पश्चिम बंगाल में पूरी तरह से अराजकता का आलम है। राज्य में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं का गुंडाराज बढ़ता ही जा रहा है। टीएमसी के गुंडे विरोधी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिन-गिनकर निशाना बना रहे हैं। राज्य में रोज लोकतंत्र की हत्या हो रही है। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के गुंडों को इतनी छूट दे दी गई है कि वे पुलिस के सामने खुलेआम गुंडागर्दी करते हैं।
10 दिसंबर, 2020: जेपी नड्डा के काफिले पर हमला
पश्चिम बंगाल दौरे पर डायमंड हार्बर जा रहे बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय के काफिले पर दक्षिण 24 परगना में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने हमला किया। टीएमसी कार्यकर्ताओं ने जेपी नड्डा के काफिले को रोकने की कोशिश की, इस दौरान टीएमसी कार्यकर्ताओं ने पत्थरबाजी भी की। सुरक्षा एजेंसियों ने जेपी नड्डा के काफिले को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। बुलेटप्रूफ कार में होने के कारण नड्डा को कुछ नहीं हुआ लेकिन कैलाश विजयवर्गीय और मुकुल रॉय घायल हो गएं। कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि पुलिस की मौजूदगी में टीएमसी गुंडों ने हम पर हमला किया। ऐसा लगा जैसे हम अपने ही देश में नहीं हैं.
बंगाल पुलिस को पहले ही राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री @JPNadda जी के कार्यक्रम की जानकारी दी गई थी, लेकिन एक बार फिर बंगाल पुलिस नाकाम रही। सिराकोल बस स्टैंड के पास पुलिस के सामने ही #TMC गुंडों ने हमारे कार्यकर्ताओं को मारा और मेरी गाड़ी पर पथराव किया। #BengalSupportsBJP pic.twitter.com/G882Ewhq9M
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) December 10, 2020
Visuals of BJP President @JPNadda convoy attacked while on way to Diamond Harbour road on Thursday pic.twitter.com/bH6zP0WoT4
— Rishi Bagree (@rishibagree) December 10, 2020
ममता दीदी के गुण्डों ने हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष @JPNadda जी के गाड़ी पर हमला किया है और भाजपा कार्यकर्ताओं को मारा है,इस दुस्साहस का का परिणाम बहुत बुरा होगा ममता बेनर्जी और तृणमूल के गुण्डों के लिए।
बंगाल की जनता इस चुनाव में अपने वोट के वार से ममता सहित गुर्गों को साफ कर देगी। pic.twitter.com/GQ78Dgtqtv
— Gaurav Tiwari (@adolitics) December 10, 2020
9 दिसंबर, 2020: कोलकाता में जेपी नड्डा की सुरक्षा में चूक
इसके एक दिन पहले ही बुधवार, 9 दिसंबर को बीजेपी अध्यक्ष नड्डा के कोलकाता दौरे के दौरान सुरक्षा में गंभीर चूक का मामला सामने आया। उनके कार्यक्रम में पुलिस की कोई मौजूदगी नहीं थी और लाठी-डंडों से लैस टीएमसी के कार्यकर्ता कार्यक्रम में व्यवधान डालने की कोशिश कर रहे थे। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने सुरक्षा चूक को लेकर स्थानीय प्रशासन के साथ केंद्रीय गृह मंत्रालय से शिकायत की।
7 दिसंबर, 2020: बीजेपी नेता कबीर बोस के घर पर हमला
ममता की पार्टी टीएमसी के गुंडों ने रविवार, 7 दिसंबर को पश्चिम बंगाल के भाजपा प्रवक्ता और वकील कबीर शंकर बोस को उनके सेरामपोर के फ्लैट में बंद कर दिया। टीएमसी पुलिस के साथ मिल कर किसी को घर में उनके घुसने या बाहर निकलने से रोक उनकी कार को क्षतिग्रस्त कर दिया।
West Bengal BJP spokesman & barrister Kabir Shankar Bose has been under siege in his flat in Srerampore. The TMC, in collusion with police, are preventing him from leaving or anyone from entering. His car has been smashed up. Has law & order broken down completely in WB?
