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केजरीवाल को गुजरात यूनिवर्सिटी मानहानि केस में झटका, निचली अदालत व हाई कोर्ट से नहीं मिली राहत

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और केजरीवाल के करीबी और आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री पर सवाल उठाकर मानहानि के मामले में बुरी तरह फंस गए हैं। दोनों नेताओं पर गुजरात विश्वविद्यालय ने मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है। विश्वविद्यालय ने इन दोनों नेताओं पर संस्थान की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया है। दोनों नेताओं ने मानहानि केस में सुनवाई पर अंतरिम रोक लगाने के लिए गुजरात हाई कोर्ट का रुख किया था लेकिन हाई कोर्ट ने अंतरिम रोक लगाने से इंकार कर दिया। अब केजरीवाल और संजय सिंह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। इस बीच अहमदाबाद की एक अदालत ने 22 अगस्त को केजरीवाल और संजय सिंह की वह याचिका खारिज कर दी जिसमें उन्होंने आवेदन दायर करके तेजी से सुनवाई का अनुरोध किया था। दरअसल, निचली अदालत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री से जुड़े मानहानि मामले में दोनों नेताओं को समन जारी किया है और चूंकि दोनों के खिलाफ मामले निचली अदालत और हाई कोर्ट में चल रहे हैं तो इसके खिलाफ उन्होंने मामले की तेजी से सुनवाई का अनुरोध किया था।

पीएम मोदी की डिग्री को लेकर दिया था ‘व्यंग्यात्मक’ बयान
आप के दोनों नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिग्री के सिलसिले में ‘व्यंग्यात्मक’ एवं ‘अपमानजनक’ बयान दिया था जिसे लेकर गुजरात विश्वविद्यालय द्वारा दर्ज कराए गए आपराधिक मानहानि मामले का सामना कर रहे हैं। केजरीवाल और सिंह ने इस मामले की त्वरित सुनवाई का अनुरोध किया क्योंकि अदालत ने आगे की सुनवाई के लिए 16 सितंबर की तारीख तय की। उनके वकील ओम कोतवाल ने अदालत से अनुरोध किया कि गुजरात हाई कोर्ट में 29 अगस्त और मेट्रोपोलिटन अदालत में 31 अगस्त को संबंधित मामलों की सुनवाई होने से पहले वह इस विषय पर आगे बढे़। लेकिन निचली अदालत ने 22 अगस्त को त्वरित सुनवाई की अर्जी खारिज कर दी। इस बीच मेट्रोपोलिटन अदालत ने इन दोनों को समन को लेकर 30 अगस्त को उसके सामने पेश होने का समय दिया।

हाई कोर्ट ने अंतरिम राहत देने से किया इनकार
केजरीवाल और संजय सिंह ने सत्र अदालत में अपने पुनरीक्षण आवेदन का निस्तारण होने तक अपने विरूद्ध आपराधिक मानहानि सुनवाई पर स्थगन का अनुरोध करते हुए गुजरात हाई कोर्ट का रूख किया था। हाई कोर्ट ने 11 अगस्त को राज्य सरकार और गुजराज विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार पीयूष पटेल को नोटिस जारी कर 29 अगस्त तक जवाब मांगा था। साथ ही, उसने केजरीवाल और सिंह को कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था।

केजरीवाल और संजय के खिलाफ पहले भी जारी हुए थे समन
गुजरात यूनिवर्सिटी की मानहानि से जुड़े मामले में केजरीवाल और संजय सिंह को निचली अदालत से एक बार पहले समन जारी किए जा चुके हैं। जिस पर दोनों बार नेताओं ने पेशी से छूट ली थी। गुजरात यूनिवर्सिटी ने पिछली सुनवाई पर दोनों नेताओं को वारंट जारी करने की मांग की थी। तब मेट्रोपॉलिटन कोर्ट ने इस पर सुनवाई करने के लिए 31 अगस्त की तारीख निर्धारित की थी। मानहानि केस में कानूनी दांवपेंच का सामना कर रहे अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह ने निचली कोर्ट मानहानि की कार्रवाई रोकने की मांग को लेकर हाई कोर्ट का रुख किया था। 11 अगस्त की सुनवाई में हाई कोर्ट ने दोनों नेताओं के रोक लगाने की मांग से इनकार कर दिया और सुनवाई के लिए 29 अगस्त की तारीख रखी थी।

केजरीवाल और संजय सिंह 26 जुलाई को सुनवाई में पेश नहीं हुए
गुजरात यूनिवर्सिटी मानहानि मामले में केजरीवाल और संजय सिंह 26 जुलाई की सुनवाई में विभिन्न कारणों से अदालत में उपस्थित नहीं हुए थे। तब मेट्रो कोर्ट ने उनके वकीलों से शपथ पत्र लिया कि अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह 11 अगस्त को अदालत में उपस्थित होंगे। 11 अगस्त को दोनों नेता पेश हीं हुए थे। गुजरात यूनिवर्सिटी के वकील ने दोनों आरोपियों के पेश नहीं होने पर वारंट जारी करने की मांगी की है। इस पर 31 अगस्त को सुनवाई होगी।

सात साल पुराना है यह केस, केजरीवाल पर लग चुका 25 हजार जुर्माना
पीएम मोदी की डिग्री से जुड़ा यह पूरा मामला सात साल पुराना है। अप्रैल, 2016 में केंद्रीय सूचना आयोग ने केजरीवाल से उनके चुनावी फोटो पहचान पत्र के बारे में जानकारी मांगी थी। इसके जवाब में केजरीवाल ने कहा था कि वह सीआईसी को जानकारी देने के लिए तैयार हैं लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षणिक डिग्री का खुलासा करने के लिए कहा जाना चाहिए। केजरीवाल के जवाब को आरटीआई का आवेदन मानते हुए सीआईसी ने एक ऑर्डर पास किया था। इसमें गुजरात यूनिवर्सिटी को पीएम मोदी की डिग्री का ब्योरा देने का निर्देश दिया था। इस ऑर्डर के खिलाफ गुजरात यूनिवसिर्टी हाई कोर्ट चली गई थी। हाई कोर्ट ने इस 31 मार्च, 2023 को फैसला सुनाते हुए सीआईसी को ऑर्डर को रद्द कर दिया था और केजरीवाल पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया था। केजरीवाल ने हाई कोर्ट के फैसले के बाद एक प्रेस कांफ्रेंस की थी। गुजरात यूनिवर्सिटी का आरोप है कि इसमें केजरीवाल ने विश्वविद्यालय की मानहानि की। इसके बाद यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार की तरफ से केस दाखिल किया गया, जिसमें केजरीवाल के साथ-साथ संजय सिंह मानहानि के आरोपी हैं।

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