दिल्ली में केजरीवाल सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ डूब चुकी है। ऐसा कोई विभाग नहीं है जहां भ्रष्टाचार नहीं हो। शराब और शिक्षा घोटाले के बाद नित नए घोटाले सामने आ रहे हैं। अब दिल्ली में 25 हजार गेस्ट टीचर की नियुक्ति में हेराफेरी का मामला सामने आया है। कई शिक्षकों के स्कूल में नाम नहीं हैं फिर भी सैलरी बांटी गई है। अब इस गोरखधंधे को लेकर गुरुवार को उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने इंटरनल इनक्वायरी का आदेश दिया है। जांच के लिए उपराज्यपाल सचिवालय ने चीफ सेक्रेटरी को एक लेटर लिखा है। इसमें फर्जी गेस्ट टीचर्स के नाम पर सैलरी गबन करने के मामले की भी जांच की जाएगी। शिक्षा निदेशक को लिखे गए इस लेटर में सरकारी स्कूलों में नियुक्त किए गए गेस्ट टीचर्स की फिजिकल अटेंडेंस और सैलरी निकासी की स्टेटस रिपोर्ट मांगी गई है। यह रिपोर्ट एक महीने के अंदर जमा करने का निर्देश दिया गया है। पिछले आठ सालों में क्लासरूम घोटाला, आबकारी घोटाला, विज्ञापन घोटाला, बस घोटाला, मार्शल घोटाला, मोहल्ला क्लीनिक घोटाला, सैनिक स्कूल घोटाला जैसे कई घोटाले हुए और अब शिक्षक नियुक्ति घोटाला सामने आया है। केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार की वजह से आज दिल्ली के लोग खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। ईमानदारी की कसम खाकर राजनीति में आई आम आदमी पार्टी आज लुटेरों का अड्डा बन चुकी है।
मुबारक हो @ArvindKejriwal !
दिल्ली की @AamAadmiParty सरकार Guinness World Records में शामिल
विश्व की सबसे ज्यादा घोटाले करने वाली पार्टी बनी ??
अब 'Ghost Teachers' के नाम पर पैसो का गबन.
ये है केजरी का World Class Education Model pic.twitter.com/Uz5iufjSD0
— Modi Bharosa (@ModiBharosa) September 22, 2022
शिक्षकों के स्कूल में नाम नहीं फिर भी सैलरी बांटी गई
दिल्ली में 25 हजार गेस्ट टीचर्स की नियुक्ति प्रक्रिया पर अब सवाल उठ रहे हैं। हाल ही में किए गए एक ऑडिट में हेराफेरी का मामला सामने आया है। इसमें पाया गया कि दिल्ली के मानसरोवर पार्क के सीनियर सेकेंडरी स्कूल (GBSSS-I) में गेस्ट टीचर्स के नाम पर तीन लोगों को 4 लाख 21 हजार रुपए सैलरी दी गई, जबकि इनकी नियुक्ति इस स्कूल में थी ही नहीं। सक्सेना ने पैसे के गबन के मामले में पिछले हफ्ते ही दिल्ली सरकार के एक स्कूल के चार वाइस प्रिंसिपल के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे। मामले की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) कर रही है।
गेस्ट टीचर्स की जांच रिपोर्ट 30 दिनों में सौंपने का निर्देश
अब ताजा मामले में दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार को उपराज्यपाल ने एक और तगड़ा झटका दिया है। उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा संचालित स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति में अनियमितताओं और फर्जी शिक्षकों के वेतन भुगतान में धन के गबन के आरोपों की विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। उपराज्यपाल सचिवालय ने मुख्य सचिव को कहा है कि वे शिक्षा निदेशक को दिल्ली सरकार के स्कूलों में नियुक्त सभी गेस्ट टीचर्स की उपस्थिति और वेतन वितरण से जुड़ी जानकारी को वेरिफाई करने का सुझाव दें। इस मामले में 30 दिनों के भीतर मुख्य सचिव को उपराज्यपाल सचिवालय को रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव को लिखी चिट्ठी में कहा कि निगरानी के बाद हमारी नजर में गेस्ट टीचर की अनियमितताओं और सालों से गैर-मौजूद गेस्ट टीचर्स की सैलरी के