उर्दू शायर मुनव्वर राना का धर्मनिरपेक्षता का मुखौटा उतर चुका है। सीएए का विरोध और फ्रांस में अध्यापक की हत्या पर दिए बयान ने घोर सांप्रदायिक और कातिल सोच वाले इस शायर को बेनकाब कर दिया है। मुनव्वर राना कहने को तो शायर हैं,लेकिन इसकी जहरीली सोच पूरे देश के लिए खतरनाक है। बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की शानदार जीत से इस शायर को गहरा आघात लगा है, जिसकी अभिव्यक्ति उसने अपनी जहरीली शायरी से की है। मुनव्वर ने चुनाव नतीजों पर ट्वीट करते हुए लिखा, “मुसलमानों! तुम्हे औवैसी की जीत और बिहार की हार मुबारक हो। मैं तो शायर हूँ मेरी बात कहां मानोगे, तुमने झुठला दिए दुनिया में पयम्बर कितने।”
मुसलमानों! तुम्हे औवैसी की जीत और बिहार की हार मुबारक हो।
मैं तो शायर हूँ मेरी बात कहां मानोगे,
तुमने झुठला दिए दुनिया में पयम्बर कितने।#Bihar— Munawwar Rana (@MunawwarRana) November 11, 2020
इसके बाद नवभारत टाइम्स से खास बातचीत में इस मुनव्वर राना ने फिर सांप्रदायिक जहर उगलते हुए कहा कि बिहार हार गए, बंगाल भी हारेंगे…फिर 2022 से पहले-पहले हिंदू राष्ट्र घोषित कर दिया जाएगा। ओवैसी से नफरत करने वाले मुनव्वर ने कहा कि मैं कुरान पढ़ता हूं, यह करता हूं, वह करता हूं। मालूम हुआ कि ये ओवैसी जो सुअर…है, यह पांच सीट राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव से मांग लेता तो मिल जाती। आपको फायदा पहुंचाना है भारतीय जनता पार्टी को।
मुनव्वर ने आगे कहा, “इनकी (ओवैसी) 15 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति खड़ी है, इन लोगों को सड़क पर घूमते देखा है हमने, इनके बाप को। यह अंपायर कहां से खड़ा हो गया। एक शेर है, ‘हमारा सानिहा ये है कि हर दौर-ए-हुकूमत में शिकारी के लिए जंगल में हम हांका लगाते हैं।’ ये ओवैसी जैसे लोग हैं, ये डॉक्टर अय्यूब जैसे लोग हैं जो मुसलमानों का हांका लगाते हैं, फिर भारतीय जनता पार्टी उनका शिकार करती है।”
मुनव्वर की सांप्रदायिक सोच से पूरी दुनिया अवगत हो चुकी है, लेकिन बिहार में आरजेडी की हार से सदमे में गये मुनव्वर ने धर्मनिरपेक्षता पर अपना पाखंड दिखाते हुए कहा “मेरा मतलब यह है कि वहां (बिहार) एक सेक्युलर हुकूमत बननी चाहिए थी। जंग इस बात की है। मैं आपको यह भी बता दूं कि बिहार निकल गया है। बंगाल में भी वह यही करेगा। अखिलेश यादव यहां ऑफर भी करें तो वह (ओवैसी) नहीं मानेगा। दरअसल, 15 हजार करोड़ रुपये की हैसियत है।”
ओवैसी पर भड़ास निकालते हुए मुनव्वर ने आगे कहा कि पुराने हैदराबाद में जितने तालाब थे उन्हें पटवाकर ओवैसी ने इमारतें बनवा दीं। अभी जब बाढ़ आई तो लोग यही कह रहे थे कि जब पानी को उसका घर नहीं मिलेगा तो वह सड़कों पर ही बहेगा। यह मजाफाती गुंडा होता है, वैसी हैसियत थी। अभी किस्मत ऐसी कि आजम खां भी नहीं है, कोई नहीं तो यह जो कहता है उसे बेवकूफ किस्म के जाहिल मुसलमान सोचते हैं कि वह जैसा कहेंगे यह वैसा कर देगा। ऐसा कहीं हो सकता है। बिहार हार गए, बंगाल भी हारेंगे…2022 से पहले-पहले हिंदुस्तान को हिंदू राष्ट्र घोषित कर दिया जाएगा।