प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया है। इसके तहत मोदी सरकार अब जल्दी ही देशवासियों को एक नए ऑपरेटिंग सिस्टम का तोहफा देने जा रही है। दरअसल यह नया ऑपरेटिंग सिस्टम पूरी तरह से भारत में बनाया जाएगा जो एंड्रॉयड और आईओएस ऑपरेटिंग सिस्टम को कड़ी टक्कर देगा। इस ऑपरेटिंग सिस्टम से लैस स्मार्टफोंस भी बेहद ही खास होंगे और इनमें फीचर्स की भरमार होगी जिससे यूजर्स को एक धमाकेदार स्मार्टफोन चलाने का एक्सपीरियंस मिलेगा।
इसको लेकर मोदी सरकार एक पॉलिसी लेकर आ रही है। इसके तहत अलग-अलग स्टेकहोल्डर्स स्मार्टफोन इंडस्ट्री के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम और इससे संबंधित इकोसिस्टम तैयार करेंगे। सरकार के इस कदम से यूजर्स को एंड्रॉइड और आईओएस के अलावा एक विकल्प और मिलेगा। इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) तेजी से काम कर रहा है। इससे भारतीय कंपनियों को फायदा होगा। यह भारतीय ब्रांड के रूप में विकसित होकर निकलेगा।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर के मुताबिक केंद्र सरकार की नई पॉलिसी भारत में स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने के लिए इंडस्ट्री ईकोसिस्टम तैयार करेगी। जो गूगल और ऐपल के दबदबे को कम करने का काम करेगा। यह ऐसा इकोसिस्टम बनाने का काम करेगा, जो शिक्षा और स्टार्टअप के क्षेत्र में काफी मददगार साबित हो सकता है।
मोबाइल मार्केट की दुनिया में Google और Apple दो दिग्गज मोबाइल ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर कंपनियों का कब्जा है। कोई भी स्मार्टफोन खरीदें, तो उसमें गूगल का एंड्राइड या फिर Apple का iOS बेस्ड ऑपरेटिंग सिस्टम मौजूद रहेगा। यही वजह है कि दोनों कंपनियां अपने हिसाब से ऑपरेटिंग सिस्टम के नियम और कायदे तय करती हैं। Apple का आईफोन दुनिया के सबसे लोकप्रिय स्मार्टफोन में से एक है और इनका इस्तेमाल ज्यादातर यूजर्स करते हैं। भारत में भी यह एक ट्रेंडिंग स्मार्टफोन है जिनका मुकाबला एंड्रॉयड स्मार्टफोन से होता है।
गौरतलब है कि एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम पर आधारित स्मार्टफोन आईफोन की तुलना में काफी सस्ते होते हैं और इनमें ज्यादा फीचर्स मिलते हैं इसके बावजूद आईओएस का क्रेज लगातार बढ़ता जा रहा है जिसे देखते हुए अब भारत सरकार एक नया ऑपरेटिंग सिस्टम तैयार कर रही है जो इन दोनों ही तकनीकों को कड़ी टक्कर देगा और एक नया मुकाम हासिल कर सकता है।