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अज्ञात हमलावरों का मिशन सफाया: देखिए पाकिस्तान में अबु सैफुल्लाह समेत मारे गए आतंकियों की पूरी लिस्ट

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पाकिस्तान में भारत के एक और दुश्मन को अज्ञात लोगों ने गोली मारकर मौत की नींद में सुला दिया। पाकिस्तान के सिंध में लश्कर ए तैयबा के एक प्रमुख आतंकवादी राजुल्लाह निजामनी उर्फ अबु सैफुल्लाह को मार गिराया है। सैफुल्ला 2006 में नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय पर हमले में शामिल था। उसकी अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। सूत्रों ने कहा कि वह नेपाल में लश्कर मॉड्यूल पर काम कर रहा था। फाइनेंसिंग, भर्ती और लॉजिस्टिक संभाल रहा था। सैफुल्ला आतंकवादियों को भारत में घुसपैठ करने और धन जुटाने में मदद करता था। खास बात यह है कि सैफुल्लाह की तरह ही पाकिस्तान में बीते दो साल में करीब 16 आतंकियों को इसी तरह मार गिराया गया है। इन सभी आतंकियों की हत्या का पैटर्न लगभग एक जैसा है। सभी आतंकियों की हत्या के बाद यही बात सामने आई कि अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी।ये PM Modi का नया भारत, चुन-चुनकर मारे जा रहे देश के दुश्मन
पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत का कद लगातार बढ़ता जा रहा है। भारत के दुश्मनों को पाकिस्तान में तो लगातार अज्ञात बंदूकधारी अपना निशाना बना रहे हैं। पाकिस्तान में अब तक भारत के दुश्मन दो दर्जन से अधिक आतंकवादी मारे जा चुके हैं, वहीं कुछ अन्य देशों में भारत के दुश्मनों को ढेर किया जा रहा है। वर्ष 2025 में पाकिस्तान में अब तक भारत के चार दुश्मनों को मौत की नींद सुला दिया है। पिछले साल भी की आतंकवादियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वर्ष 2023 में भारत के दुश्मन दो दर्जन से अधिक आतंकवादी मारे गए, वहीं 2022 में पांच भारत विरोधी आतंकवादी मारे गए थे। पिछले वर्षों में विदेशी धरती पर भारत विरोधी हरदीप सिंह निज्जर, अवतार सिंह खांडा, परमजीत पंजवार, रिपुदमन सिंह मलिक, हरविंदर रिंडा, सुखदूल सिंह, हैप्पी संघेड़ा के साथ ही अबू कासिम, जहूर मिस्त्री, अब्दुल सलाम भुट्टावी, सैयद नूर, एजाज अहमद, खालिद रजा, बशीर अहमद, शाहिद लतीफ, मुफ्ती कैसर फारूक, जियाउर रहमान, मलिक दाऊद, सुक्खा दुनिके, ख्वाजा शाहिद, मौलाना तारिक रहीम उल्‍लाह तारिक, साजिद मीर, अदनान अहमद उर्फ हंजला अदनान, मौलाना शेर बहादुर, अब्दुल्ला शाहीन, अबु सैफुल्लाह, अबु कताल, शाह मीर, मौलाना काफिफ अली, और खालिस्तानी आतंकवादी लखबीर सिंह रोडे जैसे आतंकियों की रहस्यमय तरीके से मौत हो गई।

18 मई 2025
IISc बेंगलुरु पर हुए हमले की साजिश में भी शामिल था सैफुल्लाह
लश्कर-ए-तैयबा और जमात का आतंकवादी रजुल्लाह निजामनी उर्फ अबू सैफुल्लाह को पाकिस्तान के सिंध के बादिन जिले के मातली में उस समय गोली मार दी गई जब वह अपने घर से बाहर निकला था। लश्कर ए तैयबा का प्रमुख आतंकवादी अबु सैफुल्लाह नेपाल में लश्कर मॉड्यूल पर काम कर रहा था। वह नेपाल में विनोद कुमार के नाम से काम करता था। उसने नेपाली महिला नगमा बानू से शादी की थी। सैफुल्लाह लश्कर के ऑपरेशनल कमांडर आजम चीमा उर्फ बाबाजी का सहयोगी था। नागपुर में RSS हेडक्वाटर पर हमले के अलावा वह रामपुर में 2002 में सीआरपीएफ कैंप पर हुए आतंकी हमले और 2005 में IISc बेंगलुरु पर हुए हमले की साजिश में भी शामिल था। सैफुल्लाह भारत में आतंकियों की घुसपैठ और आर्थिक मदद जुटाने जैसे गंभीर अपराधों को अंजाम दे रहा था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सैफुल्लाह लश्कर के ऑपरेशनल कमांडर आजम चीमा उर्फ बाबाजी का सहयोगी था।

चलिए आपको बताते हैं कि इससे पहले पाकिस्तान में किन आतंकवादियों की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। दिलचस्प तथ्य यह है कि सभी मामलों में मोडस ऑपरेंडी लगभग एक जैसा था…

