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पीएम मोदी के विजन से बदल रहा कश्मीर, स्टार्टअप क्रांति से युवा बन रहे उद्यमी, प्रदेश में 400 से अधिक स्टार्टअप

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एक जमाने में कश्मीर में बम धमाके, हड़ताल व पत्थरबाजी होती थी, लेकिन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आये बदलाव से यहां के युवाओं के हाथ में पुस्तकें और लैपटॉप के साथ स्टार्टअप के लिए नई सोच है और वे दुनिया के युवाओं को चुनौती देने के लिए निकल पड़े हैं। आज जम्मू और कश्मीर की कश्मीर घाटी के युवाओं द्वारा स्टार्ट-अप की संख्या में भारी वृद्धि देखी जा रही है। जम्मू और कश्मीर सरकार का कहना है कि पिछले दो वर्षों में केंद्र शासित प्रदेश में 400 से अधिक स्टार्ट-अप पंजीकृत किए गए हैं। ई-कॉमर्स, बागवानी, कृषि, खाद्य उद्योग और शिल्प कुछ ऐसे प्रमुख क्षेत्र हैं जिनमें ये स्टार्ट-अप शुरू किए गए हैं। कश्मीर क्षेत्र में सबसे सफल स्टार्ट-अप में से एक फास्टबीटल है। डोर-टू-डोर डिलीवरी स्टार्ट-अप घाटी के स्थानीय कारीगरों और शिल्पकारों की मदद करने और उन्हें दुनिया से जोड़ने में सहायता देकर हजारों लोगों को प्रेरित कर रहा है।

जम्मू और कश्मीर में 400 से अधिक स्टार्ट-अप

बेरोजगारी जम्मू और कश्मीर सरकार के लिए प्रमुख चिंताओं में से एक है और घाटी में विभिन्न सरकारी विभाग स्थानीय युवाओं द्वारा नए स्टार्ट-अप स्थापित करने पर जोर दे रहे हैं। सरकार इसे सफल मानती है क्योंकि कश्मीर में सैकड़ों स्टार्ट-अप स्थापित किए गए हैं जो न केवल स्थानीय व्यापार को बढ़ावा दे रहे हैं बल्कि सैकड़ों युवाओं के लिए रोजगार भी पैदा कर रहे हैं। पीएम मोदी के विजन से आज जम्मू और कश्मीर में 400 से अधिक स्टार्ट-अप पंजीकृत किए गए हैं और वे सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं।

स्टार्ट-अप फास्टबीटल सैकड़ों लोगों को दे रहा रोजगार

कश्मीर क्षेत्र में सबसे सफल स्टार्ट-अप में से एक फास्टबीटल है, जो घाटी के स्थानीय कारीगरों और शिल्पकारों की मदद करने और उन्हें वैश्विक दर्शकों से जोड़ने के मकसद से डोर-टू-डोर डिलीवरी स्टार्ट-अप है। फास्टबीटल की स्थापना 2019 में आबिद रशीद और सामी उल्लाह द्वारा की गई थी और तब से यह तेजी से बढ़ी है। कंपनी के पास लगभग 110 कर्मचारी काम कर रहे हैं जो कई अन्य लोगों के लिए अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा कर रहे हैं।

जम्मू कश्मीर की डिलीवरी प्रॉब्लम सॉल्व कर रही फास्टबीटल

कश्मीर थोड़ा मुश्किल जगह है, एक जगह से दूसरी जगह आने जाने में ज्यादा समय लगता है। बर्फबारी से एवं अन्य वजहों से कश्मीर में कारोबार करना काफी मुश्किल है। फास्टबीटल नाम का यह स्टार्टअप लोगों को जल्द से जल्द सामान की डिलीवरी कराने में मदद कर रहा है। समीउल्लाह और आबिद नाम के दो युवाओं ने श्रीनगर में फास्ट बीटल की स्थापना की। फास्टबीटल एक लॉजिस्टिक्स कंपनी है जो जम्मू कश्मीर की डिलीवरी प्रॉब्लम सॉल्व कर रही है। फास्टबीटल की मदद से कश्मीर, उरी बॉर्डर, एलओसी या पुंछ कहीं भी सामान की तुरंत डिलिवरी संभव है।

