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ममता बनर्जी ने भी माना- कांग्रेस पार्टी बीजेपी से लड़ने में नाकाम, राहुल विपक्ष के लीडर बने रहे तो नरेंद्र मोदी को कोई टारगेट नहीं कर सकता

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देश-विदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बढ़ती लोकप्रियता से देश के विपक्षी दल घबराए हुए हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि लोकसभा चुनाव 2024 में मोदी का मुकाबला कैसे किया जाए। उन्होंने मन ही मन में तो यह स्वीकार कर लिया है कि अब लोकसभा चुनाव 2024 में उनके लिए उम्मीद की कोई किरण नहीं बची है। कुछ विपक्षी नेताओं ने तो यह स्वीकार करते हुए बयान भी दे दिया है कि अभी से लोकसभा चुनाव 2029 की तैयारी शुरू करनी चाहिए। कांग्रेस के पीएम उम्मीदवार राहुल गांधी ने अभी हाल ही में विदेश जाकर जिस तरह भारत विरोधी और भारत को नीचा दिखाने वाली की बात की उससे देश में उनके खिलाफ माहौल बना और जनता में कांग्रेस के प्रति नाराजगी है। इस बीच तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने भी यह कहकर उस बात पर मुहर लगा दी है कि कांग्रेस पार्टी बीजेपी से लड़ने में नाकाम है और राहुल विपक्ष के लीडर बने रहे तो नरेंद्र मोदी को कोई टारगेट नहीं कर सकता है।

कांग्रेस से तल्खी के बीच ममता ने कहा- राहुल को हीरो बनाने की कोशिश

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ कांग्रेस के रिश्ते में तल्ख़ियां बढ़ती जा रही है। यही वजह है कि ममता ने बीजेपी पर ठीकरा फोड़ते हुए राहुल को हीरो बनाने की बात कह डाली। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा ब्रिटेन में की गई टिप्पणियों के लिए संसद की कार्यवाही बाधित कर उन्हें हीरो बनाने की कोशिश कर रही है ताकि ज्वलंत मुद्दों से ध्यान हटाया जा सके। जबकि यह बात सभी को पता है कि राहुल गांधी को विदेशी ताकत और अमेरिकी अरबपति जार्ज सोरोस हीरो बनाने पर तुला है।

ममता ने अकेले दम पर लोकसभा चुनाव लड़ने का किया ऐलान

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस से अलग रहकर ही भाजपा विरोधी जंग लड़ेंगी। ममता ने आम चुनाव 2024 के लिए किसी गठबंधन की संभावना से इंकार करते हुए कहा है कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव अकेले ही लड़ेगी। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस अगले वर्ष के लोकसभा चुनाव लोगों के समर्थन के बूते अकेले ही लड़ेगी। उन्‍होंने कहा कि 2024 में हम तृणमूल कांग्रेस और लोगों के बीच गठबंधन देखेंगे। हम किसी अन्‍य राजनीतिक पार्टी के साथ नहीं जाएंगे, हम लोगों के समर्थन से लड़ेंगे।

ममता ने गठबंधन की राह देखने वाले दलों को दिया झटका

दरअसल आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी दल तैयारियों में जुटे हुए हैं। केंद्र की मौजूदा सरकार जहां एक बार फिर से वापसी की तैयारी कर रही है। वहीं, विपक्ष महागठबंधन कर बीजेपी को टक्कर देने की कोशिश में जुटी है। इस बीच गठबंधन बनने से पहले ही तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर गठबंधन की राह देख रही अन्य दलों को करारा झटका दिया है।

केजरीवाल को बड़ा झटका! बैठक में नहीं शामिल हुए नीतीश कुमार और ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2024 के आम चुनाव से पहले तीसरा मोर्चा बनाने के प्रयासों के तहत दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं हुए। ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) बीजेपी और कांग्रेस दोनों से दूरी बनाए रखना चाहती है। जबकि नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) बिहार में कांग्रेस के साथ गठबंधन साझेदार है। इस तरह विपक्ष का गठबंधन बनाने का मामला दिलचस्प मोड़ पहुंच गया है।

केजरीवाल ने आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों को निमंत्रण भेजा था

दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने पांच फरवरी को आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बैठक का निमंत्रण भेजा था। जानकारी के अनुसार केजरीवाल ने ममता बनर्जी को 18 मार्च को बैठक के लिए आमंत्रित किया था. इसके साथ ही सात अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी ऐसा ही निमंत्रण भेजा गया था। हालांकि, बाद में बैठक नहीं हुई।

गैर-कांग्रेस जी-8 विपक्षी मोर्चा बनाने की कवायद अधर में 

लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी और कांग्रेस के खिलाफ विरोधी दलों का एक मोर्चा बनाने की कवायद शुरू हो गई है। सूत्रों के अनुसार 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को महत्व न देते हुए जी-8 कहे जाने वाले इस विपक्षी मोर्चा को बनाने की कवायद शुरू तो हो गई है, लेकिन परवान चढ़ती नहीं दिख रही है।

कांग्रेस ने पहले ही राहुल गांधी को पीएम उम्मीदवार घोषित कर दिया

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि राहुल साल 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष का चेहरा ही नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री पद का चेहरा भी होंगे। उन्होंने ईमेल के माध्यम से एक मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में यह भी कहा कि राहुल गांधी सत्ता की नहीं, बल्कि जनता की राजनीति करते हैं, ऐसे नेता को देश के लोग खुद-ब-खुद सिंहासन पर बैठा देते हैं। कमलनाथ के मुताबिक, ‘दुनिया के इतिहास में 3500 किलोमीटर से अधिक की पैदल यात्रा किसी व्यक्ति ने नहीं की है। भारत देश के लिए इतनी शहादत किसी परिवार ने नहीं दी है, जितनी गांधी परिवार ने दी है।’ हाल के दिनों में यह पहली बार है, जब कांग्रेस के किसी वरिष्ठ नेता ने यह कहा है कि अगले लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी प्रधानमंत्री पद का चेहरा होंगे।

