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अपने दोहरे रवैये के चलते ईद पर संदेश देना महंगा पड़ा ममता बनर्जी को, लोगों ने जमकर किया ट्रोल

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी मुस्लिम तुष्टिकरण के प्रयासों में प्रत्यक्ष रूप से जुटी रहती हैं। वोट बैंक को अपना बनाने की अपनी इन कोशिशों में अब वो खुद बुरी तरह से घिर चुकी हैं। आजकल इसकी बानगी जब ना तब देखने को मिल जाती है।

भारी पड़ रहा दोहरा रवैया
अपने दोहरे रवैये के चलते ममता निरंतर अब जनता के निशाने पर हैं। यही वजह है कि जय श्रीराम के बोल से परहेज करने वालीं, उस पर बौखलाने वालीं और सरेआम गुस्सा करने वालीं ममता बनर्जी ने जब ईद पर अपना संदेश जाहिर किया, तो ट्विटर पर लोगों ने उन्हें जबरदस्त तरीके से ट्रोल कर दिया। आप देख सकते हैं कि किस तरह से लोगों ने ममता का संदेश आते ही ‘जय श्रीराम’ की बारिश कर दी।

हिन्दुओं पर ‘निर्मम’ ममता
पिछले कुछ दिनों में लोगों को हिन्दुओं पर ममता की क्रूरता का रंग लगातार देखने को मिला है। जय श्रीराम की गूंज कानों में जाते ही ममता जयकार करने वालों को फटकार लगाने सामने आ जाया करती हैं। हैरानी की बात तो ये है कि उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी ने जय श्रीराम के उद्घोष को अब टीआरपी से भी जोड़कर देखना शुरू कर दिया है। यानि ममता और उनका पूरा कुनबा जानबूझकर हिन्दू धर्म की तौहीनी पर उतर आया है। जाहिर है हिन्दुओं पर निर्मम हो चुकीं ममता और उनके पूरे कुनबे पर लोग अब टूट पड़े हैं।

कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी ममता सरकार!
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने किस प्रकार से दमनकारी शासन चलाया है, इसका अंदाजा लोकसभा चुनावों के नतीजों से लग जाता है। ममता से त्रस्त जनता ने भाजपा का गर्मजोशी से स्वागत किया है और उसे गले लगाया है। जाहिर है कि ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस की जड़ें बुरी तरह से चरमरा चुकी हैं। बंगालवासियों का जो मूड दिख रहा है उससे यह साफ लगता है कि राज्य में आज विधानसभा चुनाव हों तो कहीं टीएमसी का सूपड़ा न साफ हो जाए। जनता से छल करने वाली और भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या की करतूतों में घिरी रही टीएमसी के लिए भविष्यवाणी यही आ रही है कि उसकी सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी। यानि अपनी ही पैदा की हुई परिस्थितियों में घिरकर ममता सरकार 2021 से पहले खुद ही गिर जाएगी।

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