फास्टबीटल 55 देशों में कश्मीरी प्रोडक्ट डिलीवर कर रही

ऐप के जरिए फास्टबीटल पूरे जम्मू कश्मीर ही नहीं, देश-दुनिया में भी सामान की डिलीवरी करती है। कंपनी ने 1200 बिजनेस के साथ कामकाज किया है। फास्ट बीटल ने 10 लाख से ज्यादा ऑर्डर डिलीवर कर दिए हैं जबकि 55 देशों में कश्मीरी प्रोडक्ट डिलीवर का रही हैं। जम्मू-कश्मीर के कोने-कोने में फास्टबीटल फ्लिपकार्ट-जियोमार्ट जैसे ब्रांड के आर्डर डिलीवर किए गए हैं।

कश्मीर में इंटरनेट बंद होने का बाहर के लोगों नजरिया बदला

फास्ट बीटल ने कहा कि शुरुआत में कई लोगों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में तो हर दूसरे दिन इंटरनेट बंद हो जाता है और तुम्हारा कारोबार इंटरनेट की मदद से ही चल सकता है, इसलिए यह नहीं चलेगा। बाहर के लोगों में जम्मू-कश्मीर के प्रति जो नजरिया है, हम उसे बदलने के लिए यहां आए हैं।

फास्टबीटल स्टार्टअप को मिला 90 लाख रुपये का निवेश

आज स्टार्टअप जम्मू-कश्मीर के युवाओं के लिए समृद्धि के द्वार खोल रहा है। स्टार्ट-अप्स किसी भी देश या राज्य के विकास में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। इसलिए इतने सारे स्टार्ट-अप्स होने से रोजगार पैदा होगा और विकास के लिए युवाओं को प्रेरित करेगा। देश भर में ऐसे लोग हैं जो जम्मू-कश्मीर में स्टार्ट-अप में निवेश करने को तैयार हैं। अभी हाल ही में फास्टबीटल स्टार्टअप को 90 लाख रुपये का निवेश मिला है।

फास्टबीटल का कंपनी वैल्यूएशन 6 करोड़ रुपये

फास्टबीटल पिछले साल नवंबर में कंपनी का वैल्यूएशन 6 करोड़ था। उस समय फास्टबीटल का 6-7 लाख रुपए महीने का रेवेन्यू था जबकि आज 25-30 लाख रुपए महीने का कारोबार है। फास्टबीटल ने कहा कि अगले 2 साल में कश्मीर का नंबर वन डिलीवरी प्लेटफार्म बनना चाहते हैं। इसमें वे अपना कारोबार 200 करोड़ रुपए पर पहुंचाना चाहते हैं।

क्राफ्ट वर्ल्ड कश्मीर को अपने उत्पाद बाहर भेजने में हुई सुविधा

कश्मीर के उत्पादों का ऑनलाइन स्टोर क्राफ्ट वर्ल्ड कश्मीर के संचालक 33 वर्षीय बीनिश बाहिर ख़ान कहती हैं कि उनके कारोबार को फास्टबीटल से बहुत मदद मिली है। वो हमारे उत्पादों को पिक अप करते हैं और ग्राहक तक पहुंचा देते हैं, इससे हमें कारोबार बढ़ाने में मदद मिली है।

कश्मीर ऑरिजिन के कारोबार को बढ़ाना चाहते हैं इरशाद

फास्टबीटल की कामयाबी ने क्षेत्र के अन्य उद्यमियों को भी प्रोत्साहित किया है। आरिफ़ इरशाद डार इनमें से एक हैं। 30 वर्षीय इरशाद कश्मीर ऑरिजिन नाम से एक ऑनलाइन ऑर्गेनिक स्टोर चलाते हैं जिसपर कश्मीर के किसानों और स्थानीय कलाकारों के उत्पाद बेचे जाते हैं। इरशाद डार कहते हैं कि वो भी अपने कारोबार को फास्टबीटल की तरह बढ़ाना चाहते हैं ताकि अधिक लोगों को रोज़गार दे सकें। उभरते हुए कारोबारी इरशाद डार कहते हैं कि शार्क टैंक इंडिया में फास्टबीटल को देखकर उनका आत्मविश्वास बढ़ा है। इससे पता चलता है कि कश्मीर का स्टार्ट अप भी बड़ा कर सकता है।

