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मोदी सरकार ने तारंगा हिल-अंबाजी-आबू नई रेल लाइन के निर्माण को दी मंजूरी, गुजरात और राजस्‍थान के प्रमुख तीर्थ स्‍थलों का होगा विकास

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार देश के तीर्थ, पर्यटन और ऐतिहासिक स्थलों को विकसित करने और श्रद्धालुओं को सुविधाएं देने के लिए लगातार कदम उठा रही है। इस द‍िशा में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक बड़ा फैसला लेते हुए गुजरात और राजस्‍थान के खास तीर्थ स्‍थलों को जोड़ने वाली तारंगा हिल-अंबाजी-आबू रोड नई रेल लाइन के निर्माण को मंजूरी दे दी। इससे कनेक्टिविटी बढ़ाने, गतिशीलता में सुधार करने और प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न करने में मदद मिलेगी। इससे क्षेत्र का समग्र सामाजिक और आर्थिक विकास होगा।

रेल लाइन की अनुमानित लागत 2798.16 करोड़ रुपये 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने बुधवार (13 जुलाई, 2022) को 116.65 किलोमीटर लंबी तारंगा हिल-अंबाजी-आबू रोड नई रेल लाइन को मंजूरी दी। इस रेल लाइन पर कुल 2798.16 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत आएगी। इस रेल परियोजना को 2026-27 तक पूरा कर ल‍िया जाएगा। इस रेल लाइन पर कुल 15 स्टेशन प्रस्तावित है, जिनमें 8 क्रॉसिंग और 7 हाल्ट स्टेशन होंगे और 11 टनल, 54 बडे पुल, 151 छोटे पुल, 8 रोड ओवर ब्रिज, 54 रोड अण्डर ब्रिज/सीमित ऊंचाई के पुल तथा यह विद्युतीकृत ट्रेक्शन पर संचालित मार्ग होगा।

गुजरात और राजस्थान के तीर्थ, पर्यटन स्थलों का विकास

यह रेल लाइन राजस्थान के सिरोही जिले और गुजरात के साबरकांठा, बनासकांठा और महेसाणा जिलों से होकर गुजरेगी। इस रेल लाइन के चालू होने से गुजरात और राजस्थान के तीर्थ, पर्यटन और ऐतिहासिक स्थलों का देश के अन्य हिस्सों के साथ बेहतर संपर्क स्थापित होगा। इसमें प्रमुख पर्यटक स्थल माउंट आबू और आध्यात्मिक केन्द्र प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, दिलवाडा के जैन मंदिर, अंबाजी में स्थित देवी शक्ति पीठ, तारंगा हिल में जैन धर्म के तीर्थ स्थल प्रमुख है।

अंबाजी के लाखों श्रद्धालुओं की यात्रा होगी आसान 

अंबाजी देश का प्रसिद्ध एवं महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है और यह भारत में 51 शक्तिपीठों में से एक में शाम‍िल है। अंबाजी धार्मिक स्थल में हर साल गुजरात के और देश के विभिन्न क्षेत्रों के साथ-साथ विदेशों से लाखों भक्त दर्शन के लिये आते हैं। तारंगा हिल-अंबाजी-आबू रोड नई लाइन के निर्माण से यहां आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को यात्रा में आसानी होगी। इसके अलावा, तारंगा हिल में 24 पवित्र जैन तीर्थंकरों में से एक अजीतनाथ का जैन मंदिर स्थित है। उनके दर्शन के लिये आने वाले श्रद्धालुओं को इस रेल लाइन से बेहतर सुविधा मिलेगी। 

कृषि और अन्य उद्योगों के विकास से रोजगार में वृद्धि

यह परियोजना मौजूदा अहमदाबाद-आबू रोड रेलवे लाइन के लिए वैकल्पिक मार्ग भी प्रदान करेगी। इससे कृषि और स्थानीय उत्पादों के परिवहन में तेजी आएगी। डेयरी उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। क्षेत्र में उद्योग धन्धे विकसित होंगे। रेल के आगमन से इस क्षेत्र में मार्बल उद्योग का विस्तार और अन्य उद्योगों के आने की संभावना बनेगी, जिससे इस क्षेत्र के निवासियों को स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर मिलेंगे। इससे क्षेत्र के समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास में तेजी आएगी।

 

 

 

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