दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछले 9 साल में यमुना नदी की सफाई को लेकर झूठा वादा करने के सिवाय कुछ नहीं किया। पिछले नौ साल से वे केवल यमुना की सफाई का टारगेट ही देते रहे हैं। हर बार वह अगले साल यमुना की सफाई करने का वादा कर लोगों को बरगलाते रहे हैं। यमुना की सफाई को लेकर 2014 से तारीख पर तारीख देते आ रहे केजरीवाल ने अब नई तारीख दी है। अब उन्होंने यमुना की सफाई की नई तारीख 2025 मुकर्रर की है। शराब घोटाले से लेकर तमाम वित्तीय अनियमितताओं में फंस चुके केजरीवाल सरकार ने यमुना के नाम पर भी बड़े घोटाले को अंजाम दिया है। पिछले पांच साल में दिल्ली सरकार ने यमुना के नाम पर 6800 करोड़ रूपये का बंदरबांट किया फिर भी यमुना पहले से ज्यादा मैली है। प्रदूषण और गंदगी के चलते यमुना का पानी कई जगहों पर जहरीला हो चुका है, लेकिन केजरीवाल विज्ञापनों में मस्त हैं, प्रधानमंत्री को अनपढ़ कहने में व्यस्त है। इससे पता चलता है कि दिल्ली के विकास को लेकर उनकी नीयत ही साफ नहीं है। जनता की गाढ़ी कमाई का हजारों करोड़ रूपया विज्ञापन में या घोटालों में बहाने वाले केजरीवाल को अब जनता पहचान चुकी है और अगले चुनाव में उनको माफ नहीं करने वाली।
2015 से 2023 आ गया लेकिन इनका 5 साल खत्म नहीं हुआ |
और ना ही यमुना साफ हुआ ।झूठा केजरीवाल सिर्फ सिर्फ फेकता है #KejriwalInAssam #KejriwalExposed pic.twitter.com/ABmpDLvhJJ
— Padminisahu (@Padminisahu7) April 3, 2023
यमुना की सफाई पर केजरीवाल सरकार ने 6,856 करोड़ रुपए खर्च किए
दिल्ली विधानसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, वर्ष 2017-21 के बीच यमुना की सफाई के नाम पर दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 6,856 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। दिल्ली के पर्यावरण विभाग ने यह जानकारी दिल्ली विधानसभा में दी है। इतनी लम्बी चौड़ी धनराशि खर्च करने के बाद भी यमुना की स्थिति दिल्ली में जस की तस बनी हुई है। हाल ही में दिल्ली विधानसभा में भाजपा के एक विधायक द्वारा यमुना के पानी के नमूनों को लाए जाने पर ख़ूब विवाद हुआ था। इस मामले में सरकार ने सफाई ना करवा पाने की अपनी गलती मानने की बजाय विधायक द्वारा लाए गए नमूनों को ही गलत बता दिया।
केजरीवाल ने यमुना में झाग बनाने के लिए 6800 करोड़ रुपये खर्च
75 साल में कोई भी सरकार बहते हुए पानी में झाग नहीं बना सकी थी। केजरीवाल ने यमुना में झाग बनाने के लिए 6,856 करोड़ रुपये खर्च कर दिए और वो भी यमुना के बहते पानी में। नदी में झाग बनाने का जो काम अमेरिका जैसा विकसित देश भी नहीं कर सका वो काम केजरीवाल ने कर दिखाया। यमुना में झाग बनाने वाले इसी केजरीवाल ने कहा था कि यमुना नदी को इतना साफ कर देंगे कि लोग इसमें डुबकी लगा सकेंगे। लेकिन इनकी नाकामी की वजह से आज भी यमुना मैली हैं।
केजरीवाल ने कहा- 6 प्वाइंट एक्शन प्लान से साफ होगी यमुना
दिल्ली सरकार का बजट पेश होने के बाद केजरीवाल ने एक प्रेस कांफ्रेंस में 22 मार्च 2023 को कहा कि यमुना की सफाई के लिए 6 सूत्रीय कार्ययोजना बनाई गई है। सरकार इस योजना पर काम करेगी। सभी कॉलोनियों को सीवेज से जोड़ा जाएगा और यमुना नदी की सफाई के लिए सीवेज शोधन संयंत्रों की क्षमता बढ़ाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में कहा कि 2025 के अगले दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले मैं आपके साथ यमुना में डुबकी लगाऊंगा। यहां सवाल यह उठता है कि पिछले नौ साल से केजरीवाल ने यमुना की सफाई की बात तो की लेकिन उस पर काम क्यों नहीं हुआ।