नए स्टार्टअप निजी निवेशक की तलाश करेंः आबिद राशिद

फास्टबीटल के सह-संस्थापक आबिद राशिद ने कहा कि युवाओं को केवल सरकार पर ही निर्भर नहीं रहना चाहिए बल्कि निजी निवेशकों की भी तलाश करनी चाहिए। मुझे लगता है कि एक स्टार्ट-अप एक कंपनी का निर्माण कर रहा है और इसे 10 गुना गति से बढ़ने की जरूरत है। स्टार्ट-अप को पहले चार से पांच महीनों के भीतर वित्त की आवश्यकता होती है ताकि वह विकास कर सके। मुझे लगता है कि युवाओं को वित्त के लिए केवल सरकार पर निर्भर न रहकर निजी निवेशकों को भी तलाशना चाहिए। निजी धन प्राप्त करना आसान है और उन्हें दोनों पर भरोसा करना चाहिए ताकि वे तेजी से बढ़ सकें।

घर का बना खाना पहुंचाने का काम करती है स्टार्टअप टिफिन आव

2019 में कार्यालयों, कॉलेजों और अस्पतालों में घर का बना खाना पहुंचाने के मकसद से टिफिन आव नाम का एक और स्टार्टअप शुरू किया गया, जिसका अर्थ है ‘भोजन यहां है’। टिफिन आव द्वारा कोविड मरीजों, तीमारदारों और डॉक्टरों को घर का बना खाना मुफ्त भेजा गया। स्टार्ट-अप ने बाद में फंड भी जुटाया और अपने काम के लिए दुनिया भर के लोगों से भारी समर्थन प्राप्त किया। संस्थापक रईस अहमद का कहना है कि स्टार्ट-अप जम्मू-कश्मीर की प्रमुख बेरोजगारी समस्या से बड़े पैमाने पर निपटते हैं। टिफिन आव में उनके साथ एक दर्जन कर्मचारी काम करते हैं।

कश्मीर एंजेल स्टार्ट-अप को दे रहा कारोबारी माहौल

प्रदेश में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए कश्मीर एंजेल नेटवर्क स्थापित किया गया है जिसके नेटवर्क में एक दर्जन से अधिक निवेशक हैं। ये निवेशक क्षेत्र में स्टार्ट-अप का वित्तपोषण कर रहे हैं। पहले ये स्टार्ट-अप दिल्ली और मुंबई जैसे मेट्रो शहरों में निवेशकों तक पहुंच रहे थे लेकिन अब उनके पास स्थानीय स्तर पर विकल्प उपलब्ध हैं। कश्मीर एंजेल नेटवर्क इस क्षेत्र में अपनी तरह की पहली कंपनी है, इसे जुलाई 2021 में एक मंच को बढ़ावा देने के विचार के साथ शुरू किया गया। जहां विशेषज्ञ निवेशकों से मिलेंगे और निवेशक स्टार्ट-अप्स से मिलेंगे। मूल विचार एक कारोबारी माहौल और स्टार्ट-अप के लिए सक्षम माहौल देना है।

कश्मीर एंजेल भी स्टार्ट-अप को मुहैया करा रहा फंड

कश्मीर एंजेल ने 8 स्टार्ट-अप को फंड दिया है और 12 पाइपलाइन में हैं। कश्मीर एंजल नेटवर्क के चेयरमैन शब्बीर हांडू ने कहा कि हम मेंटरशिप और इन्क्यूबेशन सुविधाएं और वैल्यूएशन भी देते हैं। कश्मीर हम तब तक उनके साथ रहते हैं जब तक कि वे लाभ नहीं कमाते। आज ये स्टार्ट-अप न केवल स्थानीय शिल्प और उत्पादों को बढ़ावा देने में मदद कर रहे हैं बल्कि क्षेत्र के हजारों बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान कर रहे हैं।

बजट में मिशन यूथ के लिए 200 करोड़ आवंटित

जम्मू कश्मीर के साल 2023-24 के बजट में युवाओं को रोजगार के अवसर देने को स्वरोजगार की योजनाओं, कौशल विकास पर ध्यान दिया है। मिशन यूथ के तहत 200 करोड़ का प्रविधान किया है। सरकारी नौकरियां उपलब्ध करवाने के लिए फास्ट ट्रैक सिस्टम अपनाया गया है। सरकार ने 33426 पदों को भर्ती एजेंसियों को भेजा जिसमें जम्मू कश्मीर बैंक के 2436 पदों सहित 25450 पद भरे गए हैं। शेष पदों को इस साल भरे जाने की कोशिश की जा रही है। मिशन यूथ, ग्रामीण आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, महिला उद्यमिता कार्यक्रम, मुमकिन, तेजस्वनी योजनाओं को बढ़ावा देकर रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।