नाम पर सरकारी फंड के गबन का मामला आया है। हमारा मानना है कि ये गंभीर मामला है और बिना स्कूल के टीचर्स/प्रिंसिपल/अधिकारियों की भागीदारी से ऐसा नहीं हो सकता है। ये मामला हमें शिक्षा विभाग के अलग-अलग लेवल पर अधिकारियों द्वारा पर्याप्त निगरानी नहीं करने को दिखाता है। चिट्ठी में आगे लिखा कि हमारा मानना है कि इस तरह से सरकारी फंड का दुरुपयोग करने पर सख्त कार्रवाई हो। इस तरह के कार्यों में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही इंटरनल ऑडिट के मैकेनिज्म को मजबूत करने की जरूरत है, ताकि इस तरह के मामलों का पता चल सके।
AK-420 दिल्ली सरकार के शिक्षा मॉडल की बानगी देखिए!
सरकारी स्कूल का छात्र Mathmatics की स्पैलिंग Moath Meticas बता रहा हैं!
रेवड़ीवाल ऐसी शिक्षा व्यवस्था पुरे देश में लागू करना चाहतें हैं अगर यह शिक्षा मॉडल लागू हों जाएं तो देश का बेड़ा गर्क होना तय हैं! pic.twitter.com/leUEwLqdN0
— N K khaitan (@khaitan48) September 23, 2022
दिल्ली सरकार का शिक्षा मॉडल पतन की ओर: भाजपा
भारतीय जनता पार्टी ने दावा किया कि दिल्ली सरकार का शिक्षा मॉडल अब पतन की ओर है जिसे वैश्विक मानकों का बताया गया था। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार द्वारा संचालित विद्यालयों में बुनियादी संरचना की कमी है जिसे यमुना पार क्षेत्र के खजूरी खास में स्थिति स्कूलों की हालत देखकर समझा जा सकता है। गुप्ता ने दिल्ली सरकार पर भ्रष्टाचार में लिप्त रहने का भी आरोप लगाया और दावा किया कि आप के एक कार्यकर्ता को सैनिक स्कूल के संचालन का ठेका दिया गया। दिल्ली में सशस्त्र बल आर्म्ड फोर्सेस प्रिपेरेटरी स्कूल का उद्घाटन अगस्त में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किया था।
भ्रष्टाचार की बुनियाद पर खड़ा शहीद भगत सिंह सैनिक स्कूल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 27 अगस्त, 2022 को दिल्ली के झरोदा कलां में शहीद भगत सिंह आर्म्ड फोर्सेज प्रिपरेटरी स्कूल का उद्घाटन किया। यह दिल्ली का पहला सैनिक स्कूल है। लेकिन इस स्कूल के खुलने की पीछे की कहानी काफी दिलचस्प है। केजरीवाल सरकार ने अपनी ही आम आदमी पार्टी की नेता श्रीशा राव को कंपनी खुलवाकर ठेका दे दिया। हैरानी की बात यह है कि अभी कंपनी के खुले हुए दो महीने भी नहीं हुए थे और कंपनी के पास सैनिक स्कूल के प्रबंधन का कोई अनुभव भी नहीं था, फिर भी दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की मेहरबानी से सरकारी खजाने को लूटने का ठेका मिल गया।
बिना प्रिंसिपल, टीचर के किस प्रकार दिल्ली सरकार वर्ल्ड क्लास शिक्षा दे रही है ये शोध का विषय है। शोधकर्ता कृपया ध्यान दें@Dir_Education@EduMinOfIndia@msisodia@ArvindKejriwal@adeshguptabjp@HarishKhuranna@GSTADelhi pic.twitter.com/prgfZuvm2L
— Delhi Parents Association / दिल्ली अभिभावक संघ (@DelhiparentsDPA) September 22, 2022
आम आदमी पार्टी का 2000 करोड़ का शिक्षा घोटाला, आरटीआई से हुआ खुलासा
कुछ समय पहले दिल्ली के शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया का एक घोटाला सामने आया था। ये घोटाला स्कूलों के निर्माण से जुड़ा है। दरअसल एक आरटीआई में ये खुलासा हुआ है कि एक स्कूल का कमरा 24,85,323 रुपए में बनाया गया है। आरटीआई से पता चला है कि 312 कमरे 77,54,21,000 रुपये में और 12748 कमरे 2892.65 करोड़ रुपये में बनाए गए हैं। लोग केजरीवाल और सिसोदिया से ये सवाल पूछ रहे हैं कि एक कमरे की लागत में 24 लाख रुपये कैसे हो सकती है। क्या केजरीवाल जी ने कमरे में सोने की टाइल्स लगवाईं हैं?