पीएम पद के लिए उम्मीदवारी को लेकर विपक्ष में घमासान

नीतीश कुमार, के चंद्रशेखर राव, ममता बनर्जी, राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल विपक्ष के प्राधनमंत्री पद के उम्मीदवार बनने की जोड़-तोड़ में लग गए हैं। 2024 के आम चुनाव तक ये सभी नेता अपनी-अपनी दावेदारी मजबूत करने के लिए एक से बढ़कर एक हथकंडे अपनाएंगे। लेकिन केसीआर के पटना दौरा और नीतीश कुमार की पलटी मारने की आदत से आम जनता को भी संकेत मिल गया कि यह सियासी ड्रामा आम चुनाव के नतीजे आने तक जारी रहने की उम्मीद है।

विपक्ष के हर दल में प्रधानमंत्री उम्मीदवार हैं। अभी उनमें सिर फुटव्वल जारी है। पीएम दावेदारों पर एक नजर-

विपक्ष के हर दल में प्रधानमंत्री उम्मीदवार

नीतीश कुमार

वर्ष 2013 से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने के सपने संजोने वाले बिहार के मुख़्यमंत्री नीतीश कुमार आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दलों को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने राहुल गांधी, शरद पवार, अरविन्द केजरीवाल, शरद यादव समेत कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात की भी थी। प्रधानमंत्री पद की दावेदारी को लेकर उनका जवाब था कि ममता बनर्जी से बातचीत हुई है और 2024 में चुनाव से पहले विभिन्न जगहों पर लोग एक साथ होंगे तो अच्छा रहेगा। सब एकजुट होंगे, तो चेहरा तय हो जाएगा। जेडीयू के विधायक,पदाधिकारी भी नीतीश को प्रधानमंत्री उम्मीदवार के तौर पर प्रोजेक्ट करने के लिए खुले मंचों से दावा पेश करते रहे हैं।

शरद पवार

अक्टूबर 2022 एनसीपी के राष्ट्रीय सम्मेलन में राष्ट्रवादी युवक कॉन्ग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि यदि वर्ष 2024 में नरेन्द्र मोदी और बीजेपी को हराना है तो पवार साहेब को ही विपक्ष की कमान संभालनी होगी क्योंकि बीजेपी जैसी पार्टी से टकराने के लिए उनके जैसे अनुभवी और ऊर्जावान नेता की ही जरूरत है। शरद पवार को उनके अनुभव के आधार पर विपक्षी दल उनमें नेतृत्व की क्षमता देखते हैं। यही कारण है कि उन्हें कई बार यूपीए का अध्यक्ष बनाने की उम्मीदें जगती रहती हैं। एनसीपी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल ने सबसे पहले शरद पवार को विपक्ष का सबसे बड़ा नेता बताकर कहा कि नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, केसीआर और अखिलेश यादव से लेकर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन तक शरद पवार से इसीलिए मार्गदर्शन लेने आते हैं क्योंकि उनको पता है कि पवार ही विपक्ष को एकजुट रख सकते हैं।

चंद्रशेखर राव (केसीआर)

केसीआर पीएम उम्मीदवार बनने के लिए अपनी पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति का नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति कर दिया। केसीआर पीएम उम्मीदवार बनने के लिए अरविन्द केजरीवाल से लेकर नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, ममता बनर्जी जैसे विपक्ष के नेताओं से मिल चुके हैं। पार्टी का नाम बदलने के पीछे राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि केसीआर स्वयं को तेलंगाना तक ही सीमित नहीं रखना चाहते। वे राष्ट्रीय स्तर के नेता की छवि बनाना चाहते हैं। केसीआर समय समय पर पीएम मोदी एवं बीजेपी के खिलाफ मजबूत विपक्ष के लिए लगातार प्रयास करते रहे हैं। उन्होंने ‘बीजेपी मुक्त भारत’ का नारा भी दिया है।

ममता बनर्जी

ममता बनर्जी स्वयं को मुख्य विपक्षी नेता के तौर पर स्थापित करने की होड़ में कॉन्ग्रेस के साथ जाने से बचती हैं। टीएमसी सांसद सौगत रॉय अगस्त 2022 में मीडिया से बातचीत में कह चुके हैं कि बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी विपक्ष की तरफ से पीएम पद की दावेदार हो सकती है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को एकजुट होना होगा। इसके अलावा नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन भी ममता के लिए बैटिंग कर चुके हैं। जनवरी 2023 में उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी में प्रधानमंत्री बनने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि अगर सत्तारूढ़ बीजेपी को हराना है तो 2024 के लोकसभा चुनाव में क्षेत्रीय दलों को बीजेपी के खिलाफ एकजुट करना होगा।

अरविंद केजरीवाल

आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के बाद अरविंद केजरीवाल भी 2024 में पीएम दावेदार के तौर पर अपनी रणनीति तैयार करने में जुटे हुए हैं। केजरीवाल अभी खुलकर कुछ नहीं कह रहे हैं लेकिन अंदरखाने उनकी तैयारी चल रही है। 2024 की दौड़ में आम आदमी पार्टी भी खुद को प्रबल दावेदार मान रही है।

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