 

17 मार्च 2025
जम्मू-कश्मीर में कई घातक हमलों को अंजाम देने वाले अबु कताल को गोली मारी
जम्मू-कश्मीर में कई घातक हमलों को अंजाम देने में अपनी भूमिका के कारण अबु कताल उर्फ फैसल नदीम राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और भारतीय सेना सहित भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के टारगेट पर था। अबू कताल को मार्च 2025 में पाकिस्तान में झेलम के दीना में अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मार दी, जिसमें उसकी मौत हो गई। इस हमले में उसके ड्राइवर की भी मौत हो गई। अबू कताल 26/11 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का रिश्तेदार और लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी था। अबू कताल दो दशक से जम्मू कश्मीर में बड़े आतंकी हमलों और घुसपैठ कराने का अहम रोल निभाता आया है। पुंछ जिले में सेना के काफिलों से लेकर राजौरी के गांव में हिंदुओं पर अबू कताल के इशारे पर ही हमले हुए थे। जम्मू कश्मीर में भेजे जाने से पहले ही अबू कताल ही आतंकियों को ट्रेंड करता था, ताकि वो अपने नापाक मंसूबों में कामयाब हो पाए।

9 मार्च 2025
कुलभूषण जाधव को पकड़ने में ISI का मददगार शाह मीर मारा गया
बलूचिस्तान के तुर्बत में बाइक सवार हमलावरों ने घात लगाकर मुफ्ती शाह मीर पर हमला करके हत्या कर दी थी। मुफ्ती शाह मीर उस समय तरावीह (रात) की नमाज के बाद एक स्थानीय मस्जिद से बाहर निकल रहा था। मुफ्ती शाह मीर वही है, जिसने कुलभूषण जाधव का अपहरण करने में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद करने में अहम भूमिका निभाई थी। मुफ्ती शाह मीर एक कुख्यात मानव और हथियार तस्कर था, जो धार्मिक स्कॉलर होने की आड़ में काम करता था। वह एक इस्लामी कट्टरपंथी राजनीतिक दल जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम का सदस्य था। मुफ्ती शाह मीर ने ही ईरान से भारतीय व्यापारी और पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी कुलभूषण यादव के अपहरण में पाकिस्तान की मदद की थी।

17 फरवरी 2025
हाफिज सईद का बहनोई आतंकवादी काशिफ अली की आवास पर हत्या
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में अज्ञात बंदूकधारियों ने फरवरी 2025 में मौलाना काशिफ अली की हत्या उसके आवास पर हमला करके कर दी। मौलाना काशिफ अली आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की राजनीतिक शाखा का प्रमुख था। अली लश्कर में एक प्रमुख व्यक्ति था, जिसने इसकी राजनीतिक शाखा, पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग का नेतृत्व किया था. अली, जो भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादी हाफिज सईद का बहनोई भी था, पाकिस्तान में लश्कर की राजनीतिक गतिविधियों में एक प्रमुख खिलाड़ी था।

7 जुलाई 2024
गुरदासपुर आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड को अज्ञात लोगों ने निपटा दिया
पाकिस्तान बॉर्डर से महज 15 किलोमीटर दूर पंजाब के गुरदासपुर में 2015 में हुए आतंकी हमले के मास्टरमाइंड अली रजा को पाकिस्तान के कराची में 7 जुलाई 2024 को अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। अली रजा को हमलावरों ने कराची के करीमाबाद, ब्लॉक 1 में गोली मारी। ISI अधिकारी के अलावा एक सिक्योरिटी गार्ड को भी गोली लगी जिससे उसकी भी मौत हो गई। जिस वक्त यह हमला हुआ, उस समय अली रजा अपनी बुलेट प्रूफ गाड़ी में जा रहे था। तभी मोटरसाइकिल पर दो संदिग्ध आए और भागने से पहले अंधाधुंध गोलीबारी की। गोलीबारी में वह बुरी तरह से घायल हो गया। उनको सीने, गर्दन और सिर पर कई गोलियां लगी थीं। अली रजा वर्तमान में पाकिस्तान के कराची में काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट में पुलिस उपाधीक्षक (DSP) के पद पर तैनात था और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से भी उसका जुड़ाव था। उल्लेखनीय है कि गुरदासपुर आतंकी हमले में एक एसपी और होमगार्ड के तीन जवान शहीद हो गए थे जबकि तीन आम नागरिकों की मौत हो गई थी। इसके अलावा 15 लोग घायल हुए थे।

