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कोरोना संकट में दोनों हाथों से जनता को लूटने में लगी केजरीवाल सरकार

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कोरोना संकट के दौरान जहां हर तरफ आम लोगों की मदद की जा रही है, केंद्र और राज्य सरकारें लोगों को सहूलियत दे रही हैं, वहीं दिल्ली के विवादित मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस मौके को अपनी जेबें भरने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। दिल्ली की सरकार ने पहले तो केंद्र पर दबाव बनाकर शराब के ठेके खुलवाए और जब दिल्ली के लोग शराब लेने के लिए उमड़ पड़े तो इसका फायदा उठाकर शराब पर 70 प्रतिशत कोरोना टैक्स लगा दिया। इतना ही नहीं कोरोना बीमारी से लड़ने के लिए लाख दावे करने वाली केजरीवाल सरकार ने शराब की दुकानों के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं कराया है।

खजाना भरने की केजरीवाल की चाहत पड़ सकती है भारी
दिल्ली में हर जगह शराब कि दुकानों के बाहर हजारों की संख्या में लोग लाइन में लगे हैं और एक-दूसरे से सट कर खड़े हैं। जाहिर है कि अपना खजाना भरने की सीएम केजरीवाल की ये चाहत दिल्लीवालों पर भारी पड़ सकती है। दिल्ली में पहले से कोरोना का संक्रमण विकराल हो चुका है और कोरोना मरीजों की संख्या चार हजार से अधिक हो चुकी है।

केजरीवाल सरकार ने महंगा किया पेट्रोल-डीजल
दिल्ली की जनता पर दोहरी मार करते हुए केजरवीवाल सरकार ने पेट्रोल और डीजल के रेट भी बढ़ा दिए हैं। दिल्ली में मंगलवार को पेट्रोल के भाव में 1.67 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी हुई है। जिससे दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल का भाव 71.26 रुपये प्रति लीटर हो गया है। वहीं, दिल्ली में डीजल की कीमत में 7.10 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी हुई है। इस उछाल से अब डीजल दिल्ली में 69.39 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है। दरअसल दिल्ली सरकार द्वारा वैट में इजाफा करने से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में यह तेजी देखने को मिली है। दिल्ली में पेट्रोल पर वैट (VAT) को 27 फीसद से बढ़ाकर 30 फीसद कर दिया गया है। जबकि डीजल पर वैट को करीब दोगुना कर दिया गया है। यह पहले 16.75 फीसद था, जिसे अब 30 फीसद कर दिया गया है। लॉकडाउन के कारण दिल्ली सरकार को राजस्व में भारी नुकसान हुआ है। इसलिए सरकार पेट्रोल-डीजल पर वैट बढ़ाकर अपने राजस्व में वृद्धि करना चाहती है।

केजरीवाल सरकार के इन फैसले से दिल्ली जनता और देशवासियों ने सोशल मीडिया पर जमकर गुस्सा निकाला है। –

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