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मोदी सरकार में मध्य वर्ग को मिला 1.15 लाख करोड़ का लाभ

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जो लोग मोदी सरकार पर मध्य वर्ग को इस बजट के माध्यम से लुभाने का आरोप लगा रहे हैं असल में वे तथ्य को झुठलाने का नाकाम प्रयास कर रहे हैं। नरेन्द्र मोदी की सरकार अपने कार्यकाल के दौरान निरंतर मध्य वर्ग के लिए काम करती रही है। यह सरकार सब का साथ सब का विकास के सूत्र वाक्य पर काम करती है। तथ्य यह है कि इस सरकार ने पिछले चार सालों में मध्य वर्ग को सीधे लगभग 90 हजार करोड़ रुपये का लाभ दिया है। इस बजट में तो सिर्फ उसे सूचीबद्ध किया गया है।

हाल ही में कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल द्वारा पेश किए गए बजट के मुताबिक मोदी सरकार ने पिछले चार सालों के दौरान मध्य वर्ग को ध्यान में रखकर कई योजनाएं शुरू की हैं। इस बजट के मुताबिक इस साल भी मध्य वर्ग को 25 हजार करोड़ रुपये का लाभ दिया गया है। अगर मोदी सरकार के पूरे कार्यकाल को देखा जाए तो इस दौरान मध्य वर्ग को लगभग 1.15 लाख करोड़ रुपये का लाभ दिया गया है।

इस तथ्य से स्पष्ट हो जाता है कि मोदी सरकार ने न केवल मध्य वर्ग के लिए बल्कि हर वर्ग के कल्याण के लिए निरंतर काम किया है।

मध्य वर्ग को मिला आय कर छूट का अधिक लाभ

इस बजट में वैसे तो 5 लाख से अधिक की आय पर कर लगाने का फैसला हुआ है। लेकिन इसका लाभ 9 लाख वार्षिक आय वालों को भी  लाभ मिलने वाला है। कुछ निवेश कर लेने से 6 से 8 लाख रुपये वार्षिक आय वालों को भी लाभ मिलेगा। इस तरह देखा जाए तो यह लाभ मध्य वर्ग को पिछले चार सालों से मिलता रहा है। कार्यवाहक पीयूष गोयल ने जब बजट पेश किया तो विपक्ष को उसकी आलोचना के लिए सूझ नहीं रहा था। ऐसे में उन्होंने कह दिया कि मोदी ने इस बजट के माध्यम से मध्य वर्ग को लुभाने की कोशिश की है। मालूम हो कि यही लोग बजट से पहले तक यह प्रोपगेंडा चला रहे थे कि मोदी सरकार से मध्य वर्ग नाराज चल रहे हैं। अपने अभियान को सही साबित करने के लिए पिछले दिनों तीन राज्यों में भाजपा की हुई हार को तथ्य के रूप में पेश करते है।

जबकि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ चुनाव परिणाम यह दिखाता है कि भाजपा की सिर्फ छत्तीसगढ़ में ही हार हुई है। मध्य प्रदेश का मत प्रतिशत जहां भाजपा का कांग्रेस से अधिक है वहीं राजस्थान में एकसमान है। यह ठीक है तकनीकी आधार पर हुई हार की वजह से सत्ता परिवर्तन जरूर हुआ है।

मुद्रास्फीति से भी मध्य वर्ग को पहुंची है राहत 

मोदी सरकार के दौरान देश की मुद्रास्फीति की जो स्थिति रही है वह भी यह दर्शाती है कि इस दौरान मध्य वर्ग की स्थिति अच्छी रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सत्ता में आने से पहले यूपीए-2 सरकार के कार्यकाल के दौरान मुद्रास्फीति की दर 9 से 10 प्रतिशत तक रहती थी। एक समय तो यह दर 12 प्रतिशत से भी अधिक हो गई थी। लेकिन पिछले पांच सालों में मोदी सरकार ने इस दर को 2 प्रतिशत तक ले आई है। मोदी सरकार की यह बड़ी उपलब्धि है। ध्यान रहे कि इसका सीधा संबंध भी मध्य वर्ग से हैं। मुद्रास्फीति की दर कम होने से सबसे अधिक लाभ इसी वर्ग को मिलता है।

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