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झूठ का पर्दाफाश : दिल्ली में 12 लाख नौकरियां देने का दावा, RTI में केजरीवाल-सिसोदिया के नौकरी वाले शिगूफे की खुली पोल, सात वर्षों में दी गई केवल 3686 नौकरियां

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झूठ की बुनियाद पर टिकी इमारत कितनी ही बुलंद क्यों न हो, वो एक न एक दिन भरभराकर गिर ही जाती है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तो खैर झूठ के किले बनाने में महारत हासिल है। धरातल पर काम करने के बजाए केजरीवाल सिर्फ बातों की उस्तादी में यकीन रखते हैं। यह हम नहीं, आटीआई से मिले आंकड़े बोल रहे हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया था कि उन्होंने पिछले 5 वर्षों में दिल्ली में 12 लाख नौकरियां दी हैं। दरअसल अब, एक RTI के अनुसार दिल्ली की अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी सरकार ने बीते 7 वर्षों में मात्र 3686 थर्ड ग्रेड स्तर की नौकरियां दी है।

केवल झूठ की बुनियाद कर टिका है केजरीवाल के खोखले वादों का महल
यह हकीकत है कि जिस चीज़ की बुनियाद ही झूठ पर टिकी हो, वो कभी सिरे नहीं चढ़ सकती है। फिर चाहे वो किसी का गृहस्थ जीवन हो या सरकार, दोनों में जब विश्वसनीयता और विश्वास पर चोट होती है तब बेआवाज चीख बड़ा शोर करती है। केजरीवाल ने राजनीति में कीचड़ की सफाई करने का वादा किया, लोगों को बड़े-बड़े हसीन सपने दिखाएं, दिल्ली के विकास के लिए कई बड़े और झूठे वादे किए, बेरोजगारों को रोजगार देने, प्रदूषण की समस्या से राज्य को निजात दिलाने से लेकर यमुना की सफाई की भी बात कही, लेकिन जमीनी स्तर पर देखने के बाद यह पता चलता है कि वो तो सिर्फ बातों के ही उस्ताद निकले। दिल्ली के सीएम के झूठे वादों से जनता त्रस्त हो चुकी है और राज्य में नौकरी के नाम पर केजरीवाल सरकार के झूठे आंकड़े उनकी असफलता को प्रदर्शित कर रहे हैं।

बीते 7 वर्षों में दिल्ली ने न एक नया कॉलेज खुला और न ही नया स्कूल
यहां तक की विधानसभा में राजधानी का सालाना बजट पेश करते हुए उप मुख्यमंत्री सिसोदिया ने कहा था कि आने वाले 5 वर्षों में दिल्ली में 20 लाख युवाओं को रोजगार दिया जाएगा। इसके बाद केजरीवाल ने विधानसभा में दावा किया कि बीते 7 साल में उनकी सरकार ने 12 लाख युवाओं को नौकरी प्रदान की है। लेकिन केजरीवाल के इस हवा हवाई शिगूफे की पोल खुलते देर नहीं लगी। बीजेपी ने सवाल उठाया तो उसके कुछ ही दिनों बाद सिसोदिया ने डेढ़ लाख से ज्यादा नौकरियों का शिगूफा छोड़ा, लेकिन अब RTI ने दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया है। जिस तीव्रता से केजरीवाल वादे करते हैं, उतनी ही तेजी से सरकार बनने के बाद वो इन सबसे भागते नज़र आते हैं। फिर चाहे 500 स्कूल और कॉलेज बनाने की बात हो या अस्पताल निर्माण की बात हो। बीते 7 वर्षों में दिल्ली ने न एक नया कॉलेज देखा, न ही एक नया स्कूल और न ही कोई नया अस्पताल या फ़्लाइओवर जो कि दिल्ली सरकार ने अपने इस कार्यकाल में निर्मित किया।

केजरीवाल को दो बार जिताकर दिल्ली का वोटर ठगा महसूस कर रहा है
केजरीवाल सरकार को साल 2015 हो या 2020 दोनों बार प्रचंड बहुमत मिला था, वो इसलिए ही मिला था, क्योंकि ‘मुफ्तखोर’ केजरीवाल में अपने घोषणापत्र में कई बड़े और झूठे वादे कर डाले थे! फिर वो चाहे गेस्ट टीचर को परमानेंट करने की बात हो या वेतन बढ़ोत्तरी की। लोगों ने इसी के चलते केजरीवाल पर विश्वास करते हुए बार-बार 67 और 62 जैसे जादुई आंकड़े दिए। लेकिन आज यही वोटर स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रहा है, क्योंकि उसको न नौकरी मिल रही है और न ही कोई रोज़गार का स्त्रोत खुलता दिख रहा है।

केजरीवाल उन 12 लाख नौकरियां का डाटा सार्वजनिक करें- मिश्रा
भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उस दावे पर सवाल उठाया है, जिसमें उन्होंने पिछले 5 वर्षों में दिल्ली में 12 लाख नौकरियां देने का दावा किया। #केजरीवाललिस्टदिखा नाम के हैशटैग के साथ उन्होंने इस बावत एक ट्वीट भी किया है। इस ट्वीट में RTI के माध्यम से मांगी गई एक जानकारी भी अटैच है जिसके आधार पर कपिल मिश्रा ने मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। कपिल मिश्रा ने अपने ट्वीट में कहा है, “RTI से मिली जानकारी के अनुसार केजरीवाल सरकार ने पिछले 7 सालों में सिर्फ 3246 नौकरियां दी हैं। केजरीवाल और सिसोदिया दोनों झूठ बोल रहे हैं। अरविन्द केजरीवाल को फिर से खुली चुनौती है कि अगर उन्होंने 12 लाख लोगों को नौकरी दी है तो उनकी लिस्ट सार्वजनिक करें।”

 

 

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