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ओबीसी के हित में मोदी सरकार की बड़ी पहल, लोकसभा में पेश किया 127वां संविधान संशोधन विधेयक, राज्यों को भी आरक्षण के लिए ओबीसी लिस्ट तैयार करने का मिलेगा अधिकार

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों को न्याय दिलाने और उन्हें विकास के पथ पर तेजी से आगे ले जाने के लिए लगातार बड़े फैसले ले रही है। इसी क्रम में मोदी सरकार ने सोमवार (09 अगस्त, 2021) को एक बड़ी पहल करते हुए लोकसभा में 127वां संविधान संशोधन विधेयक पेश किया। इसके तहत संविधान के अनुच्छेद 342-ए और 366(26)-सी में संशोधन किया जाएगा। मॉनसून सत्र के आखिरी हफ्ते में मोदी सरकार ने ओबीसी बिल पेश कर ना सिर्फ लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा किया, बल्कि पूरे विपक्ष को विरोध भूलकर समर्थन करने पर मजबूर कर दिया। इस विधेयक के पारित होने के बाद राज्यों को अपनी ओबीसी लिस्ट बनाने का अधिकार मिल जाएगा। इसका मतलब ये हुआ कि राज्य सरकारें अपनी मर्जी से किसी भी जाति को ओबीसी आरक्षण की सूची में रख सकती है। राज्यों को इसके लिए केंद्र सरकार पर निर्भर नहीं रहना होगा।

इस विधेयक के कानून बनने का फायदा उन जातियों को होगा जो ओबीसी आरक्षण में शामिल होने की मांग कर रही हैं। जैसे- महाराष्ट्र में मराठा समुदाय और हरियाणा में जाट समुदाय, गुजरात में पटेल समुदाय और कर्नाटक में लिंगायत समुदाय को ओबीसी में शामिल होने का रास्ता साफ हो जाएगा। वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने इसके माध्यम से पिछड़ों की राजनीति करने वालों के सियासी मंसूबों पर पानी फेर दिया है। गौरतलब है कि मोदी सरकार ने अपनी नीतियों और फैसलों में ओबीसी को पूरा सम्मान दिया है। चाहे मंत्रिमंडल का विस्तार हो या फिर पार्टी संगठन में दी गई जिम्मेदारियां, हर जगह ओबीसी वर्ग को अच्छी खासी तादाद में रखा गया है।

ओबीसी का सच्चा हितैषी मोदी सरकार

  • मेडिकल एजुकेशन में अखिल भारतीय कोटा (AIQ) के तहत ओबीसी के उम्मीदवारों को 27% आरक्षण देने का मार्ग प्रशस्त किया।
  • इस फैसले से हर साल 1500 ओबीसी विद्यार्थियों को एमबीबीएस में और 2500 ओबीसी विद्यार्थियों को पीजी में लाभ मिलेगा।
  • राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया। इससे एक स्वायत्त संस्था के रूप में शिकायतों के निवारण का अधिकार मिल गया।
  • लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में अन्य पिछड़े वर्ग के आरक्षण को 25 जनवरी, 2030 तक बढ़ाया।
  • मोदी सरकार ने ओबीसी आरक्षण में ‘क्रीमी लेयर’ की आय सीमा 6 से बढ़ाकर 8 लाख रुपये सालाना की।
  • मोदी सरकार ने ओबीसी की सेंट्रल लिस्ट में जातियों के लिए कोटे के अंदर कोटा तय करने को मंजूरी दी।
  • मोदी सरकार ने ओबीसी की सभी जातियों तक आरक्षण का समान लाभ पहुंचाने के लिए आयोग का गठन किया।

 

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