॉम उपकरण बनाने वाली कंपनियों को बढ़ावा देने से जल्द पूरा होगा 5G का सपना
दूरसंचान के क्षेत्र में देश की जरूरत को पूरा करने और इस क्षेत्र में टेलीकॉम उपकरण बनाने वाली कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कंपनियों के नामों का चुनाव कर लिया है । इस योजना के तहत आवेदन करने वाली 36 कंपनियों में से 8 घरेलू कंपनियों सहित कुल 31 कंपनियों को मंजूरी दे दी गई है ।
PLI स्कीम के तहत कुल 31 कंपनियों को मंजूरी मिली है |
ग्लोबल कंपनियों में फ्लेक्सट्रॉनिक्स, फॉक्सकॉन, नोकिया शामिल |
16 MSME को भी PLI स्कीम का लाभ मिला है |
मोदी सरकार के फैसले से बढ़ेंगे नौकरियों के मौके |
DoT ने इसी साल 24 फरवरी को टेलीकॉम और नेटवर्किंग प्रॉडक्ट्स के लिए PLI योजना का ऐलान किया था। सरकार के मुताबिक, इसके तहत अगले पांच साल में 2.44 लाख करोड़ रुपए के इक्विपमेंट का प्रोडक्शन हो सकेगा। मोदी सरकार देश में जल्द से जल्द 5G नेटवर्क शुरू करना चाहती है, इसके लिए कई जगहों पर इसका ट्रायल भी का जा रहा है। 5G को देश में पूरी तरह से शुरू करने के लिए बड़े पैमाने पर टेलीकॉम उपकरणों की जरूरत होगी। मोदी सरकार की कोशिश है कि इसके लिए ज्यादा से ज्यादा उपकरणों का निर्माण देश में ही हो ताकि लोगों की कमाई के साथ रोजगार भी बढ़े।
पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को लग रहे पंख
आत्मनिर्भर भारत के सपनों को पंख लगाने में PLI स्कीम की बेहद अहम भूमिका है। मोदी सरकार की कोशिश है कि कंपनी देशी हो या फिर विदेशी सामान का उत्पादन देश में ही किया जाए। इससे आयात कम होगा और देश में ही सामानों का उत्पादन बढ़ेगा। Make in india और Make for World को धार देने के लिए मोदी सरकार ने मार्च 2020 में PLI स्कीम की शुरूआत की थी। इसके लिए 13 क्षत्रों को चुना गया और सरकार ने फैसले लिया की देश में मैन्युफैक्चरिंग को तेज करने के लिए 1.97 करोड़ रूपए की मदद दी जाएगी। इस योजना के तरह मोदी सरकार की कोशिश विदेशी कंपनियों को भारत में मैन्युफैक्चरिंग के लिए प्रोत्साहन देने के साथ-साथ, भारतीय कंपनियों को भी मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में बढ़ावा देना है।
- PLI स्कीम से पूरा हो रहा आत्मनिर्भऱ भारत का सपना
- अगले 5 सालों में करीब 520 बिलियन डॉलर के उत्पादन का अनुमान
- PLI स्कीम से देश में दोगुनी रफ्तार से बढ़ेंगे रोजगार के मौके
- PLI स्कीम से देश में MSME सेक्टर को सबसे ज्यादा फायदा
- PLI स्कीम से सरकार की कमाई बढ़ेगी, विकास को मिलेगी रफ्तार
PLI स्कीम में किन सेक्टर्स में सरकार कर रही है निवेश
सेक्टर | सरकार का निवेश (करोड़ रुपये) |
चिकित्सा उपकरणों का निर्माण, फार्मास्यूटिकल्स विभाग | 3420 |
मोबाइल विनिर्माण, इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स | 40951 |
ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट | 57,000 |
फार्मा एंड ड्रग | 15,000 |
टेलीकॉम नेटवर्क एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर | 12,000 |
टेक्सटाइल | 10,683 |
फूड प्रोडक्ट्स | 10900 |
सोलर फोटोवॉल्टिक | 4500 |
व्हाइट गुड्स (एसी और एलईडी) | 6238 |
एडवांस केमिस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरी | 18,100 |
इलेक्ट्रॉनिक/प्रौद्योगिकी उत्पाद | 5,000 |
फार्मास्युटिकल | 6940 |
मोदी सरकार के फैसलों से बढ़ेगी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता
देश में मैन्युफैक्चरिंग क्षमता तेजी से बढ़े साथ ही इसके लिए मोदी सरकार लगातार कोशिश कर रही है PLI स्कीम भी मोदी सरकार की इन्हीं कोशिशों का नतीजा है, इससे देश में मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को बहुत बढ़ावा मिल रहा है । कोरोना काल में भी मोदी सरकार की पीएलआई स्कीम से देश को भरपूर लाभ पहुंचा है । हाल ही में सरकार ने टेक्निकल और मैन मेड फाइबर के आयात को कम करने के लिए भारत में ही इन फाइबर के प्रोडक्शन के लिए टेक्सटाइल क्षेत्र में पीएलआई स्कीम ले कर आई है. खास बात ये है कि पीएलआई स्कीम के कई क्षेत्र ग्रामीण इलाकों और छोटे शहरों पर फोकस कर रहे हैं. टेक्सटाइल और फूड प्रोसेसिंग का क्षेत्र ऐसा ही है। ड्रोन उद्योग के लिए पीएलआई योजना से 5,000 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है।
ऑटो और ऑटो कंपोनेंट Industry को भी मोदी सरकार की पीएलआई स्कीम से फायदा पहुंचने वाला है , इससे इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में बड़ी मदद मिलेगी। सौर विनिर्माण के क्षेत्र में PLI स्कीम से इस सेक्टर में उत्पादन तेज होने की उम्मीद है। स्कीन के एलान के बाद 19 कंपनियां ने सौर विनिर्माण में निवेश करने में दिलचस्पी दिखाई है।