गजब बेशर्मी लेकर घूम रहे हो @ArvindKejriwal
जी, थोड़ी तो शर्म कर लेते…!आखिर बच्चे कैसे "खूब पढ़ेंगे और खूब बढ़ेंगे" बोलिए जवाब दीजिए..!
जब दिल्ली के सरकारी स्कूलों में प्रिंसिपल के 84% पद और टीचर के 33% पद खाली हैं।
यही है तुम्हारा "गोलमाल शिक्षा मॉडल"..! pic.twitter.com/rBAf5DiOp6
— Lalan Kumar (@LalanKumarINC) September 21, 2022
दिल्ली के अधिकांश सरकारी स्कूलों में प्रिंसिपल ही नहीं, 84 प्रतिशत पद खाली
देश की राजधानी दिल्ली के सरकारी स्कूलों में प्रिंसिपल, वाइस-प्रिंसिपल और शिक्षकों के ढेरों पद खाली हैं। इससे दिल्ली में शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली के अधिकतर स्कूल कई सालों से बिना प्रिंसिपल के ही चल रहे हैं। स्वयं दिल्ली शिक्षा निदेशालय (DoE) की तरफ से साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, शहर के सरकारी स्कूलों में प्रिंसिपल के 84 प्रतिशत पद खाली पड़े हुए हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के सरकारी स्कूलों के लिए प्रिंसिपल के कुल 950 पद स्वीकृत हैं जिसमें से अब तक केवल 154 ही भरे गए हैं, जबकि 796 पद खाली हैं। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि ज्यादातर स्कूल को वाइस-प्रिंसिपल चला रहे हैं। हालांकि, इन स्कूलों में वाइस-प्रिंसिपल की भी भारी कमी है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में वाइस-प्रिंसिपल के कुल 1,670 पद हैं और इनमें से 565 पद अभी भी खाली हैं।
दिल्ली का फर्जी शिक्षा मॉडल!
