प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक तरफ जहां देश विकास के पथ पर अग्रसर है वहीं हर वर्ग के सम्मान का भी ख्याल रखा जा रहा है। कोरोना काल में चाहे गरीबों के राशन की व्यवस्था हो या फिर देश में विकास में जुटे श्रमिक। देश के विकास में, विनिर्माण में, इंफ्रस्ट्रक्चर के निर्माण में श्रमिकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। लेकिन पीएम मोदी से पहले किसी भी प्रधानमंत्री ने इस वर्ग की खोज-खबर नहीं ली, इन्हें सम्मान के भाव से नहीं देखा गया। यह पीएम मोदी की संवेदनशीलता है कि वह समाज के हर वर्ग का ध्यान रखते हैं और उनकी खोज-खबर लेते हुए उनके प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं। यही वजह है कि अक्सर इमारत तो नजर आती है, लेकिन मेहनत करने वाले हाथ नजर नहीं आते हैं। लेकिन अब देश बदल रहा है। इमारत के साथ, वो हाथ और वो लोग भी नजर आ रहे हैं, जिनके खून-पसीने से आज देश तरक्की की राह पर चल रहा है, क्योंकि देश की तरक्की में सभी का खून-पसीना शामिल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ ऐसा ही संदेश देने के लिए निर्माण श्रमिकों से भी गर्मजोशी से मिलते हैं और उन्हें सम्मान का भाव देते हैं। यह अनायास नहीं है कि पीएम मोदी ने अभी केदारनाथ यात्रा के दौरान वहां निर्माण श्रमिकों से मुलाकात की हो। इससे पहले भी वह कुंभ मेला के दौरान सफाईकर्मियों से, कर्तव्यपथ के निर्माण श्रमिकों से, काशी कॉरिडोर बनाने वाले एवं नए संसद भवन बनाने वाले निर्माण श्रमिकों से मुलाकात कर चुके हैं। प्रधानमंत्री की इन मुलाकातों का एक संदेश यह भी है कि देश का हर नागरिक इन श्रमिकों के लिए सम्मान के भाव रखे।
श्रम साधकों के साथ कर्मयोगी @narendramodi pic.twitter.com/iIJfB2stWr
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केदारनाथ धाम में श्रमिकों से मिले पीएम मोदी #PMModi #Kedarnath #Badrinath #Dehradun #ModiInDevBhumi pic.twitter.com/kOkG4YsHgA
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केदारनाथ में श्रमिकों से काफी अपनेपन से मिले पीएम मोदी, पूछा- केदारनाथ में काम करते हुए कैसा लगता है
केदारनाथ की विकट भौगोलिक परिस्थितियों में भी पुनर्निर्माण कार्य में जुटे श्रमिक केदारनाथ धाम में 21 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री मोदी से मिलने के बाद काफी खुश नजर आए। अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को अंजाम दे रहे श्रमिकों से मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने श्रमिकों की झिझक दूर करते हुए पास बुलाया, उनसे बातचीत की, उनके काम की सराहना की और हौसला बढ़ाया। पीएम ने पूछा कि केदारपुरी में काम करते हुए कैसा लग रहा है तो श्रमिकों ने कहा कि अच्छा लगता है। मुलाकात के दौरान मोदी ने श्रमिकों से सरकार की योजनाओं का लाभ मिलने के बारे में भी पूछा। सभी श्रमिकों ने कहा कि उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। केदारनाथ धाम में हाड़ कंपाने वाली ठंड में भी श्रमिक निर्माण कार्य में जुटे रहते हैं। प्रधानमंत्री जब इन श्रमिकों के बीच गए तो उन्हें काफी खुशी हुई। मोदी ने कहा कि सभी मजदूरों के कार्य को प्रणाम है। प्रधानमंत्री ने मजदूरों के साथ ग्रुप फोटो भी खिंचवाई। पुनर्निर्माण कार्य में पिछले दो वर्षों से कार्य कर रहे उत्तरप्रदेश के आजमगढ़ के रहने वाले श्रमिक लक्ष्मीनारायण ने बताया कि प्रधानमंत्री को अपने बीच देखकर काफी खुशी हुई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसान निधि के बारे में पूछा कि क्या उन्हें लाभ मिलता है, सभी श्रमिकों ने कहा कि समय से उनके खाते में धनराशि आ रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सभी श्रमिकों से काफी अपनेपन से बाचतीत कर रहे थे। बड़कोट उत्तरकाशी के श्रमिक निकेश राणा भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने के बाद काफी खुश है, वह कहते हैं कि कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि प्रधानमंत्री मोदी से आमने-सामने बातचीत होगी।
श्रमेव जयते!
