भ्रष्टाचार के प्रति मोदी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति रही है। इस नीति का असर भी देखाई दे रहा है। देश के बैंकों को चूना लगाकर विदेश भाग चुके भगोड़े कारोबारी विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। प्रवर्तन निदेशालय ने इन तीनों की 18170.02 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है जो बैंकों को हुए नुकसान का 80.45 प्रतिशत है। प्रवर्तन निदेशालय ने बताया कि कुल जब्त संपत्ति में से 9371.17 करोड़ रुपये केंद्र सरकार और सरकारी बैंकों को ट्रांसफर भी कर दिए गए हैं। प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार कुल जब्त संपत्ति में 969 करोड़ रुपये विदेशों में जब्त किया गया है। धोखाधड़ी मामलों में बैंकों की 40 प्रतिशत राशि पीएमएलए के तहत जब्त किए गए शेयरों की बिक्री के जरिए वसूली गई। ईडी को जांच में पता चला है कि जब्त संपत्ति फर्जी कंपनियों, कई ट्रस्ट बेनामी रिश्तेदारों के नाम रजिस्टर थी। गौरतलब है कि तीनों भगौड़े कारोबारियों की वजह से बैंकों को 22585.83 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
ED not only attached/ seized assets worth of Rs. 18,170.02 crore (80.45% of total loss to banks) in case of Vijay Mallya, Nirav Modi and Mehul Choksi under the PMLA but also transferred a part of attached/ seized assets of Rs. 9371.17 Crore to the PSBs and
Central Government.— ED (@dir_ed) June 23, 2021
जल्द भारत लाए जाएंगे तीनों भगोड़े
इस समय विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी को भारत लाने की कोशिशें जारी हैं और उम्मीद है कि जल्द ये तीनों देश भी लाए जाएंगे। लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने माल्या के प्रत्यर्पण की मंजूरी दे दी है। इसे यूके हाईकोर्ट से भी मंजूरी मिल चुकी है। माल्या को यूके सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की अनुमति नहीं मिली है, जिसके कारण वह बहुत जल्द भारत लाया जाएगा। भारतीय जांच एजेंसी ईडी और सीबीआई मामले की जांच कर रहे थे तभी माल्या 2 मार्च, 2016 को भारत छोड़कर फरार हो गया था। इसके बाद जनवरी 2019 में माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया था। वहीं, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी 13,500 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक से लोन लेने के धोखाधड़ी मामले में जनवरी 2018 में भारत से भाग गए। वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। वह पिछले दो सालों से लंदन की जेल में बंद है। मेहुल चौकसी फिलहाल डोमिनिका की जेल में बंद है, उसे भी जल्द भारत लाने की कोशिश हो रही है।
केस दर्ज होने के 20 साल बाद सट्टेबाज संजीव चावला का प्रत्यर्पण
मोदी सरकार के प्रयासों का नतीजा है कि फरवरी 2020 में दिल्ली पुलिस भगोड़े सट्टेबाज संजीव चावला को ब्रिटेन से भारत लाने में कामयाब रही। वह 2000 के फिक्सिंग स्कैंडल में शामिल था। पिछले साल फरवरी, 2020 में मैच फिक्सिंग के आरोपी सट्टेबाज संजीव चावला को लंदन से प्रत्यर्पित कर लिया गया। वह 2000 के फिक्सिंग स्कैंडल में शामिल था। मामला दर्ज होने के 20 साल बाद उसे भारत लाया गया। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच मामले की जांच कर रही थी।
बिचौलिया क्रिश्चियन मिशेल यूएई से प्रत्यर्पण कर भारत लाया गया
इसके पहले इसी महीने अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदे के बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया। प्रधानमंत्री मोदी की कूटनीति की वजह से ही संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) क्रिश्चियन मिशेल के प्रत्यर्पण पर राजी हुआ। जाहिर है कि 3700 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में मुख्य आरोपी है। अगस्ता वेस्टलैंड ने भारतीय वायु सेना के अधिकारियों और सोनिया गांधी समेत तत्कालीन यूपीए सरकार के लोगों को प्रभावित कर कंपनी की डील दिलाने में मदद के लिए मिशेल की नियुक्ति की थी।
इंडोनेशिया से पकड़ा गया भगोड़ा कारोबारी विनय मित्तल
बैंकों का पैसा लूट कर विदेश भागने वालों को पकड़ने के लिए मोदी सरकार ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून बनाया था। इस कानून के बनने के बाद विदेशों में बैठे घोटालेबाजों की शामत आ गई है। सीबीआई ने इसकी कानून के तहत 7 बैंकों से 40 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर फरार उद्योगपति विनय मित्तल को पकड़ने में कामयाबी हासिल की। सीबीआई इस भगोड़े कारोबारी को इंडोनिशेया से प्रत्यर्पित कर भारत ले आई।