— Swapan Dasgupta (@swapan55) December 7, 2020
भाजपा नेता के सुरक्षाकर्मियों के साथ टीएमसी कार्यकर्ताओं के झड़प की वीडियो डीएनएन न्यूज ने साझा की है। ये वीडियो उस समय की है जब कबीर शंकर बोस अपनी कार को निकाल रहे थे।
12 नवंबर, 2020: बंगाल बीजेपी के चीफ दिलीप घोष के काफिले पर हमला
हाल ही में 12 नवंबर, 2020 को अलीपुरद्वार जिले में टीएमसी की गुंडागर्दी देखने को मिली, जब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के काफिले पर हमला किया गया। हालांकि इस हमले में वो बालबाल बच गए, लेकिन कई कार्यकर्ताओं को चोटें आईं और काफिले में शामिल गाड़ियों के शीशे टूट गए और गाड़ियों को काफी नुकसान पहुंचा। कालचीनी से विधायक विल्सन चंपामारी की गाड़ी बुरी तरह हमले में क्षतिग्रस्त हो गई। उन्हें भी चोटें आईं। ताबड़तोड़ बरसाए गए पत्थरों के साथ ही भीड़ से काफिले को काले झंडे भी दिखाए गए।
West Bengal: Convoy of state BJP chief Dilip Ghosh was attacked near Alipurduar.
Protestors also showed black flags and raised ‘go back’ slogans. pic.twitter.com/zpwrQ2ta3y
— ANI (@ANI) November 12, 2020
8 अक्तूबर, 2020: ममता के शासन को देखकर याद आए 84 के दंगे
ममता राज में आम लोगों का अपनी आवाज उठाना भारी पड़ रहा है। राज्य में पुलिस ने एक सिख सुरक्षाकर्मी की बेदर्दी से पिटाई की है। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में साफ दिख रहा है कि पश्चिम बंगाल पुलिस भाजपा के नवान्न अभियान के दौरान एक सिख सुरक्षाकर्मी की पगड़ी उतारकर उसकी बेरहमी से पिटाई कर रही है।
ममता सरकार द्वारा जिस तरीके से एक सिख सुरक्षाकर्मी की पगड़ी को उतार कर केशों का अपमान किया गया ये देख 84 नरसंहार के दृश्य सामने आ गए।इस देश की आजादी में सबसे ज्यादा बलिदान देने सिख कौम के साथ व्यवहार करने वाली सरकार को 1 मिनट भी सत्ता में रहने का अधिकार नही है। pic.twitter.com/joR8tURpYE
— Tajinder Pal Singh Bagga (@TajinderBagga) October 9, 2020
ममता बनर्जी की पुलिस की इस करतूत का सोशल मीडिया पर जबरदस्त विरोध हुआ।
— Mayank Bansal (@ma_20th) October 9, 2020
8 अक्तूबर, 2020: टीएमसी के साथ पुलिस की गुंडागर्दी
पश्चिम बंगाल में टीएमसी समर्थक आतंक मचाए हुए हैं। राज्य में बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या आम हो गई है। कार्यकर्ताओं की हत्या के खिलाफ 8 अक्तूबर को बीजेपी कार्यकर्ताओं ने ‘नबन्ना चलो’ आंदोलन किया। इस दौरान टीएमसी कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस ने प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं पर जमकर लाठियां बरसाईं। उनके ऊपर वॉटर कैनन और आंसू गैस के गोले छोड़े गए। पुलिसिया एक्शन में कई कार्यकर्ता घायल हो गए हैं।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने रंगीन पानी वाले वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया, जिसमें केमिकल मिला हुआ था।
Gas Chamber, West Bengal(2020) pic.twitter.com/HKrhVDixTR
— Shash (@BefittingFacts) October 8, 2020
Bengal Police is Lathi charging on a 60 year old person. How one can even justify this? pic.twitter.com/l4qUD8RYNO
— Squint Neon (@TheSquind) October 8, 2020
20 मई, 2020: सच दिखाने पर न्यूज चैनल के प्रसारण पर रोक
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सच दिखाने वाले मीडिया को भी प्रताड़ित कर रही हैं। जानकारी के मुताबिक सच दिखाने पर ममता बनर्जी सरकार ने कलकत्ता न्यूज के प्रसारण पर बैन लगा दिया। कलकत्ता न्यूज के खिलाफ सच दिखाने पर कार्रवाई की गई। बकायदा केबल ऑपरेटर द्वारा इस न्यूज चैनल का प्रसारण बंद करा दिया गया। Calcutta Television Network Pvt. Ltd के तहत कलकत्ता न्यूज का प्रसारण किया जाता है। कलकाता न्यूज 24×7 न्यूज चैनल है।
Want to know what dictatorship is?