17 जून 2024
सुंजवान आर्मी कैम्प पर हमले का मास्टरमाइंड अमीर हमजा मारा गया
भारत का दुश्मन और भारतीय सेना पर आतंकी हमला कराने वाला ISI एजेंट आमिर हमजा की गोलियां बरसाकर मौत के घाट उतार दिया गया। पाकिस्तान की जिस धरती पर रहते हुए उसने भारत के खिलाफ साजिश रची अंततः उसी धरती पर वह ढेर हो गया। आमिर हमजा की पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में 17 जून की देर शाम गोली मार दी गई। पाकिस्तान में रहने वाला आईएसआई का एजेंट और आर्मी का रिटायर्ड ब्रिगेडियर आमिर हमजा 17 जून की शाम परिवार के साथ कार से कहीं जा रहा था। उसी दौरान अज्ञात हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोली चलाकर हमजा को मौत के घाट उतार दिया। यह हमला पंजाब के झेलम जिले में हुआ। आमिर हमजा भले ही पाकिस्तान आर्मी का हिस्सा था पर वो बहुत बड़ा आतंकी था। उसके हाथ दुनियाभर के कई आतंकी हमलों में रहा। वह भारत का बहुत बड़ा दुश्मन था। आमिर हमजा ने भारत के जम्मू-कश्मीर के सुंजवान आर्मी कैंप पर साल 2018 में आतंकी हमला करवाया था, जिसमें 6 जवान शहीद हो गए थे। इसके अलावा उसने कई बार भारत में हमले करवाने को लेकर साजिश रची। आमिर हमजा कई बड़े आतंकी हमलों का साजिशकर्ता था। पाकिस्तानी पुलिस का कहना है कि यह टारगेट किलिंग है।

16 जून 2024
रियासी हमले का मास्टरमाइंड पाकिस्तान में मारा गया
इससे पहले रियासी हमले का मास्टरमाइंड पाकिस्तान में मारा गया था। पाकिस्तानी यूट्यूबर शोएब चौधरी ने दावा किया है कि जम्मू-कश्मीर के रियासी में हुए हमले में शामिल जिम्मेदार आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) के सरगना को पाकिस्तान के किसी अज्ञात जगह पर मौत के घाट उतार दिया गया है। दरअसल कश्मीर की शांति पाकिस्तान को रास नहीं आ रही है। वह अपने गुर्गों को किसी न किसी रूप में यहां भेज रहा है। ऐसा ही एक संगठन है द रेजिस्टेंस फ्रंट। 2023 की शुरुआत में केंद्र सरकार ने UAPA के तहत द रेजिस्टेंस फ्रंट को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन घोषित किया था। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को निरस्त किए जाने और जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा रद्द करने के बाद TRF की शुरुआत लश्‍कर की ऑनलाइन यूनिट के रूप में हुई थी।

 

23 दिसंबर 2023
लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी ‘जिहादी गुरु’ अब्दुल्ला शाहीन की पाकिस्तान में हत्या
पंजाब प्रांत के शहर कसूर में अब्दुल्ला शाहीन को एक वाहन ने टक्कर मार दी थी। घटना अचानक घटी, जिससे उसकी घटनास्थल पर ही तत्काल मौत हो गई। टक्कर मारने वाले वाहन सवारों की पहचान नहीं हो पाई है। अब्दुल्ला शाहीन ने लश्कर-ए-तैयबा में अपनी प्रभावशाली भूमिका के कारण ‘जिहादी गुरु’ का नाम हासिल किया था। नए लोगों को भर्ती करने के नाते, वह व्यक्तियों को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें आतंकवादी संगठन में शामिल करने के लिए जिम्मेदार था। उसने लश्कर में अनगिनत नये आतंकियों की भर्ती की थी। उसकी मृत्यु उन लोगों के लिए एक युग के अंत का प्रतीक है जो उसकी कट्टर विचारधाराओं का पालन करते थे। शाहीन की भूमिका की वजह से बाद में उसे लश्कर-ए-तैयबा का एक प्रमुख ऑपरेटर बना दिया गया था। वो मजहब के नाम पर नये लोगों को समूह में शामिल करने में माहिर हो गया था और जिहाद के नाम पर लोगों मरने-मिटने के लिए ब्रेनवाश करने में माहिर हो गया था।

16 दिसंबर 2023
लश्कर आतंकवादी हबीबुल्लाह उर्फ खान बाबा की गोली मारकर हत्या
लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी हबीबुल्लाह उर्फ भोला खान उर्फ खान बाबा का पाकिस्तान में एक अज्ञात गनमैन ने कत्ल कर दिया। लश्कर आतंकी हबीबुल्लाह की गोली मारकर किसने हत्या की है, इसका पता नहीं चल पाया है। आतंकवादी हबीबुल्लाह लश्कर चीफ हाफिज सईद का काफी करीबी था और उसकी हत्या सईद के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। आतंकी हबीबुल्लाह उरी अटैक में शामिल था। आतंकी हबीबुल्लाह को पख्तूनख्वा प्रांत में एक गनमैन ने टारगेट करके गोली मारकर हत्या कर दी। हबीबुल्लाह को लेकर कहा जाता है कि वह पाकिस्तान में आवाम को आतंकी बनने के लिए मोटिवेट करता था और वह लश्कर में भर्ती कराने वाला शख्स था। वह युवाओं को भर्ती करने और प्रशिक्षण देने और उन्हें भारत में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए सीमा पार भेजने के लिए जिम्मेदार था।

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