दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का चाल, चरित्र और उनकी सरकार का चेहरा देखें तो भारत के बंटवारे के गुनहगार मोहम्मद अली जिन्ना की याद ताजा हो जाती है। इस वक्त देश की राजनीति में अरविंद केजरीवाल उस खतरनाक राजनेता का नाम है, जो सत्ता की लालच में किसी भी हद तक गिर सकता है। यहां हम उनके खिलाफ कुछ ऐसे चुनिंदा सबूत पेश कर रहे हैं, जिसे देखकर आपको यकीन हो जाएगा कि अगर केजरीवाल जैसे खौफनाक मंसूबा पालने वालों का सियासी फन जनता ने समय रहते नहीं कुचला, तो देश में मौजूद देशद्रोही ताकतों को ही बढ़ावा मिलेगा।
मोदी सरकार ने गैर-आरक्षित वर्गों के लिए जो 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया है, केजरीवाल ने उसके खिलाफ दलितों और पिछड़े वर्ग के लोगों में गलतफहमियां फैलाकर भड़काने की साजिशें शुरू कर दी हैं। इसके लिए वह उन लोगों को बढ़ावा दे रहे हैं, जो तोड़ने की राजनीति में ही यकीन करते रहे हैं।
मेरी कई लोगों से बात हुई। सब लोगों को लग रहा है कि भाजपा कि यही चाल है।
बेहद ख़तरनाक। https://t.co/NVZpmRHKQm
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) January 9, 2019
इसी तरह उत्तर प्रदेश में एक निजी कंपनी के अधिकारी विवेक तिवारी की हत्या को लेकर उन्होंने सोशल मीडिया पर जिस तरह के सवाल उठाए वह उनकी विध्वंसक मानसिकता को जाहिर करता है। हद तो ये हो गई कि उन्होंने इसी हत्याकांड के बहाने देशभर के भाजपा नेताओं को हिंदू लड़कियों का रेप करने वाला तक बता दिया।
विवेक तिवारी तो हिंदू था? फिर उसको इन्होंने क्यों मारा? भाजपा के नेता पूरे देश में हिंदू लड़कियों का रेप करते घूमते हैं?
अपनी आँखों से पर्दा हटाइए। भाजपा हिंदुओं की हितैषी नहीं है। सत्ता पाने के लिए अगर इन्हें सारे हिंदुओं का क़त्ल करना पड़े तो ये दो मिनट नहीं सोचेंगे https://t.co/A2LhxrVNpv
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 30, 2018
केजरीवाल के खतरनाक दिमाग की बानगी देखकर तो एक समय पूरा देश हैरान रह गया। उन्होंने राजनीतिक खुन्नस में एक ऐसा कार्टून ट्विटर पर डाल दिया, जिसे खासकर हनुमान जी को अपमानित करके हिंदुओं को नीचा दिखाने के लिए बनाया गया था।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 16, 2016
राजनीतिक लाभ के लिए अरविंद केजरीवाल हर वो काम करना चाहते हैं, जिसमें हिंदुओं का अपमान हो। उनकी मंशा दरअसल ये रहती है कि हिंदुओं को नीचा दिखाकर वो मुसलमानों की सहानुभूति बटोर सकते हैं। जिन्ना मुसलमान होकर भी जो नहीं करता था, केजरीवाल उससे आगे कर गुजरने के लिए तैयार रहते हैं।
बाबा साहेब के जन्म दिवस पर किसी के द्वारा कही ये पंक्तियाँ प्रासंगिक हैं –
मोदी देश नहीं है, RSS संसद नहीं है और मनुस्मृति संविधान नहीं है
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) April 14, 2016
हद तो ये हो गई कि एकबार गणतंत्र दिवस के मौके पर भी उन्होंने समाज को बांटने के लिए आग उगलना नहीं छोड़ा। दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में उन्होंने उन शब्दों का इस्तेमाल किया, जो खास समुदाय की भावना भड़काने की नीयत से की गई थी। सबसे खतरनाक बात तो ये थी कि उन्होंने स्कूली बच्चों की मौजूदी में ये घृणित काम किया।