Calcutta News did shows criticising Mamata, now cable operators hv stopped telecast of the channel.
Situation of Freedom of Speech in Didi's Bengal. pic.twitter.com/WIUFofaLgn
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) May 20, 2020
अप्रैल-मई, 2020: टीएमसी कार्यकर्ताओं की चुनावी गुंडागर्दी
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की शह पर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ वहां की पुलिस भी हिंसक वारदातों को अंजाम देने में जुटी है। प्रदेश में अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को दबाने के लिए पुलिस का धड़ल्ले से उपयोग किया है। खासकर अप्रैल-मई में लोकसभा चुनवा के दौरान टीएमसी कार्यकर्ताओं के साथ-साथ पुलिस का नंगा नाच सामने आया है।
पांचवें चरण के मतदान के दौरान भारी हिंसा
पश्चिम बंगाल में हो रहे पांचवें चरण के मतदान के दौरान काफी हिंसा हुई। बैरकपुर लोकसभा के अंतर्गत मोहनपुर में टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने हिंसा को अंजाम दिया। लेकिन बंगाल पुलिस मूकदर्शक बनी रही। वहां से भाजपा प्रत्याशी अर्जुन सिंह ने टीमएमसी कार्यकर्ताओं पर हमला कर गुंडागर्दी करने का आरोप लगाया।
चौथे चरण में बाबुल सुप्रियो की कार पर हमला
चौथे चरण में भाजपा के कब्जे वाले आसनसोल में तो टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने भाजपा के सांसद बाबुल सुप्रियो की कार पर हमला कर उसे क्षतिग्रस्त कर दिया। जबकि बंगाल पुलिस ने बाबुल सुप्रियो के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। मतदान को प्रभावित करने के लिए पुलिस के संरक्षण में टीएमसी के कार्यकर्ता आसनसोल के बूथ संख्या 125 तथा 129 पर तो केंद्रीय सुरक्षाबलों से भिड़ गए।
तीसरे चरण में सीपीएम सांसद के काफिले पर हमला
तीसरे चरण के मतदान के दौरान वीरभूमि में टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने जमकर गुंडागर्दी की थी। वीरभूमि के इस्लामपुर क्षेत्र में टीएमसी कार्यकर्ताओं ने सीपीएम के सांसद मोहम्मद सलीम के काफिले पर हमला किया। इस घटना के बात टीएमसी कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
दूसरे चरण में दार्जिलिंग में सर्वाधिक हिंसा पश्चिम बंगाल में दूसरे चरण के दौरान रायगंज सीट के सासंद और उम्मीदवार मोहम्मद सलीम ने टीएमसी कार्यकर्ताओं पर हमले करने का आरोप लगाया। वहां के लोगों का कहना है कि बंगाल पुलिस उनकी सुनती नहीं बल्कि शिकायत करने पर उन्हें ही फंसा देती है।
पहले चरण में टीएमसी कार्यकर्ताओं का उत्पात
पहले चरण की वोटिंग में भी टीएमसी कार्यकर्ताओं ने जमकर उत्पात मचाया। दिनहाता में बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ कूचबिहार में लेफ्ट प्रत्याशी पर हमला किया गया। टीएमसी कार्यकर्ताओं को पुलिस का संरक्षण प्राप्त होने के कारण ही राज्य में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं की बेरहमी से हत्या होती रही है, लेकिन पुलिस ने उनके खिलाफ कभी कोई कार्रवाई नहीं की। वह चाहे पेड़ से लटकाकर फांसी देने जैसा जघन्य अपराध का मामला हो या फिर दूसरे दलों के कार्यकर्ताओं की हत्या