2 लाख युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा गया

साल 2022-23 में 202749 युवाओं को विभिन्न स्वरोजगार योजनाओं के तहत कवर किया। मार्च तक 237000 युवाओं को कवर करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। तीन साल में जम्मू कश्मीर में पांच सौ स्टार्टअप सामने आए हैं। स्वरोजगार शुरू करने के लिए युवाओं को बैंकों और मिशन यूथ के तहत युवाओं को वित्तीय सहायता दी जाएगी। स्वरोजगार योजनाओं, स्टार्टअप, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास वित्त निगम एवं महिला रोजगार कार्यक्रम के तहत 8100 युवाओं को रोजगार देने के लिए 3200 इकाइयां स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।

60 हजार सेल्फ हेल्प ग्रुप का कौशल विकास किया जाएगा

जम्मू व श्रीनगर में दो विशाल सहित जम्मू कश्मीर में 40 रोजगार मेले आयोजित किए जाएंगे। जम्मू, श्रीनगर, अनंतनाग, शोपियां, बांडीपोरा और कुपवाड़ा में छह माडल जीविका केंद्र स्थापित किए जाएंगे। विदेश में रोजगार के इच्छुक युवाओं के लिए कौशल विकास कार्यक्रम होंगे। 60 हजार सेल्फ हेल्प ग्रुप का कौशल विकास किया जाएगा। कौशल केंद्रों का निर्माण होगा। कौशल विकास योजना तैयार की जाएगी। यूनिसेफ के माध्यम से वंचित युवाओं के लिए स्कूलों, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों, पालीटेक्निक कालेजों में युवाओं का समावेशी कौशल मानचित्र किया जाएगा।

अंतरराष्ट्रीय कृषि विकास कोष से 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर की मदद का रास्ता साफ

जम्मू कश्मीर सरकार ने अंतरराष्ट्रीय कृषि विकास कोष (आईएफएडी) से 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर की मदद का रास्ता साफ कर दिया है। यह केंद्रशासित प्रदेश में कृषि तथा संबंद्ध क्षेत्रों के विकास के लिए प्रोजेक्ट (जेकेसीआईपी) के क्रियान्वयन के लिए होगा। उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने आर्थिक मामलों के विभाग को वित्तपोषण के लिए भेजने को हरी झंडी दे दी। अतिरिक्त मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने बताया कि यह प्रोजेक्ट ग्रामीणों की आय बढ़ाने में मदद करेगा। इस प्रोजेक्ट के चार मुख्य घटक हैं जिसमें निर्यात पर फोकस वैल्यू चेन सपोर्ट, इन्क्यूबेशन व स्टार्टअप सपोर्ट, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट शामिल हैं।

कृषि तथा संबद्ध क्षेत्रों में निर्यात को बढ़ावा मिलेगा

यह प्रोजेक्ट सात साल में 2023-2030 तक प्रदेश के सभी जिलों में लागू होगा। प्रोजेक्ट के कई सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। कृषि तथा संबद्ध क्षेत्रों में निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। जीआई टैगिंग को बढ़ावा मिलेगा। बताया कि इससे जनजातीय समुदायों को लाभ होने के साथ ही पहाड़ी इलाकों में भी फायदा होगा। बताया कि कृषि उत्पादन विभाग डा. मंगला राय के नेतृत्व वाली एपेक्स कमेटी के साथ मिलकर तैयार निर्यात संवर्धन योजना पर एक से तीन मार्च तक स्कास्ट जम्मू में विचार करेगी। इसके बाद यह आईएफएडी प्रोजेक्ट का हिस्सा होगी।

300 नए कृषि-प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप को बढ़ावा दिया जाएगा

इस परियोजना में 300 नए कृषि-प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने, 60 सब्जी, 117 सुगंधित-लाल चावल, गुच्ची, कश्मीरी मिर्च, केसर और औषधीय पौधों के उत्पादन समूहों की स्थापना के अलावा कृषि के व्यावसायीकरण और स्थिरता का समर्थन शामिल हैं। 20 सब्जी बीज, 20 आलू बीज और 40 तेल और दलहन बीज क्लस्टर भी हैं। इस परियोजना का लक्ष्य 3 एक्सपोर्ट हब और 2 बिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर की स्थापना के अलावा विशिष्ट कृषि उत्पादों के लिए 24 सैटेलाइट केंद्रों, फल और अखरोट की फसलों के लिए 4 मिनी-उत्कृष्टता केंद्रों के साथ 6 मिनी-सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाना है। इसके अतिरिक्त, इसका उद्देश्य सीमांत और जनजातीय समुदायों के लिए 60,000 एकीकृत कृषि मॉडल और 200 बागवानी नर्सरी की स्थापना करना है।

जम्मू-कश्मीर में शिक्षा डिजिटल पथ पर सवार होगी

जम्मू-कश्मीर में शिक्षा डिजिटल पथ पर सवार होगी। केंद्र सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2023-24 के जारी जम्मू-कश्मीर में बजट में शिक्षा क्षेत्र में महत्व दिया है। सरकार ने 1521.87 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है, जो पिछले वर्ष 93.61 करोड़ रुपये अधिक है। बजट में डिजिटल शिक्षा पर विशेष ध्यान देते हुए चार बड़े प्रोजेक्ट डिजिटल शिक्षा से जुड़े है। इसमें 40 रोबोटिक प्रयोगशालाएं हर जिले में दो, 188 वर्चुअल रियलिटी लैब हर जोन में एक, 500 स्कूलों को आईसीटी लैब, 1000 स्मार्ट क्लासरूम और हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी शामिल हैं।

दो हजार किंडरगार्टन स्थापित करने का प्रस्ताव

गुणवत्तापूर्ण प्री-प्राइमरी शिक्षा देने के लिए वित्तीय वर्ष में दो हजार किंडरगार्टन स्थापित करने का प्रस्ताव है। आदिवासी और कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए दस आवासीय विद्यालय स्थापित किए जाएंगे। उच्च और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में पांच सौ अतिरिक्त कक्षाएं बनाई जाएगी, जिससे 20 हजार छात्रों को लाभ मिलेगा।

100 उच्च विद्यालयों में खेल सुविधाएं होंगी

100 उच्च विद्यालयों में खिलाड़ियों के लिए चेंज रूम के साथ खेल सुविधाएं उपलब्ध करवाने का भी दावा है। सकल नामांकन बढ़ाने के लिए आओ स्कूल चले अभियान के तहत सघन नामांकन अभियान चलाया जाएगा। विद्यार्थियों को स्वस्थ रखने के लिए योग प्रशिक्षण दिया जाएगा।

32 कॉलेजों को एनएएसी मान्यता

उच्च शिक्षा में आठ कॉलेज भवन और चार छात्रावास भवनों के निर्माण कार्य को पूरा किया जाएगा। 32 कॉलेजों की एनएएसी मान्यता के लिए सभी जरूरी प्रक्रिया पूरी की जाएगी। विभाग में समर्थ पूरी तरह शुरू किया जाएगा।

जम्मू और श्रीनगर में दो बड़े रोजगार मेले

युवाओं को रोजगार देने के लिए बजट में राशि का प्रावधान किया है। जम्मू और श्रीनगर में दो बड़े रोजगार मेला के साथ 40 रोजगार मेले आयोजित किए जाएंगे। वित्त वर्ष में जम्मू, श्रीनगर, अनंतनाग, शोपियां, बांदीपोरा और कुपवाड़ा में छह मॉडल करिअर केंद्र स्थापित किए जाएंगे। स्वरोजगार, स्पीड कैपिटल फंड, यूथ स्टार्टअप ऋण अल्पसंख्यक विकास, वित्त निगम एवं महिला रोजगार कार्यक्रम के अंतर्गत 81000 रोजागार का लक्ष्य तय करने के लिए 3200 इकाईयां स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।

आंगनबाड़ी केंद्रों में बायोमीट्रिक प्रणाली से लगेगी हाजिरी

प्रदेश में अब आंगनबाड़ी केंद्रों में बायोमीट्रिक हाजिरी प्रणाली स्थापित होगी। इससे कामकाज में पारदर्शिता आएगी। इस बार सामाजिक सुरक्षा क्षेत्र के लिए साल 2023-24 में पूंजीगत व्यय के तहत 98.92 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे। एक लाख 24 हजार छात्रों को छात्रवृत्तियां प्रदान की जाएगी। शिशु देखभाल संस्थानों को आधुनिक पैटर्न पर विकसित किया जाएगा। 19 बाल आश्रमों और 12 नारी निकेतनों में 1700 लोगों रखा जाएगा।

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