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कांग्रेस ने कहा ‘2014 से हम अमेरिका के गुलाम बन गए हैं’: विदेशों में भारत का सिर नीचा करने वाले कांग्रेस के 20 पाप!

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कांग्रेस को उस वक्त देशहित नजर नहीं आया जब पीएम की कुर्सी के लिए उसने देश को दो टुकड़ों में बांट दिया, कांग्रेस को देशहित उस वक्त नजर नहीं आया जब उसके प्रधानमंत्री हिंदी-चीनी भाई भाई करते रहे और चीन ने भारत के साथ सरहद पर सबसे बड़ा धोखा किया, कांग्रेस को उस वक्त देशहित नजर नहीं आया, निजी फायदे के लिए कांग्रेस चीन की गोद में जा कर बैठ गई और चीन की सरकार के साथ समझौते करने लगी। लेकिन साल 2014 के बाद से देश की जनता ने जब कांग्रेस को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया है तो कांग्रेस को देश गुलाम नजर आ रहा है। इंडो-रूस फ्रेंडशिप सोसाइटी के एक कार्यक्रम में कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा है कि- 2014 से हम अमेरिका के गुलाम बन गए हैं। अमेरिका के साथ तनाव था, लेकिन मॉस्को के साथ हमारे संबंध कभी इस तरह तनावपूर्ण नहीं रहे। लेकिन जब से बीजेपी की सरकार आई है, स्थिति पूरी तरह बदल गई है।   

रूस के साथ भारत के रिश्तों पर बोलते हुए मणिशंकर अय्यर ने कहा है कि मोदी सरकार के दौर में रूस के साथ भारत के रिश्तों को गहरा झटका लगा है, रूस के साथ रिश्तों को सुधारने की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि “अमेरिकियों के साथ हमारे संबंधों में, कभी-कभी गर्व होता है। हालांकि, रूस के साथ ऐसा कभी नहीं होता है, चाहे वह उस समय का सोवियत संघ हो या आज का रूसी संघ, हम प्रत्येक को समान रूप से देखते हैं।” इंदिरा गांधी के दौर में भारत-रूस के रिश्तों को याद करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, “इंदिरा एक रूसी नाम बन गई है। बहुत सी लड़कियों के नाम इंदिरा हैं, खासकर उज्बेकिस्तान में।”

चीन हर रोज लद्धाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक साजिशें कर रहा है, कड़ाके की सर्दी में भारतीय सेना चीन से मुकाबले के लिए तैयार हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार हर संभव कोशिश कर रही है कि सरहद पर तैनात हनारे जांबाज जवानों को आधुनिक हथियार मिले, चीन की खुफिया हरकतों पर निगाह रखने वाले उपकरण मिले, आधुनिक ड्रोन, फाइटर जेट और गोलाबारूद मिले। इसके लिए अमेरिका, इजराइल, और फ्रांस जैसे देशों से मदद लेने पड़े तो उसके लिए भी सरकार हर संभव कदम उठा रही है। रूस के साथ हाल ही में हुआ एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम का समझौता इस बात का गवाह है कि रूस जैसे पुराने दोस्तों के साथ संबंधों को लेकर भी भारत पूरी तरह से सजग है । लेकिन जब बात देश के सुरक्षा की हो तो भारत किसी एक देश के भरोसे नहीं रह सकता। 

लेकिन कांग्रेस देश को सुरक्षित बनाने के लिए सरकार के साथ सहयोग के बदले हर मोर्चे पर भारत को बदनाम करने की कोशिश में जुटी रहती है। तभी को रूस के राष्ट्रपति के भारत दौरे से चंद दिनों पहले कांग्रेस के नेता ऐसी बयानबाजी में जुटे हैं, जिससे भारत और रूस के संबंध खराब हों। विदेश नीति के मोर्चे पर कांग्रेस का ये रवैया देश के लिए बेहद घातक है। ये पहली बार नहीं है कि कांग्रेस ने मित्र देशों के साथ संबंधों को बिगाड़ने और विदेशों में भारत की छवी खराब करने वाली हरकतें की हों। कांग्रेस नेता पहले भी इस तरह की हरकतें कर चुके हैं। 

