पश्चिम बंगाल की आर्थिक स्थिति खराब है। राज्य कर्ज में डूबा हुआ है। लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 2024 में प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा पूरी करने के लिए अभी से महंगी तैयारी शुरू दी है। बंगाल सरकार ने ममता बनर्जी के हवाई दौरे के लिए चार्टर्ड विमान किराए पर लिया है। 10 सीटों वाले इस विमान का मासिक किराया करीब सवा दो करोड़ रुपये बताया जा रहा है। दिल्ली की एक संस्था से ‘फॉल्कन 2000’ नामक इस विमान को तीन साल के करार के तहत किराए पर लिया गया है। विमान अगले तीन दिनों में कोलकाता पहुंचेगा।
Expensive aspirations for “Prime Ministership” in a debt-ridden & cash-strapped State!
2 crore monthly rent for next 3 years
Crew & Pilot to be stationed at 5 star hotel for next 3 years.
“Maa-Maati-Maanush” is crushed, Long Live “Maa-Maati-Maanush”! pic.twitter.com/XPYsjOEjds
— Dr. Anirban Ganguly (@anirbanganguly) September 1, 2021
विमान में दो पायलट, एक इंजीनियर और एक फ्लाइट अटेंडेंट होगा। ये सभी अगले तीन वर्षों तक कोलकाता के एक पांच सितारा होटल में रहेंगे। इनका खर्च भी बंगाल सरकार ही वहन करेगी। करार के मुताबिक संस्था को प्रति महीने न्यूनतम 45 घंटे की उड़ान के रुपये देने होंगे। विमान के इससे ज्यादा उड़ान भरने पर प्रति घंटे और पांच लाख रुपये का भुगतान करना होगा। कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विमान अगले तीन साल तक खड़ा रहेगा। फॉल्कन 2000 को फ्रांस की जेसल्ट नामक कंपनी ने तैयार किया है। इसके प्रति घंटे की उड़ान का खर्च करीब पांच लाख रुपये है।
गौरतलब है कि ममता बनर्जी को आगामी 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विभिन्न राज्यों का दौरा करना पड़ सकता है। इसी कारण इस विमान को किराए पर लिया गया है। बंगाल में जीत के बाद ममता बनर्जी अब दिल्ली की गद्दी पर पूरी नजर बनाए हुए हैं, उन्हें मालूम है कि यही सही वक्त है जब वह बंगाल की सियासत से निकलकर दिल्ली की सियासत में अपने पांव जमा सकती हैं, क्योंकि फिलहाल विपक्ष के पास कोई ऐसा बड़ा चेहरा नहीं है जो प्रधानमंत्री मोदी के नाम के आगे टिक सके।
दरअसल ममता बनर्जी भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरह सपने देख रही है। बंगाल में चुनाव जीत लेना और देशभर में चुनाव जीतना दोनों अलग-अलग बातें हैं। ममता बनर्जी बेशक पश्चिम बंगाल में एक बड़ा चेहरा है। लेकिन वह देश भर में मोदी ब्रांड के सामने टिक सकती हैं, इसके बारे में बात करना अति आत्मविश्वास को दर्शाना होगा। दिल्ली में जब अरविंद केजरीवाल ने प्रचंड बहुमत से सरकार बनाई तो उन्हें भी लगा था कि वह देश में प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे को टक्कर दे सकते हैं और इसी आत्मविश्वास में उन्होंने बनारस से चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया, जिसका नतीजा यह हुआ कि उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा। इसी तरह बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी नंदीग्राम में अपनी सीट नहीं बचा पायी और बीजेपी नेता शुभेन्दु अधिकारी से हार गयी। यह हार प्रधानमंत्री मोदी के सामने ममता बनर्जी के दावे को कमजोर करती है।