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi ने 'कर्तव्य पथ' के निर्माण में योगदान देने वाले कर्मियों से आत्मीय मुलाकात की। pic.twitter.com/hx7qBc9cVd
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कर्तव्य पथ बनाने वाले श्रमजीवियों से पीएम मोदी ने की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 सितंबर 2022 को सेंट्रल विस्टा के राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट के बीच के मार्ग कर्तव्य पथ का उद्धाटन किया। इसे पहले पीएम मोदी ने ‘कर्तव्य पथ’ को बनाने वाले श्रमिकों के साथ लंबी बातचीत की। श्रमिकों से बात करने से पहले पीएम ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा का उद्घाटन किया। राजपथ का नाम बदलकर अब ‘कर्तव्य पथ’ कर दिया गया। पीएम ने अपने संबोधन में भी श्रमिकों के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि नए भारत में आज श्रम और श्रमजीवियों के सम्मान की एक संस्कृति बन गई है, एक परंपरा पुनर्जीवित हो रही है। जब नीतियों में संवेदनशीलता आती है, तो निर्णय भी उतने ही संवेदनशील होते चले जाते हैं, इसलिए देश अब अपनी श्रम शक्ति पर गर्व कर रहा है। आज के इस अवसर पर, मैं अपने उन श्रमिक साथियों का विशेष आभार व्यक्त करना चाहता हूं, जिन्होंने कर्तव्यपथ को केवल बनाया ही नहीं है, बल्कि अपने श्रम की पराकाष्ठा से देश को कर्तव्य पथ दिखाया भी है। सरकार के मुताबिक पूर्ववर्ती राजपथ सत्ता का प्रतीक था और उसे कर्तव्य पथ का नाम दिया जाना बदलाव का परिचायक है और यह सार्वजनिक स्वामित्व तथा सशक्तीकरण का एक उदाहरण भी है।
कुंभ मेला 2019: पीएम मोदी ने प्रयागराज में सफाई कर्मचारियों के पांव पखारे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में कुंभ का दौरा किया और कुछ ऐसा कर दिखाया, जो शायद पहले किसी प्रधानमंत्री ने नहीं किया है। पीएम मोदी ने स्वच्छ कुंभ मेले में बड़ी भूमिका निभाने वाले 5 सफाई कर्मचारियों के पैर धोए। ये वो कर्मयोगी हैं जिनके पांव ख़ुद प्रधानमंत्री ने पखारे। ये वही क़दम हैं जिन्होंने करोड़ों कदमों के लिए मेले का हर-एक कोना स्वच्छ और सुंदर बनाया। प्रधानमंत्री कहा कि देश का हर-एक नागरिक अगर अपने हिस्से की गंदगी ना फैलाए तो सेवा में लगे करोड़ो सफाई कर्मचारियों का सम्मान होगा। सफाई कर्मियों की सेवा ठीक वैसा ही है जैसे कोई मां अपने बच्चे को बिना किसी शिकन के रोज़ नहा-धुला कर साफ-सुथरा बना देती है। तीर्थराज की धरती पर प्रधानमंत्री ने कर्म की प्रधानता का सम्मान कर प्रभु-श्रीराम और केवटराज संवाद की भी याद दिलाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सफाईकर्मियों के पांव पखार कर सामाजिक समरसता का भी संदेश दिया। कल्पना में भी ऐसे सम्मान की उम्मीद न करने वाले पांचों कर्मचारी निशब्द थे, बस नम आंखें ही बोल रहीं थीं। कुंभ नगरी के गंगा पंडाल के इस नजारे को देखकर अन्य सफाईकर्मियों तथा स्वच्छाग्रहियों की भावनाएं ऊफान पर थीं तो मोदी ने भी इसे अपने जीवन का सबसे अविस्मरणीय पल बताया। यह कार्य ‘स्वच्छ कुंभ, स्वच्छ आभार’ कार्यक्रम का एक हिस्सा था, जिसमें प्रधानमंत्री ने प्रयागराज में कुंभ मेले में कार्यरत 10,000 सफाई कर्मचारियों, स्वच्छाग्रहियों, पुलिसकर्मियों और कुंभ मेले के नाविकों के समूह को संबोधित किया।
#WATCH प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण में काम करने वाले श्रमिकों पर फूल बरसाकर उनका अभिवादन किया।
(सौजन्य: DD) pic.twitter.com/Fi16MMMJeG— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 13, 2021
