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बिरसा मुंडा की जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाएगी मोदी सरकार, भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार जनजातीय समाज के कल्याण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। वहीं जनजातीय नायकों को उचित सम्मान दिलाने का भी काम कर रही है। मोदी सरकार ने इस वर्ष 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को “जनजातीय गौरव दिवस” के रूप में मनाने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि देश के लाखों-करोड़ों लोगों के दिलों में बसने वाले भगवान बिरसा मुंडा के जीवन से हमें आज भी साहस, शौर्य और सेवा की सीख मिलती है। मुझे खुशी है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15 नवंबर को उनकी जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे।

जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि देश इस समय आजादी के 75 साल का महोत्सव मना रहा है और इस अवसर पर यह निर्णय जनजातीय समुदाय के लिए भी गौरव की बात है। उन्होंने बताया कि आगामी 15 से 22 नवंबर तक पूरे देश में जनजातीय महोत्सव मनाया जाएगा। इसके तहत जनजातीय समुदाय के स्वतंत्रता सेनानियों के कृतित्व, उनकी कला और संस्कृति पर कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। गौरतलब है कि 15 वंबर को बिरसा मुंडा की जयंती मनायी जाती है, जिनकी देश भर के आदिवासी समुदाय भगवान के रूप में पूजा करते हैं। बिरसा मुंडा ने ब्रिटिश औपनिवेशिक व्यवस्था की शोषक प्रणाली के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी थी।

10 जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालयों को मंजूरी

संथाल, तमार, कोल, भील, खासी और मिजो जैसे कई जनजातियों ने विभिन्न आंदोलनों के जरिए भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। वर्ष 2016 के स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय खोलने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि सरकार विभिन्‍न राज्‍यों में इस तरह के संग्रहालयों के निर्माण का काम करेगी, ताकि आने वाली पीढ़ियों को यह पता चल सके कि बलिदान देने में हमारे आदिवासी कितने आगे थे। प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद देश भर में 10 जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालयों को मंजूरी दी गई है। ये संग्रहालय साल 2022 के अंत तक अस्तित्व में आ जाएंगे।

मोदी सरकार में जनजातियों का विकास

  • मोदी सरकार ने पहली बार वन उत्पादों पर एमएसपी का लाभ दिया।
  • एमएसपी सूची में 23 अतिरिक्त एमएफपी वस्तुओं को शामिल किया।
  • मोदी सरकार ने जनजातीय कार्य योजनाओं के लिए बजट में वृद्धि की।
  • देशभर में एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल खोलने की मंजूरी दी।
  • अति संवेदनशील जनजाति समूहों के संरक्षण के लिए पहल की गई।
  • 4 प्रतिशत सामान एसटी उद्यमियों से खरीदने का निर्देश दिया गया।
  • जनजातीय अनुसंधान संस्थान स्थापित करने के लिए समझौता हुआ।
  • जनजातीय युवाओं के डिजिटल स्किल के लिए ‘गोल’ कार्यक्रम लॉन्च।
  • जनजातीय स्वास्थ्य और पोषण पोर्टल ‘स्वास्थ’ लॉन्च किया गया।
  • क्लस्टर आधारित मॉडल के तहत वन धन केंद्रों का विकास हो रहा है।

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