इसी तरह जम्मू-कश्मीर के कठुआ रेप कांड में भी उन्होंने खूब राजनीतिक रोटियां सेंकी। मानवीयता के खिलाफ इस जघन्य कांड में भी उन्होंने हिंदू-मुसलमान खोज लिया और उन्हें उकसाने का काम शुरू कर दिया। लेकिन, इस देश की जनता का देशप्रेम ऐसा है, जो केजरीवाल जैसे देशविरोधी शख्स की मानसिकता भी आसानी से समझ लेती है।
Absolutely nauseating
कुछ हिंदू संगठन दोषियों का साथ दे रहे हैं क्योंकि लड़की मुस्लिम थी और दोषी हिंदू हैं? पर UP में तो तुमने हिंदू लड़की का रेप किया? उसके हिंदू बाप को मार डाला? अपनी हवस के लिए तुम किसीकी लड़की को नहीं छोड़ते- चाहे हिंदू हो या मुस्लिम https://t.co/mYgMkudYpx
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) April 12, 2018
सबसे बड़ी बात है कि भारत के अबतक के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश की भलाई का काम करें यह अरविंद केजरीवाल हजम ही नहीं कर पाते। मोदी विरोध में वो इतने अंधें हैं कि उन्हें बदनाम करने के लिए रास्ते ढूंढते रहते हैं। इसी का उदाहरण कुछ महीने पहले गुजरात में देखने को मिला। वहां बलात्कार की एक घटना के बाद कुछ लोगों ने शांतिप्रिय गुजरातियों को भड़काने की बहुत ही गंभीर साजिश रची थी, ताकि उसके बहाने मोदी जी पर निशाना साधा जाय। केजरीवाल ने इस साजिश को हवा देने में जरा भी देर नहीं की। उन्होंने गुजरात और यूपी एवं बिहार के लोगों के बीच फसाद कराने की कोशिश शुरू कर दी। लेकिन, जनता ने एकबार फिर उनके नापाक मंसूबे को धूल चटा दिया और अपनी साजिश में वे बुरी तरह नाकाम रहे।
दिल्ली में रह रहे UP और बिहार के लोगों में गुजरात के घटनाक्रम को लेकर बेहद रोष है
मोदी जी, आपसे हमारी प्रार्थना है कि इसे रोकने के लिए प्रभावी क़दम उठायें https://t.co/agomkER6AL
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) October 9, 2018
केजरीवाल की ये कहानी तो और भी चौंकाने वाली है। सर्जिकल स्ट्राइक पर तो वो पाकिस्तान के सुर में सुर मिला ही चुके हैं, एकबार सेना के वीर जवानों को भी भड़काने की कोशिश करते दिख चुके हैं। लेकिन, उनकी गलतफहमी जल्द ही दूर हो गई और उनकी पूरी साजिश का पर्दाफाश हो गया।
नरेंद्र मोदी, सैनिक विरोधी। मोदी जी ख़ुद सैनिकों को ढंग का खाना तक नहीं देते, हम मृत सैनिक के परिवार को कुछ दे रहे हैं तो क्यों रोक रहे हैं? https://t.co/PHHSCBQ6OT
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) March 9, 2017
वोट के लिए अपनी पार्टी के नेताओं के नाम बदलवाना उनकी गिरी हुई राजनीति की ऊंची प्राथमिकता में शामिल रहा है। आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी मार्लेना और पूर्व नेता आशुतोष की कहानी तो सब जानते हैं, जिनके नाम में टाइटल सिर्फ इसलिए जोड़ा गया, ताकि खास जाति के मतदाताओं को प्रभावित किया जा सके। इसी कड़ी में एक बार उन्होंने बनिया वोटरों को लुभाने की कोशिश की थी।
भाजपा ने दिल्ली के कुल 8 लाख बनिए वोटरो में से 4 लाख के नाम क्यों कटवाए, जवाब दीजिए .@VijayGoelBJP