यमुना को गंदा होने में 70 साल लगे, दो दिन में सफाई नहीं हो सकतीः केजरीवाल
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, केजरीवाल ने 2021 में एक प्रेस कांफ्रेस कर यमुना की गंदगी पर चिंता जाहिर की थी। साथ ही छह एक्शन प्वाइंट्स भी बताए। उन्होंने कहा कि 2025 तक यमुना की सफाई पूरी कर ली जाएगी। केजरीवाल ने कहा कि अगले चुनाव तक यमुना को पूरी तरह साफ कर लिया जाएगा और मैं इसमें आपके साथ डुबकी भी लगाऊंगा। केजरीवाल ने कहा कि मैं जो कहता हूं वो करता हूं। केजरीवाल ने कहा कि यमुना नदी को इतना गंदा होने में 70 साल लगे। दो दिन में इसकी सफाई नहीं हो सकती। मैंने दिल्ली के चुनावों में लोगों से वादा किया था कि अगले चुनावों तक इसे साफ कर दिया जाएगा। हमने युद्धस्तर पर काम शुरू कर दिया है। हमारे पास इस पर छह एक्शन प्वाइंट हैं, मैं व्यक्तिगत रूप से इसकी निगरानी कर रहा हूं।
यमुना की सफाई के लिए क्लीनिंग सेल का किया गठन
अरविंद केजरीवाल यमुना की सफाई को लेकर 2015 से झूठ ही बोलते आ रहे हैं और हर साल-दो साल पर एक नया शिगूफा छोड़ देते हैं। इसी तरह 2021 में उन्होंने यमुना की सफाई के लिए क्लीनिंग सेल का किया गठन किया था। अब इसके भी दो साल गुजर चुके हैं लेकिन यमुना फिर भी मैली है। आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में बेहद प्रदूषित यमुना नदी को साफ करने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यमुना क्लीनिंग सेल का गठन किया है। यह सेल सबंधित विभागों की ओर से किए जा रहे कार्यों पर नजर रखेगा। दिल्ली जल बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) को इस सेल का अध्यक्ष बनाया है और इसमें सभी संबंधित विभागों के प्रतिनिधि सदस्य शामिल होंगे। फरवरी 2025 तक यमुना नदी को पूरी तरह साफ कर लेने का लक्ष्य रखा गया है और इसकी जिम्मेदारी सेल के पास होगी।
केजरीवाल ने कहा था- यमुना में लोग डुबकी लगा सकेंगे
केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान एक सभा में कहा था अगर उनकी सरकार फिर से चुनकर आती है तो वो यमुना को स्वच्छ बनाएंगे। उन्होंने दावा किया कि वो यमुना को न केवल स्वच्छ बनाएंगे बल्कि उसे ऐसा बनाएंगे कि दिल्ली के लोग उसमें डुबकी भी लगा सकेंगे। केजरीवाल ने कहा था कि अगले पांच साल में यमुना की सफाई आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली में दोबारा सत्ता में आने पर यमुना को इतना स्वच्छ बनाया जाएगा कि इसमें दिल्ली के लोग डुबकी लगा सकेंगे। अब तीन साल बीत चुके हैं यमुना की कितनी सफाई हुई यह तो सब सामने है।
केजरीवाल ने 2020 में दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान सभा में उपस्थित लोगों से पूछा कि, ‘क्या आपको लगता है कि हमें यमुना को साफ करना चाहिए?’ इसका जवाब हां में मिला। उन्होंने कहा कि ‘यमुना में, बहुत सारा सीवर का पानी और औद्योगिक कचरा बहाया जाता है। हमने इसकी पहचान कर ली है। मैं यह पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि अगले पांच वर्षों के भीतर, यमुना साफ होगी। अगले विधानसभा चुनाव से पहले, आप सभी यमुना में स्नान कर सकेंगे और तब मैं आपके साथ डुबकी लगाऊंगा। हम यमुना को उस स्तर तक साफ करेंगे।’ उन्होंने कहा कि दिल्ली में अभी काफी काम किया जाना बाकी है।
2015 से 2023 आ गया लेकिन केजरीवाल का 5 साल खत्म नहीं हुआ
केजरीवाल लगातार अपने भाषणों और बयानों में यमुना को साफ़ और निर्मल करने की बात दोहराते आए हैं, लेकिन इनमें से कोई भी काम जमीन पर नहीं उतारा जा सका है। वे लगातार यमुना की सफाई जैसे मुद्दों पर राजनीति करने और अन्य राज्यों तथा केंद्र सरकार पर दोष मढ़ते रहे हैं।