बहरीन से पकड़ा गया भगोड़ा आर्थिक घोटालेबाज
सीबीआई ने 9 वर्ष पहले बैंकों को लाखों का चूना लगाने वाले एक आर्थिक घोटालेबाज को बहरीन में धर दबोचा। सीबीआई ने मोहम्मद याहया नाम के इस शख्स के खिलाफ भगोड़ा आर्थिक अपराध कानून के तहत कार्रवाई की । आपको बता दें कि मोदी सरकार ने बैंकों का धन लूट कर विदेश भागने वाले कारोबारियों पर सख्त कार्रवाई के लिए भगोड़ा आर्थिक अपराध कानून बनाया है। इस कानून के तहत देश ही नहीं विदेश में भी ऐसा घोटालेबाजों की संपत्ति जब्त करने का प्रावधान है।
मोदी सरकार के भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून के तहत सीबीआई को यह पहली कामयाबी थी। बता दें कि 47 वर्षीय मोहम्मद याहया 2003 में बैंगलुरू के कुछ बैंकों के साथ करीब 46 लाख रुपए का घोटाला करने बाद खाड़ी देश भाग गया था। याहया को बहरीन से पकड़ा गया। पिछले काफी समय से उस पर भारतीय एजेंसियों की नजर थी। बहरीन में उसकी गिरफ्तारी के बाद सभी आवश्यक कार्रवाई को पूरा कर भारत लाया गया।
विदेश भागने की कोशिश में एयरपोर्ट पर गिरफ्तारी
प्रधानमंत्री मोदी का साफ कहना है कि आम जनता की गाढ़ी कमाई लूट कर भागने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा। जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल को 25 मई, 2019 को विदेश भागने से पहले मुंबई एयरपोर्ट पर हवाई जहाज से नीचे उतार लिया गया। फ्लैट बेचने के नाम पर आम लोगों से कोरोड़ों-अरबों रुपये ठगने वाले शराब और रियल एस्टेट कारोबारी मनप्रीत उर्फ मॉन्टी चड्डा को 12 जून, 2019 को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया। बताया गया कि मॉन्टी चड्डा फुकेट भागने की फिराक में था, लेकिन दिल्ली पुलिस की इकॉनोमिक ऑफिस विंग ने मॉन्टी चड्डा को एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया।
कांग्रेस सरकारों की मेहरबानी से बच निकला क्वात्रोची
इसके विपरीत बोफोर्स सौदे में दलाली खाने वाले ओत्तावियो क्वात्रोची को कांग्रेस सरकारों ने दशकों तक बचाया। अंत में ऐसी स्थिति बना दी जिससे वह साफ बच निकला। परिणामस्वरूप 1989 में हुए आम चुनाव और उसके बाद के चुनावों में कांग्रेस बहुमत के लिए तरस गई। बोफोर्स घोटाले ने मतदाताओं के मानस को इसलिए भी अधिक झकझोरा था, क्योंकि यह देश की सुरक्षा से जुड़ा मामला था। बोफोर्स घोटाला 1987 में उजागर हुआ था। उसके बाद से ही तत्कालीन कांग्रेस सरकार के बयान बदलते रहे।
कांग्रेस सरकारों ने बोफोर्स मामले को दबाने की कोशिश की
केंद्र में आईं कांग्रेसी या कांग्रेस समर्थित सरकारों ने इस मामले को दबाने की पूरी कोशिश की। नरसिंह राव सरकार के विदेश मंत्री माधव सिंह सोलंकी ने तो दावोस में स्विस विदेश मंत्री से यहां तक कह दिया था कि बोफोर्स केस राजनीति से प्रेरित है। इस पर देश में भारी हंगामा हुआ तो सोलंकी को इस्तीफा देना पड़ा। सबसे बड़ा सवाल यही रहा है कि यदि राजीव गांधी ने बोफोर्स की दलाली के पैसे खुद नहीं लिए तब भी उनकी सरकार और अनुवर्ती कांग्रेसी सरकारों ने क्वात्रोची को बचाने के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर क्यों लगाया? पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव ने 2016 में क्यों कहा कि मैंने बोफोर्स की फाइल दबवा दी थी?
मनमोहन सरकार ने क्वात्रोची के फ्रीज खाते चालू कराए
वर्ष 2006 में केंद्र की मनमोहन सरकार ने एक एएसजी बी दत्ता को लंदन भेजा था। उन्होंने लंदन के बैंक में क्वात्रोची के फ्रीज खाते चालू कराए जिसमें से उसने रकम निकाल भी ली थी। वैसे बोफोर्स दलाली मामला अब भी सुप्रीम कोर्ट में है। इसमें याचिकाकर्ता अजय अग्रवाल की दलील है कि मामला तार्किक परिणति पर नहीं पहुंचा तो इसकी पुन: सुनवाई हो।
भ्रष्टाचार पर सख्ती के लिए बनाए गए कई कानून
मोदी सरकार ने हर बार यह साबित किया है कि भ्रष्टाचार के मामले में कोई कितना भी बड़ा क्यों ना हो बख्शा नहीं जाएगा। सरकार हर स्तर पर देश के आर्थिक अपराधियों को कानून के दायरे में लाने की कोशिश कर रही है और इसके लिए कई सख्त कानून भी बनाए हैं, आइये डालते हैं एक नजर-
*फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर्स ऑर्डिनेंस
*राष्ट्रीय वित्तीय सूचना प्राधिकरण को मंजूरी
*संपत्ति गुणवत्ता की समीक्षा
*इंसोल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड
*अनरेग्युलेटेड डिपॉजिट स्कीम पर रोक विधेयक
*पीएसबी पुनर्पूंजीकरण
*एफआरडीआई विधेयक
*बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम