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यह कैसी नैतिकता है? उन्हें तत्काल अपने पद से छोड़ देना चाहिए- केजरीवाल के सहयोगी भी कर रहे हैं मांग, हो रही है थू-थू

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दिल्ली शराब घोटाले में गिरफ्तार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अदालत ने 6 दिन यानी 28 मार्च तक के लिए ईडी की रिमांड पर भेज दिया है। आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल का कहना है कि वे इस्तीफा नहीं देंगे और जेल से ही सरकार चलाएंगे। अरविंद केजरीवाल ने गिरफ्तारी के बाद इस्तीफा देने के सवाल पर कहा कि सीएम पद से इस्तीफा नहीं दूंगा, अगर करना पड़ा तो जेल से सरकार चलाऊंगा।

भ्रष्टाचार मुक्त दिल्ली बनाने के वादे के साथ सत्ता में आई केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की सरकार खुद भ्रष्टाचार और घोटाले के दलदल में धंसती चली गई। केजरीवाल सरकार घोटालों को छिपाने के लिए एक के बाद एक नए-नए घोटाले करती गई। पार्टी के एक के बाद एक कई विधायक और मंत्री आरोपों में घिरने के बाद जेल भी गए। कई मंत्री अब भी जेल में हैं, लेकिन राजनीति में नैतिकता की बात करने वाले केजरीवाल खुद गिरफ्तार होने के बाद भी पद छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। ऐसे में लोग उनके पुराने बयान को शेयर कर उनपर तंज कस रहे हैं।

लोग कह रहे हैं कि भारतीय राजनीति में अब तक जिनपर भी आरोप लगे उन्होंने इस्तीफे दिए। यहां तक कि लालू प्रसाद यादव और हेमंत सोरेन जैसे नेताओ ने भी जेल जाने से पहले इस्तीफे दे दिए, लेकिन केजरीवाल जेल जाने के बाद भी इस्तीफा नही दे रहा।

अब तो आम आदमी पार्टी की सहयोगी पार्टी कांग्रेस के नेता भी केजरीवाल से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की मांग कर रहे हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता संजय निरूपम ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को इस्तीफा दे देना चाहिए। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने लिखा है कि केजरीवाल भारतीय राजनीति में नैतिकता की जो नई परिभाषा लिख रहे हैं,उसने मुझे यह पोस्ट लिखने के लिए मजबूर कर दिया। एक समय था जब एक हवाला कारोबारी जैन की कथित डायरी में अडवाणी जी, माधवराव सिंधिया और कमलनाथ जैसे नेताओं के नाम आए थे और उनपर रिश्वत लेने के आरोप लगे, तब उन्होंने नैतिकता का तकाजा देकर तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। लाल बहादुर शास्त्री ने एक ट्रेन दुर्घटना पर इस्तीफा दे दिया था। अभी हाल में जब वे इंडिया अगेंस्ट करप्शन का तमाशा पूरे देश को दिखा रहे थे तब यूपीए सरकार के मंत्रियों ने भ्रष्टाचार के छिछले आरोपों पर भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गिरफ्तारी से पहले पद छोड़कर एक नैतिक आचरण पेश किया था। दिल्ली के शराब घोटाले की सच्चाई क्या है, इसका फैसला अदालत को करना है। पर एक मुख्यमंत्री पर इस घोटाले में भ्रष्टाचार का आरोप लगा है। उनकी गिरफ्तारी हुई है। वे कस्टडी में है और मुख्यमंत्री के पद से अभी तक चिपके हुए हैं? यह कैसी नैतिकता है? उन्हें तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।

अन्ना हजारे के नेतृत्व में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से पैदा हुई आम आदमी पार्टी अब भ्रष्टाचार के आरोपों से इस कदर घिर चुकी है कि केजरीवाल को जवाब देते नहीं बन रहा है। बार-बार समन मिलने पर भी पेश ना होने और दिल्ली हाईकोर्ट से राहत ना मिलने पर आखिरकार ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। ईडी ने कट्टर ईमानदार होने का ढोल पीटने वाले केजरीवाल को शराब घोटाले का मुख्य साजिशकर्ता बताया है। ऐसे में गिरफ्तारी के बाद ईडी रिमांड पर भेजे जाने पर भी इस्तीफा ना देने पर केजरीवाल की थू-थू हो रही है। लोग सोशल मीडिया पर तंज कस रहे हैं।

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