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में “प्रिंसिपल,वाइस प्रिंसिपल,टीचर,TGT,PGT” के 40,520 पद खाली हैं।
लेकिन बेहरूपिया @ArvindKejriwal
न्यूयॉर्क टाइम्स में करोड़ों की खबर छपवाकर अपने निकम्मेपन को छिपाता है और शिक्षामंत्री @msisodia
शराब का धंधा करता फिरता pic.twitter.com/VA8rPVsFJs— Sunil Mittal ?? (@TheSunilMittal) September 22, 2022
दिल्ली के स्कूलों में शिक्षकों के 33 प्रतिशत पद खाली
शिक्षकों को लेकर इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल 65,979 पदों में से सिर्फ 21,910 को ही भरा जा सका। यानी की इन स्कूलों में अभी भी शिक्षकों के लगभग 33 प्रतिशत पद खाली हैं। दिल्ली सरकार ने इन रिक्तियों के कारण आए अंतर को 20,408 अतिथि शिक्षकों से जरूर भरा है, लेकिन इसके बाद भी इन स्कूलों में अभी 1,502 शिक्षकों की कमी है।
दिल्ली के स्कूलों में TGT के 13,421 और PGT के 3,838 पद खाली
रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान में ट्रेन्ड ग्रेजुएट टीचर्स (TGT) के कुल 33,761 पदों में से 13,421 खाली हैं, जबकि 20,340 पद भरे जा चुके हैं। वहीं पोस्ट ग्रेजुएट टीचर्स (PGT) की अगर बात करें तो कुल 17,714 पदों में से 13,886 पद भरे गये हैं और 3,838 पद अभी भी खाली हैं। बता दें कि TGT पास शिक्षक कक्षा 10 तक के छात्रों को पढ़ाते हैं, जबकि PGT पास शिक्षक कक्षा 12 तक के छात्रों को पढ़ाते हैं।
केजरुद्दीन – हम तो कट्टर ईमानदार है। इसी दौरान, हैंडसम @msisodia शराब और क्लास रूम घोटाले का आरोपी, टिकट ब्लैकया 2020 दिल्ली दंगों का आरोपी, सत्येंद्र जैन हवाला के आरोप मे जेल जा चुका, डीटीसी बस घोटाला और काफ़ी लम्बी लिस्ट है घोटालो कि। अब टीचर घोटाला ?♂️#KejriwalExposed pic.twitter.com/LuYxuDtjoz
— Jeevan Singh Bisht (@Jeevan98Bisht) September 23, 2022
दिल्ली के वर्ल्ड क्लास स्कूल में टीचर ही नही आते हैं @ArvindKejriwal जी? देखिए बच्चों ने बताई सच्चाई.pic.twitter.com/FOxJ5tc1UW
— Rahul Kumar Valmiki (@irahulvalmiki) September 19, 2022
DU में क़रीब 91 कॉलेज हैं। क़रीब 12 दिल्ली सरकार के अंदर आते हैं बाक़ी केंद्र सरकार के। लेकिन दिल्ली सरकार के कॉलेजों को फंड की रेगुलर समस्या रहती है। सेलरी ना मिलने पर टीचर पढ़ाना बंद कर देते हैं। जिस NDTV पर केजरीवाल ने ये बात कही कि उन्हें ये खबर ही नहीं है। उसपर भी ये खबर है pic.twitter.com/QH5LBzvvTD
— Shyam Meera Singh (@ShyamMeeraSingh) September 18, 2022
दिल्ली सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल से लेकर, वाइस प्रिंसिपल, टीचर, टीजीटी, पीजीटी… कहां कितने पद खाली पड़े हैं? ये आंकड़े शिक्षा निदेशालय के अनुसार दिए गए हैं-ये है संघी केजरीवाल की शिक्षा नीति ये विज्ञानपन में करोड़ो रुपए खर्च करते है। पर आम आदमी को शिक्षा से वंचित रखते हैं। pic.twitter.com/ZtxFzHdffy
— Max bodhi ? (@max_bodhi) September 21, 2022
खोखला है केजरीवाल का "शिक्षा मॉडल"
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में प्रिंसिपल के 84% और टीचर के 33% पद खाली हैं।
और केजरीवाल इसी शिक्षा मॉडल का पूरे दिन "ढिंढोरा" पीटते रहते हैं pic.twitter.com/HCaDvx3WlA
— Rajkumar Chauhan (@RajkumarChnINC) September 23, 2022
30 बच्चों के ऊपर एक टीचर का रेश्यो बेस्ट माना जाता है. दिल्ली के कई स्कूलों में बिल्डिंग और बेंच की कमी के चलते एक क्लास में 60 से 80 बच्चे भी भरे जा रहे हैं. 2/5
— Praveen (@praveenpscs) September 17, 2022