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चोर जब खुद कहे चोरी नहीं करेंगेः केजरीवाल गुजरात में कह रहे भ्रष्टाचार नहीं होने देंगे, पहले दिल्ली तो सुधार लें, दिल्ली के ज़्यादातर मंत्री, MLA भ्रष्टाचार मामले में अभियुक्त

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केजरीवाल की पार्टी अब तक कई विवादों, भ्रष्टाचार एवं घोटालों की वजह से चर्चा में आ चुकी है। AAP के अब तक 4 मंत्रियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें दो मंत्री तो रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किए गए जबकि एक मंत्री को फर्जी डिग्री के मामले में पकड़ा गया। दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन चौथे मंत्री हैं, जिन्हें प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के केस में गिरफ्तार किया है। इसके अलावा, AAP के विधायक भी कई मामलों में विवादों में आए और जेल भेजे गए। दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया पर शराब घोटाले में गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। लेकिन अब गुजरात में केजरीवाल जनता को गारंटी का झुनझुना थमा रहे हैं। वो कह रहे हैं CM, मंत्री, MLA, अफ़सर किसी को भ्रष्टाचार नहीं करने देंगे। गुजरात का एक-एक पैसा लोगों पर खर्च होगा। सरकारी काम के लिए किसी को रिश्वत नहीं देनी होगी। सभी नेताओं के काले धंधे बंद करेंगे और पेपर लीक करने वालों को जेल भेजेंगे। केजरीवाल गुजरात में कुछ और कह रहे हैं और दिल्ली में कुछ और कर रहे हैं। दिल्ली में तो उनके ही मंत्री, MLA भ्रष्टाचार में लिप्त हैं लेकिन वे उन पर कार्रवाई करने की जगह उन्हें बचाने में लगे हुए हैं। सवाल यह है कि दिल्ली जैसे छोटे राज्य में जब उनसे भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लग पाया तो गुजरात जैसे बड़े राज्य में वह भ्रष्टाचार पर अंकुश कैसे लगाएंगे। दिल्ली में तो रक्षक ही भक्षक बने बैठे हैं तो जनता न्याय के लिए भला किसके पास जाएगी।

यहां समझने वाली बात यह है कि जब दिल्ली में सरकार के मंत्री ही भ्रष्टाचार में लिप्त हैं तब वह गुजरात में इस तरह का वादा कैसे कर सकते हैं कि भ्रष्टाचार नहीं करने देंगे। केजरीवाल सरकार में तब स्वास्थ्य मंत्री रहे सत्येंद्र जैन को ईडी ने 30 मई को पीएमएलए के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया था। प्रवर्तन निदेशालय ने कहा था कि उसके पास यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि जैन और उनका परिवार मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल थे और उन्होंने अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से 1,62,50,294 रुपये की आय से अधिक संपत्ति अर्जित की। फिलहाल जैन जेल में हैं, लेकिन उन्हें बचाने के लिए केजरीवाल तमाम प्रयास कर रहे हैं। केजरीवाल सरकार में फूड प्रोसेसिंग मिनिस्टर आसिम अहमद खान को छह लाख की घूस लेने के आरोप में मंत्री पद से हटना पड़ा था। हालांकि आसिम ने केजरीवाल पर ही गंभीर आरोप लगाते हुए उस समय कहा था- केरीजवाल उनसे एक करोड़ रुपये मांग रहे थे, नहीं दिया तो उनपर इस तरह के आरोप लगाने लगे। 2015 में जितेंद्र सिंह तोमर को अरविंद केजरीवाल ने अपनी कैबिनेट में कानून मंत्री बनाया था। इसके बाद तोमर पर अपनी शिक्षा को लेकर गलत जानकारी देने का आरोप लगा। जांच के बाद पुलिस ने तोमर को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद 2020 में दिल्ली हाईकोर्ट ने जितेंद्र सिंह तोमर के 2015 के चुनाव को रद्द कर दिया। वहीं 2013 में आम आदमी पार्टी से दिल्ली के मालवीय नगर सीट से विधायक चुने गए सोमनाथ भारती पर भी गंभीर आरोप लगे थे। चुनाव जीतने के बाद सोमनाथ को कानून, पर्यटन, प्रशासनिक सुधार जैसे मंत्रालयों की जिम्मेदारी मिली थी। हालांकि, 2014 में भारती को इस्तीफा देना पड़ा था।

केजरीवाल के गुजरात में भ्रष्टाचार नहीं होने देंगे के बयान पर सोशल मीडिया में लोगों की प्रतिक्रियाएं-

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