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West Bengal में ममता की मनमानी: फर्जी वोटर को बचाने के लिए SIR का विरोध, BLO को धमका रहे हैं टीएमसी नेता

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पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने एसआईआर की शुरुआत के पहले दिन से विरोध शुरू कर दिया है। राज्य में बड़े पैमाने पर फर्जी वोटरों को बचाने के लिए अभी से सारी हदें पार की जा रही है। प्रदेश के बीएलओ यूनाइटेड फोरम का कहना है कि राजनीतिक संरक्षण वाले अपराधी तत्व बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) को धमका रहे हैं। बड़ा सवाल यह है कि यदि ममता के मुताबिक राज्य में कोई बोगस वोटर नहीं है, तो उन्हें एसआईआर से एतराज क्यों है? भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की पश्चिम बंगाल यूनिट ने राज्य के चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर (सीईओ) को एक चिट्ठी लिखकर आरोप लगाया है कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कूचबिहार ज़िला अध्यक्ष गिरिंद्रनाथ बर्मन ने एक बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) को सरेआम धमकी दी। चिट्ठी में तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगाया गया है कि वह वोटर लिस्ट से “भूतों, घुसपैठियों और फर्जी वोटर्स” के नामों को हटाने का विरोध कर रही है। एसआईआर की शुरुआत के दिन ही पश्चिम बंगाल में सियासी गर्मी बढ़ गई!

टीएमसी के इशारे पर गुंडा तत्व बीएलओ को धमकाने में लगे
पश्चिम बंगाल बंगाल समेत देश के 12 राज्यों में चुनाव आयोग ने स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) के लिए शनिवार को BLO का ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू कर दिया है। राजस्थान समेत कई राज्यों में बीएलओ को ट्रेनिंग दी गई। लेकिन पश्चिम बंगाल में इस दौरान कई BLO ने प्रशासनिक और सुरक्षा व्यवस्थाओं का विरोध किया। दरअसल, इसके पीछे वहां की तृणमूल सरकार ही है, जो एसआईआर का विरोध कर रही है। इसलिए पार्टी के इशारे पर गुंडा तत्व बीएलओज को धमकाने में लगे हैं। बीएलओ ने उचित दस्तावेज और सुरक्षा देने की मांग की है। BLO का कहना है कि ट्रेनिंग के दौरान उनके स्कूलों में उपस्थिति दर्ज नहीं की जा रही है और BLO के रूप में उनकी ड्यूटी को ऑन ड्यूटी नहीं माना जा रहा है।

भाजपा ने ममता बनर्जी के मार्च को जमात की रैली बताया
पश्चिम बंगाल में मंगलवार को CM ममता बनर्जी ने स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी SIR के खिलाफ कोलकाता में विरोध मार्च निकाला। 3.8 km लंबी रैली में उनके साथ पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी और बड़ी संख्या में पार्टी वर्कर्स मौजूद रहे। इस दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि जैसे हर उर्दू बोलने वाला पाकिस्तानी नहीं, वैसे ही हर बांग्लाभाषी बांग्लादेशी नहीं होता। इधर पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने ममता के मार्च को जमात की रैली बताया। उन्होंने कहा- यह भारतीय संविधान की नैतिकता के खिलाफ है। वहीं, बंगाल भाजपा अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य ने कहा- ममता जी को अगर कुछ कहना है, तो उन्हें सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए।

टीएमसी नेता चाहते हैं किसी भी फर्जी वोटर का नाम ना कटे
इसी बीच, पश्चिम बंगाल के 94 हजार बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) खौफ में हैं। बीएलओ यूनाइटेड फोरम के महासचिव स्वप्न मंडल ने कहा कि राजनीतिक संरक्षण वाले अपराधी बीएलओ को धमका रहे हैं। मुख्य चुनाव अधिकारी से पिछले हफ्ते सुरक्षा मांगी थी। पूर्व बर्दवान जिले के एक बीएलओ ने कहा, ‘ टीएमसी वाले चाहते हैं कि कोई नाम न कटे। हम हर पल खतरे में काम कर रहे हैं।’ हालात यह है कि नेता धमकाते हैं कि कोई गड़बड़ी मिली तो बीएलओ को जेल भेज देंगे। वहीं, ममता के भतीजे और टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने वर्कर्स को बीएलओ संग साए जैसे रहने को कहा था। चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा कि बीएलओ की सुरक्षा का जिम्मा संबंधित थाने का है। सभी पुलिस अधीक्षकों को इस बाबत निर्देश दिए हैं।

