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केजरीवाल का पूर्वांचल के लोगों के साथ सौतेला व्यवहार, बकरीद और ईद पर छूट, छठ पूजा पर पाबंदी, मनोज तिवारी ने लगाया मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के प्रयास से देश में तेजी से टीकाकरण हो रहा है। इससे देशभर में सुरक्षा का माहौल बना है। इससे जन-जीवन अब पटरी पर लौट रहा है। इसके बावजूद दिल्ली की केजरीवाल सरकार छठ महापर्व के आयोजन पर प्रतिबंध लगाकर पूर्वांचल के लोगों के साथ सौतेला और अपमानजनक व्यवहार कर रही है। अब सवाल उठ रहे हैं कि जब कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे थे, तब बकरीद और ईद मनाने की छूट दी गई, अब मामले कम हो रहे हैं, तो छठ पूजा करने पर पाबंदी क्यों लगाई जा रही है ?

बीजेपी सांसद और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने पत्र लिखकर केजरीवाल सरकार पर छठ पूजा को लेकर गंभीर ना होने का आरोप लगाया। इसके साथ ही केजरीवाल पर मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप भी लगाया। पत्र में मनोज तिवारी ने लिखा, ”यदि आप की सरकार वास्तव में गंभीर होती तो सितंबर के महीने में ही प्रतिबंध लगाने की घोषणा करने से पहले दिशा निर्देश मांग लेती। आप लगातार हिंदू समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम करते रहे हैं और दिल्ली में आप कट्टरपंथी मुस्लिम तुष्टिकरण के दोषी है।” तिवारी ने आगे लिखा, ”मुख्यमंत्री होने के नाते इस तरह का हिंदू विरोधी रवैया अपनाना आपको शोभा नहीं देता। आपकी वजह से (मुख्यमंत्री) पद की गरिमा धूमिल हो रही है।”

इससे पहले मंगलवार (12 अक्टूबर, 2021) को मनोज तिवारी के नेतृत्व में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने छठ पूजा को प्रतिबंधित किए जाने के विरोध में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान मनोज तिवारी को हल्की चोटें भी आईं। वो फिलहाल सफ़दरगंज अस्पताल में भर्ती हैं और उनका इलाज चल रहा है। बीजेपी कार्यकर्ताओं ने दिल्ली पुलिस पर भी लाठीचार्ज का आरोप लगाया। मनोज तिवारी ने अस्पताल में से ही वीडियो जारी कर खुद के ठीक होने की सूचना दी और डॉक्टरों का धन्यवाद किया।

दिल्ली में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने सवाल किया कि जब दिल्ली में सब खुल चुका है तो छठ पर्व पर ही प्रतिबंध क्यों? क्या मुख्यमंत्री अरविंद केजरिवल सिर्फ एक धर्म विशेष के ही मुख्यमंत्री हैं? केजरीवाल सरकार छठ महापर्व की व्यवस्था भले न करे लेकिन बीजेपी शासित निगम अपने पूर्वांचली भाईयों-बहनों के लिए सारी व्यवस्था करेगी।”

बीजेपी नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने सिसोदिया से सवाल किया, “मनीष सिसोदिया जी, जी ईद पर बाजार मनसुख भाई से पूछ के खोला था? नाटक मत करो, आपके चेहरे नंगे हो चुके है।” वहीं दिल्ली बीजेपी के उपाध्यक्ष सुनील यादव ने कहा, “बकरीद और ईद पर जब दिल्ली सरकार ने छूट दी थी तब केंद्र सरकार को क्यों नहीं लिखा केजरीवाल जी? केजरीवाल और सिसोदिया, दोनों ने हजारों बच्चों को स्टेडियम में बुलाकर मेंटोर प्रोग्राम लॉन्च किया, तब क्यों ना लिए दिशानिर्देश केंद्र से?” 

गौरतलब है कि दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र लिख कर छठ के संबंध में दिशानिर्देश जारी करने का आग्रह किया है। सिसोदिया ने इसे एक ‘शुभ, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक-सामाजिक और पूर्वांचाल के लोगों द्वारा श्रद्धा व तपस्या के साथ मनाया जाने वाला पर्व’ बताते हुए कहा कि भारत सरकार जल्द विशेषज्ञों से परामर्श लेकर इस संबंध में दिशानिर्देश जारी करे।

अब बीजेपी नेताओं के अलावा दिल्ली में रहने वाले पूर्वांचल के लोग भी खुलकर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। कई महिला छठ व्रतियों ने केजरीवाल सरकार से प्रतबंध हटाने और यमुना के घाट पर छठ पूजा करने की अनुमति देने की अपील की है। महिलाओं ने कोरोना के दोनों वैक्सीन लगाने के बाद सरकार के सभी दिशा-निर्देशों को पालन करने की बात कही है।

विवाद उस समय पैदा हुआ, जब दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (DDMA) ने 30 सितंबर को दिल्ली में कोरोना से जुड़ी नई गाइडलाइंस जारी की। गाइडलाइंस के मुताबिक दिल्ली में मंदिरों, तालाबों, नदियों या जलाशयों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा नहीं मन सकेगी। लेकिन केजरीवाल सरकार ने केंद्र सरकार के बिना गाइडलाइन के बकरीद और ईद मनाने की पूरी छूट दी थी। एक समुदाय को त्योहार मनाने की अनुमति और दूसरे समुदाय के त्योहार पर पाबंदी ऐसी चीज है जो केजरीवाल के तुष्टिकरण और सौतेले व्यवहार को प्रदर्शित करती है।

 

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