मणिशंकर अय्यर ने कहा – ‘हमें ले आइये इन्हें हटाइये’

6 नवंबर, 2015 को मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तान के टीवी चैनल ‘दुनिया’ पर पाकिस्तान से गुहार लगाते हुए  कहा, ”राष्ट्रपति मुशर्रफ, जो कि फौज के आदमी थे, और हमारे मनमोहन सिंह के बीच तीन साल तक बातचीत जारी रही।” इस पर इंटरव्यू लेने वाले पत्रकार ने उनसे पूछा कि मौजूदा गतिरोध को दूर करने का क्या तरीका है, इसके जवाब में अय्यर ने कहा, ”इनको (बीजेपी सरकार) हटाइए और हमें ले आइए। और कोई रास्ता नहीं है।” इसपर पत्रकार ने कहा कि यह तो आप लोगों को करना होगा, इसके जवाब में अय्यर ने कहा कि तब तक आप लोग इंतजार कीजिए। जाहिर है मणिशंकर अय्यर का सीधा इशारा था कि भारत की सत्ता को अस्थिर करने के लिए पाकिस्तान कांग्रेस की सहायता करे और देश में मोदी सरकार को हटाने में मदद करे।

देश को बदनाम करना कांग्रेस की आदत

दरअसल अय्यर ही क्यों कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से लेकर कई नेताओं ने देश को विदेशों में जाकर बदनाम किया है। ऐसे कई प्रकरण सामने हैं जिनमें कांग्रेसी नेताओं ने देश के मान को नुकसान पहुंचाने का कुत्सित प्रयास किया है।

टूलकिट के जरिए भारत को बदनाम करने की कोशिश

कांग्रेस पर आरोप लगे कि ‘राहुल गांधी (पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष) ने महामारी को प्रधानमंत्री मोदी की छवि धूमिल करने के मौके के रूप में इस्तेमाल किया, कांग्रेस कार्यकर्ताओं को कोरोना के नये स्ट्रेन को मोदी स्ट्रेन का नाम देने का निर्देश दिया, विदेश पत्रकारों की मदद से भारत को बदनाम करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी गई’

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भारत आए थे, तब दिल्ली में दंगों का षड्यंत्र रचा गया

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे के दौरान, सीएए के खिलाफ धरने पर बैठे लोगों को भड़काने की साजिश रची गई, ताकि डोनाल्ड ट्रम्प की यात्रा के समय हिंसा भड़का कर सारी दुनिया की मीडिया का ध्यान खींचा जा सके, जिससे सरकार पर दबाव बने और सरकार सीएए को लेकर घुटने टेक दे। 

लंदन में उठाए गए EVM पर सवाल

चुनावों में हार के बाद राजनीतिक दल EVM पर सवाल उठाते रहते हैं, ये कोई नई बात नहीं है,लेकिन तब हद हो गई जब लंदन में एक भारतीय हैकर ने EVM को हैक किए जाने का सनसनीखेज दावा कर, देश को शर्नमसार करने की कोशिश की। अमेरिका में रहने वाले हैकर सैयद शुजा ने लंदन में चल रही हैकथॉन में यह दावा किया था और  स्काईप के जरिये पत्रकारों से बात करते हुए उसने कहा कि ईवीएम की हैकिंग हो सकती है। लेकिन इसके तार भी कांग्रेस से जुड़े थे, आरोप लगे की एसोसिएशन के साल 2018 के कार्यक्रम में राहुल गांधी शामिल हुए थे। जबकि लंदन में आयोजित हैकथॉन कार्यक्रम में कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने शिरकत की थी।