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के श्रमिकों से मिले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब 13 दिसंबर 2021 को काशी-विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण करने के लिए अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे तो काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण में काम करने वाले श्रमिकों पर फूल बरसाकर उनका अभिवादन किया। इससे पहले पीएम मोदी सबसे पहले काशी के कोतवाल कहे जाने वाले काल भैरव मंदिर गए और वहां दर्शन और आरती की. इसके बाद वह क्रूज के जरिए गंगा मार्ग से होते हुए ललिता घाट पहुंचे और गंगा में डुबकी लगाई। पीएम मोदी ने करीब आधे घंटे तक बाबा काशी विश्वनाथ की पूजा की। इसके बाद कार्यक्रम में सैकड़ों श्रमिक भी मौजूद थे। इन श्रमिकों ने काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण में अपना अहम योगदान दिया। इस दौरान पीएम मोदी न सिर्फ श्रमिकों से मिले बल्कि उनसे बातचीत भी की। पीएम मोदी ने श्रमिकों पर फूल बरसाकर उनका अभिवादन किया और उनके साथ बैठकर फोटो भी खिंचवाई।
#WATCH | Varanasi: PM Narendra Modi along with CM Yogi Adityanath had lunch with the workers involved in construction work of Kashi Vishwanath Dham Corridor. pic.twitter.com/XAX371ThEw
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 13, 2021
पीएम मोदी ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनाने वाले मजदूरों के साथ किया लंच
पीएम मोदी की काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण कार्य से जुड़े रहे मजदूरों के साथ खाना खाने की तस्वीरें भी सोशल मीडिया में वायरल हुई थी। मोदी ने उनकी तारीफ करते हुए कहा, ‘मैं आज अपने हर श्रमिक भाई-बहनों का आभार व्यक्त करना चाहता हूं, जिनका पसीना इस भव्य परिसर के निर्माण में बहा है। कोरोना के इस विपरीत काल में भी उन्होंने यहां पर काम रुकने नहीं दिया।” इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम का निरीक्षण किया और काशी के घाटों का निरीक्षण किया।
I had a wonderful interaction with the Shramjeevis who have been involved in the making of the Parliament. We are proud of their efforts and will always remember their contribution to our nation. pic.twitter.com/p4LUFmCTDx
— Narendra Modi (@narendramodi) July 11, 2022
नया संसद भवन बनाने वाले श्रमिकों से मिले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 जुलाई 2022 को जब नए संसद भवन की छत पर स्थापित किए गए राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण करने पहुंचे तो उन्होंने निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों से बातचीत करने के लिए भी वक्त निकाला। कांसे के बने 9,500 किग्रा वजनी और 6.5 मीटर ऊंचे प्रतीक का अनावरण करने के बाद वह श्रमिकों के पास जाकर मिले। श्रमिक हाथ जोड़कर खड़े थे, पीएम से मुलाकात के लिए बीच में एक रस्सी की ‘लक्ष्मण रेखा’ खींची गई थी। दूसरी तरफ श्रमिकों को खड़ा होना था, रस्सी के इस पार से पीएम मोदी बातचीत करते। हालांकि जैसे ही पीएम पहुंचे, उन्होंने सबसे पहले उस ‘दीवार’ को हटा दिया और श्रमिकों के करीब जाकर बातचीत की। इसके जरिए पीएम ने श्रमिकों को बड़ा संदेश भी दिया। बाद में उन्होंने 2.07 मिनट का वीडियो शेयर किया और संसद बनाने वाले लोगों को श्रमजीवी कहकर संबोधित किया। बातचीत के दौरान एक श्रमिक ने संसद भवन को अनजाने में ‘कुटिया’ कहा तो पीएम बहुत खुश हुए। उन्होंने कहा कि हर गरीब को ऐसा लगना चाहिए। बातचीत के दौरान एक श्रमिक ने पीएम के निर्माणाधीन संसद में आने को लेकर कहा आपका यहां आना हमारे लिए भगवान राम का शबरी की कुटिया में आने जैसा है। इस पर पीएम ने कहा कि वाह ! ये आपकी कुटिया है। उसके बाद उन्होंने कहा कि देश के हर गरीब व्यक्ति को लगना चाहिए कि यह उनकी कुटिया है। आपने बहुत अच्छी बात कही है। उन्होंने कहा कि इस भवन के निर्माण में लगे श्रमिक देश के गौरव में बहुत बड़ा योगदान दे रहे हैं।
PM मोदी का कर्मचारियों से सवाल, 'इमारत बना रहे हो या इतिहास' #AshokaPillar #Parliamentbuilding #PMModi #NarendraModi pic.twitter.com/nQeKplOYkN
— India TV (@indiatvnews) July 11, 2022
पीएम मोदी ने पूछा- इमारत बना रहे या इतिहास?
