दिल्ली में पिछले कई महीनों से चल रहे किसान आंदोलन को लेकर सनसनीखेज खुलासा हुआ है। पता चला है कि दिल्ली की सीमाओं पर धरने पर बैठे लोग किसान नहीं है, बल्कि किसान के भेष में विपक्षी दलों के लोग है। इसका खुलास किसी और ने नहीं, बल्कि खुद को किसान नेता बताने वाले योगेंद्र यादव ने किया है।
“मेजर खान” नहीं रहे।
लगते सरदार थे, लेकिन पैदाइशी मुसलमान थे।
अपनी जमीन नहीं थी, लेकिन पहले दिन से सिंघू बॉर्डर पर किसान मोर्चा में डटे थे।
आर्मी में 24 साल रहे, लेकिन कोई अकड़ नही।
चल बसे, लेकिन यकीन नहीं होता।मेजर साहब, आपकी कड़क चाय का कर्ज कैसे उतारूं मैं? pic.twitter.com/1Obs7ofZQE
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) May 17, 2021
दरअसल दिल्ली सिंघु बॉर्डर पर धरना देने वाले मेजर खान नाम के एक शख्स की मौत हो गई है। फर्जी किसान नेता योगेंद्र यादव ने ट्वीट कर कृषि कानूनों के विरोध में धरना देने वाले मेजर खान के निधन पर शोक जताया है। मेजर खान आंदोलन की शुरुआत से ही दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
किसान आंदोलन में पर्दे के पीछे बड़ी भूमिका निभाने वाले रिटायर्ड नायब सूबेदार मेजर खान नहीं रहे।
मेजर खान 26 नंवबर से सिंघु बॉर्डर पर थे, एक बार भी घर नहीं गए। एक जिंदादिल इंसान, जिन्होंने हर किसी का दिल जीता
हमारे संघर्ष की जीत मेजर खान समेत सभी शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी pic.twitter.com/czaAt9T6Ry
— Kisan Ekta Morcha (@Kisanektamorcha) May 17, 2021
लेकिन योगेंद्र यादव ने अपने ट्वीट में बताया है कि सिर पर पगड़ी पहनने वाले मेजर खान कोई सरदार नहीं थे, बल्कि मुसलमान थे और सबसे बड़ी बात उनके पास जमीन का एक टुकड़ा भी नहीं था। मतलब साफ है कि वो किसान भी नहीं थे। योगेंद्र यादव के इस ट्वीट से स्पष्ट हो गया है कि दिल्ली की सीमाओं पर जो लोग कृषि कानून के विरोध में जाम लगाकर बैठे हैं वे किसान ही नहीं है।
माई नेम इज ख़ान, मेजर ख़ान: किसान आंदोलन ने अपना नायाब सूबेदार खो दिया
साथी तुम्हारे सपनों को
मंजिल तक पहुंचाएंगे… #FarmersProtest #MajorKhan pic.twitter.com/3pmeCBC07G— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) May 17, 2021
जाहिर है कि पहले भी इसके सुबूत सामने आ चुके हैं कि दिल्ली की सीमाओं पर जो धरना दे रहे हैं वो किसान नहीं बल्कि बिचौलिये, आढ़तिए और विपक्षी दलों के कार्यकर्ता हैं। क्योंकि जो असली किसान होगा, वो महीनों तक अपने खेत छोड़कर कहीं आंदोलन कर ही नहीं सकता। यानि दिल्ली की सीमाओं पर जो प्रदर्शन कर रहे है, वो किसान नहीं है। और तो और जो पगड़ी पहने सरदार दिखाई दे रहे हैं वो सिख नहीं है, बल्कि मुसलमान हैं
इस सच्चाई की पुष्टि अब इस आंदोलन की अगुवाई करने वाले योगेंद्र यादव ने भी कर दी है। अब आप समझ सकते हैं कि कृषि कानून के विरोध को लेकर कितनी गरही साजिश रची गई है।