इंडिया टुडे- आज तक ग्रुप की एक वेबसाइट है लल्लनटॉप। यह वेबसाइट शुरू से ही अपनी पत्रकारिता को लेकर विवादों में रहा है। लल्लनटॉप ने पहलगाम हमले को लेकर एक खबर प्रकाशित की है, जिसको लेकर लोग उसपर थू-थू कर रहे हैं। असल में पहलगाम हमले में आदिल हुसैन थोकर की पहचान मुख्य संदिग्ध के तौर पर हुई है। लेकिन लल्लनटॉप ने उसके पक्ष में लोगों की संवेदना जुटाने के लिए लिखा है कि आदिल ने साइंस से ग्रेजुएशन किया था और वो उर्दू से मास्टर्स कर रहा था। इसके अलावा प्राइवेट स्कूल में टीचर था। वह अपनी जमीन पर मोबाइल टावर लगाना चाहता था। अगर उसके गांव में मोबाइल टावर लग जाता तो आदिल आतंकी नहीं बनता। अब लल्लनटॉप की इसी पत्रकारिता पर लोग तंज कस रहे हैं। लोग सोशल मीडिया पर स्क्रीनशॉट शेयर पर लल्लनटॉप को लानत दे रहे हैं…
गांव में नेटवर्क नहीं आता था, तो खरीद लाया AK-47…
आइए जानते हैं समाजसेवक आदिल की ह्रदय विदारक कहानी —🐖दल्लन टोपे से
दल्लनटॉप बता रहा है क्योंकि आदिल के गांव में मोबाइल टावर नहीं था वह स्मार्टफोन पर टाइम पास नहीं कर पा रहा था
इसीलिए वह एक-56 खरीद कर हिंदुओं का धर्म पूछ कर… pic.twitter.com/ULYiHi53V8
— 🇮🇳Jitendra pratap singh🇮🇳 (@jpsin1) May 1, 2025
The Lallantop (@TheLallantop ) के अनुसार पहलगाम आतंकी हमले में 26 हिंदुओं का कत्ल करने वाले मास्टरमाइंड Adil Hussain मोबाइल टावर न लगने की वजह से बना आतंकवादी।
यह वही दलाल पत्रकार हैं जो पाकिस्तानी चैनल्स बैन होने के बाद पाकिस्तानी स्पीकर्स को प्लेटफार्म देते हैं, टेररिस्ट को… pic.twitter.com/5yAEMe6cdT
— The Pamphlet (@Pamphlet_in) April 30, 2025
The Lallantop posted that if there had been a mobile tower in the village, Adil Hussain, who was involved in Pahalgam attack, would not have become a terrorist.
Whenever a terrorist attack happens in India, some media outlets play a role in humanizing the terrorist by… pic.twitter.com/dTMkI2nNeS
— Anshul Saxena (@AskAnshul) April 30, 2025
Adil Hussain is one of the terrorists behind the Pahalgam massacre. This is what The Lallantop wrote about him:
“Gaon me mobile tower lag jaata to Adil nahi banta aatankwadi.”
This is a textbook case of “humanizing the criminal”, shifting blame from the individual to his…
— THE SKIN DOCTOR (@theskindoctor13) May 1, 2025
लल्लनटॉप के अनुसार पहलगाम आतंकी हमले में २६ हिंदुओं का कत्ल करने वाले मास्टरमाइंड आदिल हुसैन मोबाइल टावर न लगने की वजह से बना आतंकवादी 😳
यह वही दलाल पत्रकार हैं जो पाकिस्तानी चैनल्स बैन होने के बाद पाकिस्तानी स्पीकर्स को प्लेटफार्म देते हैं, टेररिस्ट को मिलिटेंट बताते हैं, और… pic.twitter.com/GqwxQSKlbR
— Augadh (@AugadhBhudeva) May 1, 2025
मीडिया पोर्टल लल्लनटॉप जो कि इंडिया टुडे ग्रुप की एक इकाई है, ने पोस्ट किया कि अगर गाँव में मोबाइल टॉवर होता, तो आदिल हुसैन, जो पहलगाम हमले में शामिल था, आतंकवादी न बनता।
भारत में जब भी कोई आतंकी हमला होता है, तो कुछ मीडिया संस्थान आतंकवादी को मानवीय रूप देने का प्रयास करते हैं
— Sanjay Gupta 🇮🇳 (@sanjukgupta1987) May 1, 2025
-Pakistani general Asim Munir : Son of a school Principal
-Terrorist Adil : Became terrorist because there were no mobile tower in his villageThis isn’t Journalism .. They’re working for terrorists to create sympathy for them… pic.twitter.com/NgNGaZ4sOi
— Mr Sinha (@MrSinha_) May 2, 2025