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मोदी सरकार ने रक्षाबंधन से पहले महिलाओं को दी बड़ी सौगात, महिला उद्यमियों के लिए 1625 करोड़ की राशि जारी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ऐसे माहौल और अवसर पैदा कर रही है, जिससे महिलाएं आसानी से प्रगति कर रही हैं और अपने सपनों को साकार कर रही है। मोदी सरकार ने पिछले सात सालों में महिला उद्यमियों के सपनों और महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने का पूरा मौका दिया है, जिससे वो रोजगार देने वाली बन रही है और दूसरी महिलाओं को भी सशक्त बना रही है। इसी क्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने 12 अगस्त, 2021 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आत्मनिर्भर नारी-शक्ति कार्यक्रम में हिस्सा लिया और रक्षाबंधन से पहले महिलाओं को बड़ी सौगात दी। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने 4 लाख से भी अधिक स्वयं सहायता समूहों को 1,625 करोड़ रुपये की राशि जारी की। इसके अलावा उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की पीएमएफएमई योजना के तहत 7,500 एसएचजी सदस्यों के लिए सीड मनी के रूप में 25 करोड़ रुपये और मिशन के तहत प्रमोट किए जा रहे 75 एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) को फंड के रूप में 4.13 करोड़ रुपये जारी किए।

वहीं मोदी सरकार के प्रोत्साहन की वजह से एसएचजी की आर्थिक स्थित में सुधार हुआ है। उन्होंने लोन की राशि लौटाने में अभूतपूर्व काम किया है, जिसकी वजह से डूबते लोन का प्रतिशत नौ से घटकर आज दो से ढाई प्रतिशत के बीच रह गया है। इसके अलावा मोदी सरकार सभी महिलाओं को घर, शौचालय, बिजली, पानी और गैस जैसी सुविधाएं मुहैया करा रही हैं। बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, टीकाकरण और अन्य जरूरतों पर पूरी संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है। इससे न सिर्फ महिलाओं का सम्मान बढ़ा है बल्कि बेटियों-बहनों का भी आत्मविश्वास बढ़ा है। आज महिलाएं अपनी मेहनत और उत्साह से आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को साकार करने में अहम योगदान दे रही है।

महिला उद्यमियों के हौसलों को मिल रही उड़ान

  • एसएचजी को बिना गारंटी के ऋण उपलब्ध कराने की 10 लाख रुपये की सीमा को दोगुना करते हुए 20 लाख रुपये कर दिया गया है।
  • एसएचजी के बचत खातों को ऋण खाते से जोड़ने की शर्त को भी समाप्त कर दिया गया है।
  • एसएचजी को लगभग 4 लाख करोड़ रुपये का असुरक्षित ऋण भी उपलब्ध कराया गया है।
  • एसएचजी द्वारा बने खिलौनों को भी सरकार बहुत प्रोत्साहित कर रही है, इसके लिए हर संभव मदद भी दे रही है।
  • आज 42 करोड़ से अधिक जन धन खाते हैं, जिनमें से करीब 55 प्रतिशत खाते महिलाओं के हैं।

मोदी राज में एसएचजी की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि

स्वयं सहायता समूह समाज के गरीब विशेषकर ग्रामीण तबकों की महिलाओं के लिए आर्थिक और सामाजिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। 2011 और 2014 के तीन वर्षों के बीच केवल पांच लाख स्वयं सहायता समूह बनाए गए थे, जो 52 लाख परिवारों को कवर करते थे। आज मोदी सरकार में देशभर में 70 लाख स्वयं सहायता समूह हैं, जिनसे लगभग आठ करोड़ महिलाएं जुड़ी हुई हैं। मोदी सरकार इन स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और अवसर प्रदान कर रही है।

 

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