सिंगापुर में राहुल गांधी ने दिया था ये बयान

8 मार्च को राहुल गांधी ने सिंगापुर यात्रा के दौरान यहां के प्रतिष्ठित ली कुआन यिऊ स्‍कुल ऑफ पब्लिक पॉलिसी में एक परिचर्चा में भाग लिया था. इस दौरान उन्‍होंने कहा था कि भारत में आमतौर पर डर का माहौल है, जहां चुनाव जीतने के लिये लोगों को बांटने और उनके गुस्‍से का इस्‍तेमाल करने की राजनीति होती है। राहुल गांधी ने कहा था कि एक अलग तरह की राजनीति होती है, ऐसा न केवल भारत में हो रही है, बल्कि कई जगहों पर हो रहा है. उन्‍होंने कहा था कि अगर आप मुझसे पूछते हैं कि मुझे अपने देश की किस बात पर गर्व होता है तो यह बहुलवाद का विचार है, सुप्रीम कोर्ट के चार न्‍यायधीशों द्वारा प्रेस कांफ्रेस किये जाने का मामले उठाते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि व्‍यवस्‍था पर और न्‍यायपालिका पर बहुत ही आक्रामक और संगठित हमला हो रहा है। हालांकि जब उन्हें सिंगापुर के उसी मंच पर उनकी और कांग्रेस पार्टी की उपलब्धियों के बारे में सवाल किया गया तो उनकी बोलती बंद हो गई।

कांग्रेस नेता विदेशों में करा रहे देश की फजीहत

देश का यह स्टैंड साफ है कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर कश्मीर को लेकर कोई दखल बर्दाश्त नहीं करेगा। लेकिन राहुल गांधी देश की सबसे पुरानी पार्टी के अध्यक्ष होते हुए भी यह नहीं समझ पा रहे हैं। कश्मीर नीति को लेकर केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा करने के चक्कर में सिंगापुर में एक बार फिर विवादित वक्तव्य दे दिया। उन्होंने कहा कि कश्मीर में हालात बहुत बुरे हैं। उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें वहां की स्थिति पर रोना आता है। दरअसल राहुल गांधी सत्तालोलुपता में इतनी नीचता पर गिर गए हैं कि वे भारत की विदेश नीति को ही दांव पर लगा रहे हैं।

घरेलू राजनीति के लिए विदेशी जमीन का इस्तेमाल क्यों?

एक ओर प्रधानमंत्री खुले में भी रोड शो कर ‘भारत सुरक्षित’ है का संदेश दुनिया को दे रहे हैं। दुनिया को यह बताने का प्रयास कर रहे हैं कि यहां निवेश के लिए अनुकूल अवसर है और विश्व समुदाय को भारत में निवेश करना चाहिए। वहीं दूसरी ओर राहुल गांधी ने सिंगापुर में भारतीय मूल के सीईओ से मुलाकात के दौरान कहा कि यहां जाति और धर्म के नाम पर विभेद किए जा रहे हैं। देश में चारों तरफ हिंसा ही हिंसा हो रही है। हर ओर असहिष्णुता का आलाम है, कहीं कोई सुरक्षित नहीं है। जाहिर है राहुल गांधी अपने मानसिक दिवालियापन का सबूत नहीं दे रहे तो और क्या है?

कांग्रेस नेता विदेशी जमीन पर कई बार कर चुके हैं देश को बदनाम-बहरीन में देश की नीतियों की आलोचना

8 जनवरी, 2015 को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बहरीन के दौरे पर थे। वहां आर्गेनाइजेशन ऑफ पीपुल ऑफ इंडियन ओरिजिन की एक बैठक में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार के विरोध में कई बातें कहीं। राहुल ने रोजगार संकट, गिरती जीडीपी, नोटबंदी के गलत आंकड़े पेश कर और असहिष्णुता का मुद्दा उठाकर अपनी तुच्छ मानसिकता का परिचय दिया।

अमेरिका में भारत को किया बदनाम

सितंबर, 2017 में जब राहुल गांधी अमेरिका दौरे पर थे, तो उन्होंने यूएस की बर्कले यूनिवर्सिटी में भाषण देते समय, तमाम नीतियों को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा था। उस वक्त भी राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार पर झूठे आरोप लगाकर, विदेश में भारत को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।