सुरक्षा ना मिलने से बीएलओ ने सामूहिक असंतोष जताया
BLO ने मांग की है कि आयोग में उनकी ट्रेनिंग और फील्ड वर्क को ड्यूटी मानने, पर्याप्त सुरक्षा देने और इसके लिए जरूरी कागजात जारी करने की मांग की है। बीएलओ ने आरोप लगाया है कि ट्रेनिंग का कोई वैध प्रमाण-पत्र या दस्तावेज नहीं दिया, जिससे वे अपने विभाग में उपस्थिति सिद्ध नहीं कर पा रहे हैं। दुर्गापुर के उप-मंडलीय कार्यालय (SDO) में भी इसी तरह के विरोध प्रदर्शन किए गए। वहां BLO ने सामूहिक रूप से असंतोष जताया। दरअसल, राज्य में SIR 4 नवम्बर से 4 दिसम्बर किया जाना है। इस दौरान बूथ स्तर अधिकारी (BLO) घर-घर जाकर वोटर्स का सत्यापन और फॉर्म भरने का काम करेंगे। BLO की ट्रेनिंग 3 नवम्बर तक चलेगी।

बीएलओ की सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य प्रशासन की होगी – आयोग
चुनाव आयोग ने बताया कि ट्रेनिंग के दौरान केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती नहीं की जाएगी। आयोग ने स्पष्ट किया कि सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य प्रशासन की होगी। आयोग ने बड़े बूथों के लिए दो BLO नियुक्त करने के प्रस्ताव को भी नहीं माना। चुनाव आयोग ने BLO के लिए 16 प्वाइंट वाली गाइडलाइन जारी की है और फील्ड कार्य को सरल बनाने के लिए एक नया मोबाइल एप भी शुरू किया है। ट्रेनिंग के दौरान BLO को विशेष किट और प्रोसेस की विस्तार से जानकारी दी जा रही है। एक बीएलओ ने कहा, “हम काम करने को तैयार हैं, लेकिन राज्य सरकार को हमें सुरक्षा और उचित प्रमाण-पत्र देना चाहिए। इनके बिना हम ड्यूटी जारी नहीं रख सकते।”

पूरी वोटर लिस्ट के बिना आए तो बीएलओ को बांधने की धमकी
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की पश्चिम बंगाल यूनिट ने राज्य के चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर (सीईओ) को एक चिट्ठी लिखकर आरोप लगाया है कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कूचबिहार ज़िला अध्यक्ष गिरिंद्रनाथ बर्मन ने एक बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) को सरेआम धमकी दी। शिकायत के मुताबिक, बर्मन ने कथित तौर पर अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि अगर बीएलओ 2000 लोगों की पूरी वोटर लिस्ट के बिना आता है, तो उसे बांध देना, यह कहते हुए कि “हम उसे बांध देंगे.” इस घटना का एक वीडियो लिंक भी चिट्ठी के साथ अटैच किया गया है।

लिस्ट से “भूतों, घुसपैठियों, फर्जी वोटर” के नाम हटाने का विरोध
बीजेपी ने इसे खुलेआम डराने-धमकाने वाला काम बताया और दावा किया कि यह BLOs को स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रोसेस के तहत अपनी ड्यूटी करने से रोकने के लिए दी जा रही धमकियों का एक बड़ा हिस्सा है। चिट्ठी में तृणमूल पर आरोप लगाया गया है कि वह वोटर लिस्ट से “भूतों, घुसपैठियों और नकली लोगों” के नाम हटाने का विरोध कर रही है। बीजेपी ने CEO से गिरिंद्रनाथ बर्मन के खिलाफ ड्यूटी पर मौजूद सरकारी कर्मचारी को धमकी देने के लिए FIR दर्ज करने की अपील की है और चेतावनी दी है कि अगर कार्रवाई नहीं की गई तो ऐसी और भी घटनाएं हो सकती हैं और अधिकारियों पर शारीरिक हमले भी हो सकते हैं।

12 राज्यों में 51 करोड़ वोटर्स के लिए 5.33 लाख बीएलओ
देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में SIR शुरू हो गया। इनमें से तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में 2026 में चुनाव हैं। असम में भी अगले साल चुनाव हैं, लेकिन अभी वहां SIR का शेड्यूल तय नहीं है। जिन 12 राज्यों में SIR होना है, उनमें पश्चिम बंगाल, अंडमान निकोबार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश शामिल हैं। SIR वाले 12 राज्यों में करीब 51 करोड़ वोटर्स हैं। इस काम में 5.33 लाख बीएलओ (BLO) और 7 लाख से ज्यादा बीएलए (BLA) राजनीतिक दलों की ओर से लगाए जाएंगे। SIR के दौरान BLO/BLA वोटर को फॉर्म देंगे। वोटर को उन्हें जानकारी मैच करवानी है। अगर दो जगह वोटर लिस्ट में नाम है तो उसे एक जगह से कटवाना होगा। अगर नाम वोटर लिस्ट में नहीं है तो जुड़वाने के लिए फॉर्म भरना होगा और संबंधित डॉक्यूमेंट्स देने होंगे।

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