पश्चिम बंगाल में बीजेपी को मिल रहे अपार जनसमर्थन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हुंकार से ममता बनर्जी डरी हुई है। दस साल तक मुस्लिम तुष्टिकरण के सहारे राजनीति करने वाली मामत बनर्जी को अब हिन्दू वोटरों को खोने का डर सता रहा है। इसलिए ममता पहली बार खुद को ब्राह्मण साबित करने की कोशिश कर रही हैं। पहले कहती थीं की हिजाब पहनती हूं और मुसलमानों की हिफाजत करती हूं। अब तेवर बदल गए हैं आजकल चंडी पाठ कर रही हैं।
इसी बीच ममता बनर्जी के खुद को ब्राह्मण कहने वाले बयान के बाद कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने उनपर निशाना साधते हुए कहा, “ममता बनर्जी पहली बार यह साबित करने की कोशिश में लगी हुई हैं कि वह ब्राह्मण हैं। पहले वह कहती थी, ‘मैं हिजाब पहनती हूं, प्रार्थना करती हूं और मुसलमानों की रक्षा करती हूं।’ अब वह बदल गई। पश्चिम बंगाल में बीजेपी के आने के बाद, वह यह साबित करने की कोशिश कर रही है कि वह बीजेपी से कम ‘हिंदुत्ववादी’ नहीं है।”
#WATCH West Bengal CM Mamata Banerjee recites ‘Chandi Path’ during her public rally in Nandigram pic.twitter.com/7PC0eTwGwc
— ANI (@ANI) March 9, 2021
इससे पहले 8 मार्च, 2021 को ममता बनर्जी ने एक रैली में बीजेपी पर हमला बोलते हुए हिंदुत्व के जवाब में ब्राह्मण कार्ड खेला था। उन्होंने कहा कि मैं एक ब्राह्मण हूं और मुझे हिंदू होना मत सिखाइए। उन्होंने बुधवार को भी हिंदू कार्ड खेलते हुए शिव मंदिर में पूजा की और लोगों से मुलाकात की। इसके बाद वह हल्दिया गईं और फिर नंदीग्राम सीट पर अपना नामांकन दाखिल किया।
इस बीच मंच से ही चंडीपाठ कर ममता ने अपने इरादे जाहिर कर दिए और नंदीग्राम के अपने 2008 के दिनों को याद किया, जब वामपंथी दलों के शासन के दौरान उन्होंने आंदोलन तेज किया था। ममता बनर्जी ने कहा कि मैं अपना नाम भूल सकती हूं, लेकिन नंदीग्राम नहीं भूल सकती। ममता के नामांकन से ही नंदीग्राम के संग्राम की शुरुआत हो जाएगी।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच आठ चरणों में विधानसभा चुनाव (west Bengal Polls 2021 dates) होंगे और वोटों की गिनती 2 मई को होगी। पहले चरण का मतदान 27 मार्च को, दूसरे चरण का एक अप्रैल को, तीसरे चरण का 6 अप्रैल को, चौथे चरण का 10 अप्रैल को, पांचवें चरण का 17 अप्रैल को, छठे चरण का 22 अप्रैल को, सातवें चरण का 26 अप्रैल को और अंतिम चरण का मतदान 29 अप्रैल को होगा।