अपने आपको हिन्दुत्व का सबसे बड़ा रक्षक बताने वाले उद्धव ठाकरे के राज में हिन्दुओं का खुलेआम अपमान हो रहा है। लेकिन सरकार में रहते हुए भी उद्धव ठाकरे हिन्दुओं को अपमानित करने वालों पर कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि सत्ता की लालच में खुद को असहाय बना चुके हैं। महाराष्ट्र में वो ‘आखिरी मगुल’ शासक साबित हो रहे हैं, जो नाममात्र का शासक है। एल्गर परिषद के सम्मेलन में शरजील उस्मानी ने हिन्दू विरोधी भाषण दिया, लेकिन उद्धाव सरकार चुपचाप उसे सुनती रही। बढ़ते विरोध के बाद उद्धव सरकार की नींद खुली और उस्मानी पर एफआईआर दर्ज की गई।
पुणे में एल्गार परिषद के कार्यक्रम में शरजील उस्मानी ने हिंदुओं के खिलाफ जमकर जहर उगला था। इस भाषण के जरिए शर्जील उस्मानी ने लोगों को हिंदुओं के खिलाफ भड़काने की कोशिश की थी। बीजेपी ने शरजील के भाषण पर आपत्ति जताते हुए कार्रवाई की मांग की थी। पू्र्व मुख्यमंत्री दवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाए थे। जब राजनीतिक दबाव बढ़ने लगा तो उद्धव सरकार ने शरजील के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का फैसला लिया।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सवाल किया था कि क्या महाराष्ट्र में मुगल शासन है कि कोई भी हिंदुओं का अपमान कर सकता है और कोई कार्रवाई नहीं हो सकती ? देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र शरजील उस्मानी ने पुणे में हाल ही में आयोजित एल्गार परिषद के सम्मेलन में अपने भाषण के दौरान हिंदुओं की भावनाओं का अपमान किया था। उन्होंने उस्मानी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी।
A man named Sharjeel Usmani with awful thinking, comes to Pune & calls Hindus awful. State government should take action against him. Is there Mughal rule in Maharashtra that anyone can abuse Hindus & no action is taken?: BJP’s Devendra Fadnavis on Elgar Parishad’s recent speech pic.twitter.com/iBTHgP9dhI
— ANI (@ANI) February 2, 2021
देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि एक व्यक्ति महाराष्ट्र में आता है, हमारी भावनाओं का अपमान करता है, और बिना किसी कानूनी कार्रवाई का सामना किए अपने गृह राज्य लौट जाता है। अगर राज्य सरकार उसके खिलाफ कोई कार्रवाई करने में विफल रहती है, तो हम मान लेंगे कि सरकार उस्मानी के साथ है।
गौरतलब है कि शरजील ने 30 जनवरी को पुणे में आयोजित एल्गार परिषद के सम्मेलन में कहा था कि हिन्दुस्तान में हिन्दू समाज सड़ चुका है। जुनैद को चलती ट्रेन में मारते हैं, कोई बचाने नहीं आता है। ये जो लोग लिंचिंग करते हैं, कत्ल करते हैं। अगले दिन फिर किसी को पकड़ते हैं, फिर कत्ल करते हैं और नॉर्मल लाइफ जीते हैं। इसके अलावा भी शरजील उस्मानी ने हिन्दू समाज के लिए आपत्तिजनक बातें कही थी। इस सम्मेलन में अरुंधति रॉय, पूर्व आईपीएस अधिकारी एस एम मुशरिफ, बॉम्बे हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी जी कोलसे-पाटिल मौजूद थे।
शरजील उस्मानी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का पूर्व छात्र रहा है और यूपी के आजमगढ़ जिले के सिधारी इलाके का रहने वाला है। शरजील उन लोगों में से एक हैं जिन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कैंपस में सीएए-एनआरसी-एनपीआर के खिलाफ विरोध किया था। इसके बाद शरजील को पिछले साल दिसंबर में उसके घर से गिरफ्तार किया गया था।