भाजपा नेताओं को रैली करने से रोका
एक तरफ ममता बनर्जी अपने भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए धरने पर बैठती हैं तो दूसरी तरफ भाजपा के नेता और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बंगाल में रैली करने के लिए उनके हेलिकाफ्टर को उतरने की इजाजत नहीं देती हैं। इससे पहले भाजपा नेता अमित शाह को भी रैली स्थल पर जाने के लिए हेलिकाप्टर उतरने की इजाजत नहीं दी। इससे साफ होता है कि ममता संविधान की रक्षा के नाम पर अपनी राजनीतिक जमीन को बचाने के अंतिम लड़ाई लड़ रही हैं।
4 अक्तूबर 2018: पीएम मोदी की प्रशंसा पर एक शख्स के साथ मारपीट
पश्चिम बंगाल में हालात यह हो गए हैं कि अगर ममता बनर्जी के अलावा अन्य किसी नेता की तारीफ भी कर दी तो तृणमूल कांग्रेस के गुंडे मारपीट पर उतारू हो जाते हैं। हुगली जिले में हरिभक्त मंडल नाम के शख्स के साथ बुरी तरह से मारपीट सिर्फ इसलिए की गई क्योंकि उसने प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करते हुए फेसबुक पर पोस्ट किया था। नाराज तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने हरिभक्त मंडल के घर पर धावा बोल दिया और उसके घर से बाहर खींच कर बुरी तरह मारा-पीटा। इतना ही नहीं पिटाई का विरोध करने पर मंडल की मां के साथ भी मारपीट की गई।
In Mamata’s #Bengal, Dalit man Haribhakta Mandal praises Modi on #FB. He says TMC goons thrashed him, parents. When his mother begged for water, they peed on her.
Reminds one of Saibari. CPM goons forced a mother to eat rice mixed with slain sons’ blood https://t.co/QMYDHNo1zo— Abhijit Majumder (@abhijitmajumder) 4 October 2018
17 जुलाई 2018: प्रधानमंत्री मोदी की रैली को सुरक्षा नहीं दी
ममता ने संविधान और सिस्टम को तब भी ठेंगा दिखाया जब 17 जुलाई 2018 को मेदनीपुर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रैली की थी। राज्य सरकार ने ‘ब्लू बुक’ फॉलो नहीं किया। पीएम की सुरक्षा के लिए SPG को संसाधन नहीं दिए गए और रैली स्थल से पांच किलोमीटर तक स्थानीय पुलिस की तैनाती नहीं की गई।
अप्रैल, 2018: भाजपा समर्थक महिला को निर्वस्त्र करने की कोशिश
साल 2018 के अप्रैल महीने में 24 परगना जिले में तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा की महिला कार्यकर्ता की सरेआम पिटाई की। महिला प्रत्याशी पर उस समय हमला हुआ जब वह बारुईपुर एसडीओ ऑफिस में नामांकन दाखिल करने पहुंची। टीएमसी कार्यकर्ताओं ने महिला को सड़क पर पटक कर मारा और उसके साथ बदसलूकी की। उसे निर्वस्त्र तक करने की कोशिश की गई। हैरानी की बात है कि महिला कार्यकर्ता की मदद के लिए कोई आगे नहीं आया लोग वहां खड़े तमाशा देखते रहे।
लेफ्ट के दो पार्टी कार्यकर्ताओं को जिंदा जलाया
पंचायत चुनाव के दौरान बंगाल के रायगंज में तैनात चुनाव अधिकारी राजकुमार रॉय की हत्या इसलिए कर दी गई कि उसने निष्पक्ष चुनाव करवाने की कोशिश की। इसी तरह उत्तर 24 परगना में पंचायत चुनाव के दौरान ही सीपीएम के एक कार्यकर्ता के घर में आग लगी दी गई। इसमें कार्यकर्ता और उसकी पत्नी इसमें जिंदा जल गई। सीपीएम ने आरोप लगया कि इसमें टीएमसी का हाथ है।