दिल्ली में यमुना में गिरते है 22 बड़े नाले
दिल्ली में यमुना की बदहाली का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसकी कुल गंदगी में दिल्ली का वजीराबाद से लेकर ओखला के बीच का हिस्सा 76 प्रतिशत जिम्मेदार है। यह हिस्सा मात्र 22 किलोमीटर लम्बा है जबकि इसकी कुल लम्बाई 1370 किलोमीटर है। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के अनुसार, दिल्ली में 53 किलोमीटर बहने के दौरान इसमें 22 बड़े नाले गिरते हैं।
यमुना में प्रदूषण का स्तर सामान्य से कहीं अधिक
दिल्ली और आसपास के इलाकों में इसके पानी से उगाई जाने वाली सब्जियों तक के बारे में कई रिपोर्ट में उनके दूषित होने की आशंका जताई गई है। अन्य कई शोध में यह सामने आया है कि यमुना में प्रदूषण का स्तर सामान्य से कहीं अधिक है।
Truth ! pic.twitter.com/4eCAzXVp9o
— Neelkant Bakshi 🇮🇳 (@neelkantbakshi) October 28, 2022
केजरीवाल के झूठे वादों में फंस कर रह गई यमुना, छठव्रतियों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़
अरविंद केजरीवाल झूठे वादों का पर्वत खड़ा करने में पिछले नौ साल में माहिर हो चुके हैं। 2022 में छठ पर्व से पहले केजरीवाल के झूठ के तैरते झागों को यमुना नदी में साफ देखा गया। इनकी नाकामी की वजह से आज भी यमुना मैली है और छठ घाट गंदे पड़े हैं। सबसे हैरानी की बात यह है कि दिल्ली सरकार ने छठ पूजा से पहले यमुना से झाग हटाने के लिए उसमें जहरीले रसायन का छिड़काव कर दिया, जो यमुना में डुबकी लगाने वाले छठव्रतियों के लिए जानलेवा साबित हुई।
यमुना नदी में झाग हटाने के लिए जहरीले केमिकल का छिड़काव
छठ से पहले दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने यमुना के छठ घाटों की सफाई और सुविधाओं को लेकर बड़ी-बड़ी बातें की थीं, लेकिन छठ महापर्व आते ही केजरीवाल के झूठ की पोल खुल गई। जमीनी हकीकत यह थी कि छठ से पहले दिल्ली के यमुना नदी में भारी प्रदूषण के साथ जहरीला झाग देखा गया। कालिंदी कुंज के पास यमुना नदी के पानी में जहरीला झाग तैरता दिखाई दिया। एलजी ने राजस्व और पर्यावरण विभाग को एनजीटी के आदेशों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिये थे। उन्होंने यमुना को प्रदूषित होने से रोकने के लिए कड़ाई से नजर रखने की बात भी की थी। इसके बावजूद यमुना नदी में ये जहरीला झाग तैरता दिखा।
केजरीवाल यमुना नदी में केमिकल का छिड़काव करवा रहा है ताकि मीडिया को झाग ना दिखें ……..छठ के त्योंहार से पहले ऐसा काम करना महापाप है pic.twitter.com/wk5UNcHEmg
— Major Surendra Poonia (@MajorPoonia) October 28, 2022
केजरीवाल ने जहरीले केमिकल से नाकामी छुपाई
केजरीवाल सरकार ने 2022 में अपनी नाकामी छुपाने और लोगों को मूर्ख बनाने के लिए यमुना नदी के जहरीले झाग की सफाई का आदेश दिया था। इसके बाद दिल्ली जल बोर्ड की एक टीम नदी के सतह पर केमिकल का छिड़काव करती दिखी। दिल्ली जल बोर्ड के केमिकल छिड़काव करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो लोगों ने इसका विरोध किया। वीडियो में देखा जा सकता है कि दिल्ली जल बोर्ड के कर्मचारी यमुना नदी के सतह पर केमिकल का छिड़काव कर रहे हैं।
MP Shri @ManojTiwariMP, MP Shri @p_sahibsingh & Shri @mssirsa are addressing a Press Conference. https://t.co/JeDtFPwtNT
— BJP Delhi (@BJP4Delhi) October 27, 2022
जहरीला केमिकल छठव्रतियों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक
उत्तर पूर्वी दिल्ली से बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने 27 अक्टूबर 2022 को कहा था कि आम आदमी पार्टी के मुखिया केजरीवाल ने वर्ष 2013 में दावा किया था कि वह यमुना को इतना साफ कर देंगे कि लोग डुबकी लगा सकेंगे। लेकिन आज भी यमुना में झाग तैर रहा है। उन्होंने केजरीवाल सरकार पर यमुना से झाग हटाने के लिए उसमें खतरनाक केमिकल का छिड़काव करने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया, “ हमने प्रदूषण की स्थिति का जायजा लेने के लिए यमुना का दौरा किया। हमें यह जानकर आश्चर्य हुआ कि झाग को छुपाने के लिए बहुत ही जहरीला रसायन का छिड़काव किया जा रहा था।’
जीवन देने का वादा करके मौत बांट रही केजरीवाल सरकार
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि आम आदमी पार्टी के लिए प्रदूषण कोई मुद्दा नहीं है। यदि होता तो दिल्ली के मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री छठ पर्व से पहले यमुना के किनारे जाते। मुख्यमंत्री वहां गए जहां पहले से लैंडफिल साइट है। दिल्ली सरकार लोगों को भ्रमित कर रही है। अपनी नाकामी छिपाने के लिए दिल्ली के लोगों विशेषकर व्रत करने वालों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। जीवन देने का वादा करके मौत बांट रहे हैं।
पर्यावरणविदों ने केजरीवाल की राजनीतिक मंशा पर उठाया सवाल
छठ पूजा-2022 से पहले पर्यावरणविदों ने दिल्ली सरकार पर यमुना को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए ”पर्याप्त कार्रवाई नहीं करने” का आरोप लगाया, क्योंकि कालिंदी कुंज के पास नदी का कुछ हिस्सा जहरीले झाग से ढका था। पर्यावरणविद विमलेन्दु झा ने कहा कि नदी में लगातार झाग बनने का मुख्य कारण राजनीतिक मंशा की कमी, यमुना को साफ करने में तत्परता और ठोस कार्रवाई का अभाव जिम्मेदार है। झा ने कहा, ”पर्यावरण शासन दिल्ली सरकार के लिए प्राथमिकता नहीं लगता है। दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि राजनीतिक इरादे की कमी है, यमुना की सफाई को लेकर कोई तत्परता नहीं है और ठोस कार्रवाई का अभाव है, जिससे बार-बार नदी में झाग की समस्या पैदा होती है।”
केमिकल “सिलिकॉन डिफॉर्मर” से हो सकती है कैंसर जैसी बीमारियां
एक अन्य पर्यावरणविद् भावरीन कंधारी ने आरोप लगाया कि लापरवाही और ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण हर साल जहरीले झाग से नदी के कुछ हिस्से ढक जाते हैं। कंधारी ने कहा, ‘‘यमुना और हिंडन किनारों पर, सैकड़ों फार्महाउस और उद्योग प्रदूषकों को नदी में छोड़ रहे हैं। लगभग 92 नाले हैं जो सीधे यमुना में खुलते हैं, जिनमें से 62 पर कोई शोधन नहीं होता हैं। इसलिए, लापरवाही और वास्तविक कार्रवाई की कमी के कारण यमुना में हर साल जहरीला झाग पैदा होता है।’’ डॉ.कबीर सरदाना ने साफ कह दिया कि यमुना में झाग को ख़त्म करने के लिए जो जहरीला “सिलिकॉन डिफॉर्मर” डाला गया हैं। वह एक हानिकारक केमिकल हैं जिससे लोगों को तमाम कैंसर जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
जहरीले पानी में नहाने से छठव्रतियों को होती है खुजली
केजरीवाल सरकार की नाकामी की वजह से छठव्रती जहरीले पानी में छठ व्रत करने के लिए मजबूर हैं। काफी पवित्र माने जाने वाला छठव्रत को आज सरकारी लापरवाही की वजह से प्रदूषित और जहरीले जल में करना पड़ रहा है। एक स्थानीय महिला ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा, “कल से छठ का त्योहार शुरू हो जाएगा तो हम चाहते हैं कि यहां पर साफ-सफाई हो जाए। हर साल यहां पर सफाई नहीं होती है, यहां पर नहाने से खुजली होती है लेकिन हमारी मजबूरी है तो सरकार को कुछ करना चाहिए।” गौरतलब है कि इस साल छठ पूजा 30 और 31 अक्टूबर को होने जा रही है।