प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘लोकल गोज ग्लोबल- मेक इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड’ का नारा दिया है। देश में मेक इन इंडिया का नया इकोसिस्टम विकसित करने के साथ ही भारत को मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट के नए ग्लोबल चैंपियन बनाने पर जोर दिया है। इसका परिणाम है कि सैन्य हथियार बनाने में भारत तेजी से आत्मनिर्भर बन रहा है। आज दुनिया भर में मेक इन इंडिया का दबदबा बढ़ा है। सैन्य उपकरण बनाने वाली दुनिया की टॉप 100 कंपनियों में 3 भारतीय कंपनियां शामिल हैं। स्वीडिश थिंक-टैंक स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 के दौरान जहां हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (42वें स्थान पर) और भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड (66वें स्थान पर) की हथियारों की बिक्री में क्रमश: 1.5 प्रतिशत और 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, वहीं इंडियन ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज (60वें स्थान पर) की हथियारों की बिक्री में 0.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय कंपनियों की कुल हथियारों की बिक्री 6.5 बिलियन डॉलर (लगभग 48,750 करोड़ रुपये) है, जो 2019 की तुलना में 2020 में 1.7 प्रतिशत अधिक थी। गौरतलब है कि कोरोना महामारी की वजह से रक्षा उद्योगों के उत्पादन पर असर पड़ा। मोदी सरकार ने 2020 में घरेलू कंपनियों का समर्थन करने और हथियारों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए एक बड़ी पहल की। सरकार ने 100 से अधिक विभिन्न प्रकार के सैन्य उपकरणों के आयात पर चरणबद्ध प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। साथ ही घरेलू खरीद को बढ़ावा देकर भारतीय कंपनियों को महामारी के नकारात्मक आर्थिक परिणामों से बचाने में मदद की।
जल्द नेट इंपोर्टर से नेट एक्सपोर्टर बनेगा भारत
मोदी सरकार में देश का रक्षा क्षेत्र भी अब तेजी से निर्यात के क्षेत्र में आगे बढ़ने लगा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 4 दिसंबर, 2021 को बताया कि भारत ने पिछले सात सालों में 38,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के रक्षा उत्पादों का निर्यात किया है। उन्होंने कहा कि हमारे पास 85,000 करोड़ रुपये की अनुमानित एयरोस्पेस और डिफेंस की इंडस्ट्री हैं। सरकार का ध्यान निर्यात को प्रोत्साहन देने पर है। भारत जल्द नेट इंपोर्टर से नेट एक्सपोर्टर बन जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य 2024-25 तक 35,000 करोड़ रुपये के निर्यात लक्ष्य को हासिल करना है। वहीं Stockholm इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत रक्षा निर्यात में शीर्ष 25 देशों की सूची में शामिल है। आकाश मिसाइल सिस्टम ‘मेक इन इंडिया’ पहल की सफलता का बड़ा उदाहरण है। कई देशों की तरफ से इस मिसाइल को खरीदने की भी इच्छा जताई गई है। आज भारत 75 देशों को रक्षा उत्पाद का निर्यात कर रहा है।
पिछले 7 सालों में रक्षा निर्यात में अप्रत्याशित वृद्धि
2014-2015 में 1,940.64 करोड़ रुपये
2015-2016 में 2,059.18 करोड़ रुपये
2016-2017 में 1,521.91 करोड़ रुपये
2017-2018 में 4,682.36 करोड़ रुपये
2018-2019 में 10,745.77 करोड़ रुपये
2019-2020 में 9,115.55 करोड़ रुपये
2020-2021 में 8,434.84 करोड़ रुपये
(4 अगस्त, 2021 को लोकसभा में पेश आंकड़ा)