कांग्रेस ने शेयर किया बेहूदा वीडियो

राहुल गांधी विदेशी दूतावास जाकर भी भारत को बदनाम करने से नहीं चूकते। 15 जनवरी, 2018 को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अपनी 6 दिवसीय ऐतिहासिक यात्रा पर भारत आए। जब इजरायल के प्रधानमंत्री देश की सरजमीं पर कदम रख रहे थे, उसी वक्त कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर प्रधानमंत्री मोदी के बारे में एक बेहूदा वीडियो शेयर किया। इस ट्विटर में पीएम मोदी को तमाम देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ गले मिलते हुए दिखाया गया था, और पीएम मोदी की गले मिलने की कूटनीति का मजाक उड़ाया गया था। कांग्रेस पार्टी ने इस शर्मनाक वीडियो में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, तुर्की के राष्ट्रपति रज्जब, फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वां ओलांद के साथ पीएम मोदी के गले मिलने के दृश्यों को दिखाया था।

डोकलाम पर सरकार के स्टैंड का विरोध

जून, 2017 में भारत-चीन के बीच 73 दिनों तक सिक्किम से सटे डोकलाम क्षेत्र जबर्दस्त तनातनी का माहौल रहा। ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जिन हालातों में चोरी-छिपे भारत में मौजूद चीन के राजदूत लिओ झाओहुई से मिलने पहुंच गए उसने सारे देश को हैरान कर दिया। लेकिन पार्टी ने पहले मुलाकात से इनकार किया और फिर स्वीकार किया। सवाल उठने लगे कि राहुल और अन्य कांग्रेसी नेताओं के मन में कुछ गलत नहीं था तो उनकी पार्टी को पहले इस मुलाकात पर झूठ क्यों बोलना पड़ा?

सलमान खुर्शीद ने किया भारत का अपमान

नवंबर, 2015 के पहले हफ्ते में कांग्रेस सरकार में विदेश मंत्री रहे सलमान खुर्शीद ने भी भारत को यह कहकर बदनाम करने की कोशिश की थी कि भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत बंद होने के लिए पाकिस्तान नहीं बल्कि भारत सरकार जिम्मेदार है। इस्लामाबाद के जिन्ना इंस्टीट्यूट में अपने संबोधन उन्होंने कहा, ”पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ ने मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होकर दूरदर्शिता का परिचय दिया था, लेकिन बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार पाकिस्तान के शांति संदेश का माकूल जवाब देने में नाकाम रही।” खुर्शीद ने यह भी कहा था कि मोदी अभी राजनेता बनने के तौर-तरीके सीख रहे हैं।

कश्मीर में आतंकियों पर कार्रवाई का विरोध

28 अक्टूबर, 2017 को पी चिदंबरम ने कहा, ”जम्मू-कश्मीर के लोगों से मेरी बातचीत के जरिए मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि जब भी वे आजादी की मांग करते हैं तो दरअसल, इसमें ज्यादातर लोगों की आजादी का मतलब स्वायत्तता से होता है।”  कांग्रेस के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम के इस बयान ने शांत होते कश्मीर को एक बार फिर सुलगा दिया। पी चिदंबरम के इस बयान से साफ है कि कांग्रेस कश्मीर में आतंकियों की मांग को समर्थन करती है। स्पष्ट है कि भारत से अलग होने और पाकिस्तान में मिलने की ख्वाहिश रखने वालों को पी चिदंबरम उकसाया। इससे न देश की बदनामी हुई बल्कि भारत सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठाए जाने लगे। 

आतंकियों की फांसी पर भी पॉलिटिक्स

संसद पर हमले के दोषी आतंकी अफजल गुरु की फांसी पर भी कांग्रेस ने पॉलटिक्स की थी। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा था कि संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी देना गलत था और उसे गलत तरीके से दिया गया। इतना ही नहीं यही कांग्रेस है जिनके नेताओं ने याकूब मेनन की फांसी पर भी आपत्ति जताई थी।