पीएम मोदी श्रमिकों से पूछते हैं, ‘अच्छा! आप लोगों को क्या लगता है इमारत बना रहे हैं या इतिहास बना रहे हैं?’ एकसुर में वे बोलते हैं- इतिहास। पीएम कहते हैं- सबको मालूम है। सभी हां में सिर हिलाते हैं। प्रधानमंत्री ने श्रमिकों से संसद भवन के निर्माण में और अन्य किसी परियोजना के निर्माण में शामिल होने के अंतर के बारे में भी पूछा। श्रमिकों ने कहा कि उन्हें नये संसद भवन में काम करते हुए गौरव की अनुभूति होती है। प्रधानमंत्री मोदी ने मजदूरों का हाल-चाल पूछा और यह भी सवाल किया कि क्या उन्होंने कोविड-19 रोधी टीके लगवाये हैं। मोदी ने श्रमिकों से कोविड-19 टीकों के बार में भी पूछा और कहा कि क्या उन्होंने वैक्सीन लगवाई है। इस पर जवाब आया कि सब लोग बूस्टर डोज तक लगवा चुके हैं।
पीएम मोदी 26 जनवरी पर श्रमिकों को दिया न्योता
पीएम मोदी ने कहा कि इन श्रमिक भाई-बहनों से मिला, तो मैंने उनसे कहा है कि इस बार 26 जनवरी के कार्यक्रम में, जिन्होंने यहां पर काम किया है, जो श्रमिक भाई हैं, वो परिवार के साथ मेरे विशेष अतिथि रहेंगे। पीएम ने कहा, ‘मुझे संतोष है कि नए भारत में आज श्रम और श्रमजीवियों के सम्मान की एक संस्कृति बन रही है, एक परंपरा पुनर्जीवित हो रही है। जब नीतियों में संवेदनशीलता आती है, तो निर्णय भी उतने ही संवेदनशील होते चले जाते हैं। इसीलिए, देश अब अपनी श्रम-शक्ति पर गर्व कर रहा है। ‘श्रम एव जयते’ आज देश का मंत्र बन रहा है।
नई संसद में श्रमिकों की होगी एक विशेष गैलरी
पीएम ने बताया कि नई संसद के निर्माण के बाद उसमें काम करने वाले श्रमिकों को भी एक विशेष गैलरी में स्थान दिया जाएगा। ये गैलरी आने वाली पीढ़ियों को भी ये याद दिलाएंगी कि लोकतन्त्र की नींव में एक ओर संविधान है, तो दूसरी ओर श्रमिकों का योगदान भी है। यही प्रेरणा हर एक देशवासी को ये कर्तव्यपथ भी देगा। यही प्रेरणा श्रम से सफलता का मार्ग प्रशस्त करेगी।
श्रम से देश को कर्तव्य पथ दिखायाः पीएम मोदी
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि श्रमिक साथियों ने कर्तव्य पथ को केवल बनाया ही नहीं है, बल्कि अपने श्रम की पराकाष्ठा से देश को कर्तव्य पथ दिखाया भी है। पीएम ने कहा, ‘मुझे अभी उन श्रमजीवियों से मुलाकात का भी अवसर मिला। उनसे बात करते समय मैं ये महसूस कर रहा था कि, देश के गरीब, मजदूर और सामान्य मानवी के भीतर भारत का कितना भव्य सपना बसा हुआ है। उन्होंने कहा कि अपना पसीना बहाते समय वो उसी सपने को सजीव कर देते हैं।
आज श्रमिकों पर होती है पुष्प वर्षा
कुंभ और काशी में श्रमिकों पर हुए पुष्प वर्षा का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जब काशी में, विश्वनाथ धाम के लोकार्पण का अलौकिक अवसर होता है, तो श्रमजीवियों के सम्मान में भी पुष्प वर्षा होती है। जब प्रयागराज कुम्भ का पवित्र पर्व होता है, तो श्रमिक स्वच्छता कर्मियों का आभार व्यक्त किया जाता है। अभी कुछ दिन पहले ही देश को स्वदेशी विमान वाहक युद्धपोत INS विक्रांत मिला है। मुझे तब भी INS विक्रांत के निर्माण में दिन रात काम करने वाले श्रमिक भाई-बहनों और उनके परिवारों से मिलने का अवसर मिला था। मैंने उनसे मिलकर उनका आभार व्यक्त किया था। श्रम के सम्मान की ये परंपरा देश के संस्कारों का अमिट हिस्सा बन रही है।