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मोदी सरकार में माओवाद और आतंकवाद पर प्रचंड प्रहार, नक्सली हमले में 70 प्रतिशत और आतंकी हिंसा में 41 प्रतिशत की कमी

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देश की बागडोर संभालने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जहां जनता को विकास और सुरक्षा की गारंटी दी, वहीं नक्सलवादियों और आतंकवादियों पर प्रचंड प्रहार कर उनका हौसला पस्त किया। इसका नतीजा है कि नक्सली और आतंकी घटनाओं में काफी कमी आई है। बुधवार (01 दिसंबर, 2021) को राज्यसभा में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि देश में नक्सली हिंसा की घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी आई है। नक्सली घटनाओं में मारे जाने वाले सैन्यकर्मियों और आम नागरिकों की संख्या में भी 80 प्रतिशत की गिरावट आई है। 2009 में सर्वाधिक 2258 नक्सली घटनाएं हुई थीं, जो कम होकर वर्ष 2020 में 665 हो गई। 2010 में सर्वाधिक 1,005 आम नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों की जान गई थी। यह 2020 में घटकर 183 हो गई।

नक्सली हिंसा का भौगोलिक विस्तार भी सीमित हो गया है। 2013 में 10 राज्यों के 76 जिलों की तुलना में 2020 में केवल नौ राज्यों के 53 जिलों ने नक्सली हिंसा की सूचना दी। आज नक्सली सुरक्षाबलों के आगे दम तोड़ते नजर आ रहे हैं। खुफिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अपने कोर गढ़ में लगातार कमजोर हो रहे नक्सली नए त्रिकोण की जद्दोजहद में हैं, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल पा रही है। सुरक्षाबल नक्सलियों के कोर इलाकों में अपना प्रभुत्व जमाने में सफल हुए हैं। गौरतलब है कि नक्सली हिंसा के समग्र समाधान के लिए मोदी सरकार ने 2015 में एक राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना बनाई, जिसमें सुरक्षा संबंधी उपायों और विकासात्मक हस्तक्षेप सहित एक बहुआयामी कार्यनीति की परिकल्पना की गई है।

जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के हौसले पस्त

5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पिछले दो सालों में आतंकियों पर दो तरफा प्रहार हुआ है। मोदी सरकार ने शांति और विकास के प्रति युवाओं में भरोसा जगाया है। साथ ही उन्हें देश की मुख्यधारा के साथ आगे बढ़ाने के लिए योजनाओं के जरिये अवसर उपलब्ध कराया है। इससे स्थानीय युवाओं और जनता में आतंकियों की पैठ कम हुई है। वहीं आतंकियों को संरक्षण देने वालों पर शिकंजा कसने के साथ ही आतंकियों के खिलाफ ‘खोजो और मारो’ का ऑपरेशन चलाया, जिसमें सुरक्षाबलों को अप्रत्याशित सफलता मिली है। इससे ना सिर्फ पत्थरबाजों और आतंकियों के हौसले पस्त हुए है, बल्कि शांति और विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

 आतंकवादी हिंसा में तेजी से गिरावट

  • जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को रद्द करने के बाद से आतंकवादी हिंसा में 41% की कमी आई है।
  • 5 अगस्त, 2019 से 22 नवंबर, 2021 तक 496 घटनाएं हुई थीं, जबकि इससे पहले दो सालो में 843 घटनाएं हुई थीं।
  • नवंबर 2021 तक कुल 200 आतंकी घटनाएं हुईं। अनुच्छेद 370 हटने से पहले 2018 में वहां कुल 417 आतंकी घटनाएं हुई थीं।
  • 2019 में 255 आतंकी हमले हुए थे और 2020 में यह कम होकर 244 रह गया था।
  • 31 अक्टूबर, 2021 तक घुसपैठ की 28 घटनाएं हुईं। 2018 में 143, 2019 में 141 और 2020 में 51 घुसपैठ की घटनाएं हुई थीं।
  • दिसंबर 2020 से लेकर 26 नवंबर, 2021 तक जम्मू-कश्मीर में 14 आतंकवादियों को पकड़ा गया और 165 आतंकी मारे गए।

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