चीन ने तो सैनिक मारे जाने की बात मान ली, लेकिन कांग्रेस…

लद्दाख के गलवान घाटी संघर्ष मामले में चीन ने पहली बार माना है कि उसके भी सैनिक मारे गए थे। चीनी सेना ने कहा है कि गलवान घाटी संघर्ष में उसके चार सैनिक मारे गए थे। चीन ने देर से ही सही, अपने सैनिकों के मारे जाने की बात कबूल कर ली है, लेकिन उस समय कदम दर कदम परोक्ष रूप से चीन के पक्ष में खड़े कांग्रेसी नेता क्या अपनी गलती कबूल करेंगे। उस समय कांग्रेसी नेता भारतीय सैनिकों के पराक्रम पर सवाल उठा रहे थे। देखिए कांग्रेस नेता उस समय किस तरह चीन का बचाव कर रहे थे। सोशल मीडिया पर यूजर्स अब इसी बारे में चर्चा कर रहे हैं।

मां-बेटे ने 2008 में चीन के साथ मिलकर षड्यंत्र किया

चीन और कांग्रेस का रिश्ता जगजाहिर है, 2008 में चीन के साथ MoU कर मां-बेचे ने चीन में अपना इमान गिरवी रखा था, बीजेपी ने कांग्रेस पर मोदी सरकार को गिराने का साझा प्रयास करने के आरोप लगाए। संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि कांग्रेस और चीन का इश्क छुपाए नहीं छुप रहा है। यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे इश्क और मुश्क और छुपाए नहीं छुपते। राहुल गांधी अभी तक सिर्फ पाकिस्तान के हीरो थे लेकिन आज वे चीन के भी हीरो बन गए हैं।

कांग्रेस ने किया चीन के एप बैन का विरोध

चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच भारत ने बुधवार को पबजी समेत 118 और चीनी मोबाइल एप्स को बैन कर दिया। इसके कुछ दिन पहले ही भारत ने लोकप्रिय मोबाइल एप टिकटॉक सहित 59 एप को बैन किया था। मोदी सरकार के इस फैसले का जहां देश भर के तकरीबन सभी लोग स्वागत कर रहे हैं वहीं कांग्रेस नेता ने इसका विरोध किया ।

कांग्रेस नेता ने अरुणाचर प्रदेश को चीन का हिस्सा बताया

कांग्रस नेता भी सिर्फ और सिर्फ झूठ फैलाने में विश्वास रखते हैं। हद तो यह है कि लोकसभा चुनाव में मुंह की खाने के बाद भी कांग्रेस के नेता कोई सबक सीखने को तैयार नहीं हैं। इस बार झूठ बोलने और भ्रम फैलाने की कमान राहुल गांधी के सबसे खास हार्दिक पटेल ने संभाली । एयरफोर्स के लापता विमान को लेकर कांग्रेस ने देश में भ्रम फैलाने की नीच राजनीति शुरू कर दी है। कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने गायब विमान का चीन से कनेक्शन जोड़ दिया है। हार्दिक ने अरुणाचर प्रदेश को चीन का हिस्सा बता दिया। साथ ही भड़काऊ ट्वीट करते हुए लिखा कि मोदी जी आप चीन पर सर्जिकल स्ट्राइक कर दीजिए।

राफेल डील के विरोध से चीन-पाकिस्तान को फायदा पहुंचाने की कोशिश

भारत ने सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ एक इंटर-गर्वनमेंट समझौते को साइन किया था। इसके तहत 36 राफेल डील खरीदने का सौदा हुआ।दूसरी ओर कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार फ्रांस के साथ राफेल फाइटर जेट के लिए हुई 58,000 करोड़ की डील पर देश को अंधेरे में रख रही है। कांग्रेस ने डील रोकने की हर कोशिश की। 

कांग्रेस ने की थी अमेरिका से परमाणु डील, तब देश नहीं लगा गुलाम

जब मनमोहन सरकार ने अमेरिका से न्यूक्लीयर डील साइन की थी, तो कांग्रेस को देश गुलाम नहीं लग रहा था , लेकिन देश की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए मोदी सरकार अमेरिकी से हथियार ले रही है, तो कांग्रेस को रूस के साथ भारत के संबंध खबाृब होने की चिंता सता रही है। लेकिन देश कांग्रेस की इस दोगली नीति से अच्छी तरह से वाकिफ है। 

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