भाजपा की नोटबंदी GST जैसी ग़लत नीतियों की वजह से व्यापारियों के धंधे चौपट हो गए। इसलिए बनिए इस बार भाजपा को वोट नहीं दे रहे। तो क्या इसका मतलब आप उनके वोट कटवा दोगे? ऐसे जीतोगे? https://t.co/DT32jsINFS
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 8, 2018
एकबार बनिया के नाम पर लुभाने की कोशिश की थी, तो दुसरी बार अग्रवाल समाज के नाम पर लोगों को बरगलाते देखे गए। लेकिन, उन्हें पता नहीं कि देश का वोटर अब इतना नासमझ नहीं रहा कि उनकी समाज विरोधी मानसिकता को समझ नहीं सके।
अग्रवाल समाज के दिल्ली में टोटल 8 लाख वोट हैं। उनमें से लगभग 4 लाख वोट कटवा दिए? यानि 50%. आज तक ये समाज भाजपा का कट्टर वोटर था। इस बार नोटबंदी और GST की वजह से ये नाराज़ हैं तो भाजपा ने इनके वोट ही कटवा दिए? बेहद शर्मनाक। https://t.co/hMDzMDMh3v
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 4, 2018
दिल्ली के सीएम वो इंसान हैं, जिन्हें अपने पद की मान-मर्यादा का तो ख्याल नहीं ही है, देश की सेवा में डटे रहने वाले जवानों के मान-सम्मान की भी चिंता नहीं है। यही वो केजरीवाल हैं, जिन्हें एक चैनल पर सरेआम पुलिस के जवानों को ठुल्ला कहते देर नहीं लगी थी।
केजरीवाल को न देश की सुरक्षा की चिंता है और न ही देश की सरकार पर भरोसा। उन्हें पाकिस्तान पर ज्यादा भरोसा है, यह सर्जिकल स्ट्राइक के समय भी देखा जा चुका है। यही वजह है कि एक विवादास्पद नेता ने एक संदिग्ध ट्वीट किया तो केजरीवाल ने उसको लेकर सीधे सरकार पर ही सवाल उठाने शुरू कर दिए।
Why is the govt not doing anything abt it? It raises suspicion whether it is being done at the instance of those in power? https://t.co/oFsci9ldvw
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 9, 2018
इसी तरह जब मोदी जी ने देश में जमा कालाधन निकलवाने और भ्रष्टाचार पर नियंत्रण करने के लिए नोटबंदी का फैसला किया तो अरविंद केजरीवाल ने देश की ईमानदार जनता को उसके खिलाफ भड़काना शुरू कर दिया। जबकि, देश की जनता को पूरा भरोसा था कि नोटबंदी का फैसला देशहित में है और भ्रष्टाचारियों की खैर नहीं रहने वाली। नोटबंदी के दौरान दिल्ली के बैंकों में ऐसे संदिग्ध कैश भी जमा हुए थे, जिसके संदेह के आम आदमी पार्टी तक से जुड़ने के आरोप लगे थे।
नोटबंदी 8 लाख करोड का घोटाला। देशभक्ति की आड़ में हो रहा घोटाला। भाजपा के झूठे प्रचार का शिकार ना बने। हर देशभक्त इस घोटाले का विरोध करे।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 17, 2016
मोदी जी हमेशा कहते हैं कि देश के युवा रोजगार मांगने वाले नहीं, रोजगार देने वाले बनें। लेकिन, केजरीवाल के शातिर दिमाग में उनकी इतनी बड़ी बात समझ में नहीं आई। यही कारण है कि एकबार मोदी जी द्वारा पकौड़े बनाने वाले की तारीफ करने के खिलाफ उन्होंने माहौल बना शुरू कर दिया। इसके लिए वे कर्मठ युवाओं का अपमान करने में भी नहीं हिचके।
आम आदमी पार्टी लोगों को अच्छी शिक्षा देकर डाक्टर, engineer, वक़ील बनाती है।
भाजपा का भारत का सपना है – लोगों को अनपढ़ रखो और पकोड़े बिकवाओ
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 11, 2018