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जनऔषधि दिवस: पीएम मोदी ने की लाभार्थियों से बातचीत, कहा ‘नमस्ते’ की आदत डालें और कोरोना को लेकर अफवाह से बचें

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को जनऔषधि दिवस के अवसर पर देशभर के जनऔषधि केंद्रों पर संचालकों और लाभार्थियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बातचीत की। प्रधानमंत्री ने कहा कि जनऔषधि केंद्रों के माध्यम से लाखों-लाख गरीब और मध्यमवर्गीय लोगों को सस्ती कीमत पर जेनरिक दवाएं उपलब्ध कराई जा रही है और इससे उनका हजारों करोड़ रुपया बच रहा है। इस अवसर प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस को लेकर फैली दहशत और अफवाहों पर कहा, ‘कोरोना वायरस को लेकर मैं सभी देशवासियों से प्रार्थना करता हूं कि किसी भी तरह की अफवाह से बचें। कोई भी परेशानी होने पर तुरंत अपने डॉक्टर की सलाह लें। पूरी दुनिया आजकल नमस्ते की आदत डाल रही है। हमें भी आजकल हाथ मिलाने के बजाए, नमस्ते करना चाहिए।’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ यह दिवस सिर्फ प्रधानमंत्री जनऔषधि योजना के सफल होने का दिवस नहीं है, बल्‍कि उन लाखों परिवारों से जुड़ने का दिवस है, जिन्‍हें इस योजना से लाभ मिला है और उनके माध्‍यम से इस योजना का प्रसार होने का भी दिवस है। उन्होंने कहा कि देशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए सरकार चार सूत्रों पर काम कर रही हैं। पहला, बीमार से बचाव के लिए क्‍या किया जाए। दूसरा, बीमारी होने पर सस्‍ता और अच्‍छा इलाज हर नागरिक को कैसे मिले। तीसरा, इलाज के लिए बेहतर और आधुनिक अस्‍पताल हों, पर्याप्‍त मात्रा में डॉक्‍टर हों और चौथा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में मिशन मोड पर काम करके चुनौतियों को समझना और उनका समाधान करना।

जेनरिक दवाओं को लेकर अफवाहों से बचें: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना यानि PMBJP, इसी चार सूत्रीय कार्यशैली की एक अहम कड़ी है। ये देश के हर व्यक्ति तक सस्ता और उत्तम इलाज पहुंचाने का संकल्प है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘जेनरिक दवाओं को लेकर अफवाहें फैलाएं जाती हैं। उन्होंने कहा कि आज 1,000 से ज्यादा जरूरी दवाओं की कीमत नियंत्रित होने से देशवासियों के करीब 12.5 हजार करोड़ रुपये बचे हैं। 90 लाख गरीब लोगों को आयुष्मान योजना के तहत लाभ मिला है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जनऔषधि केंद्रों पर मिलने वाली दवाओं की कीमत बाजार में उपलब्ध दवाओं से 50 से 90 प्रतिशत तक कम है। उन्‍होंने कहा, ‘बाजार में कैसर की दवा 6,500 रुपये की कीमत पर उपलब्‍ध है, लेकिन जनऔषधि केंद्र में महज 850 रुपये की कीमत पर ये दवाएं मिल रही हैं। इस तरह से हेल्‍थकेयर की कीमत में कमी आई है। करोड़ों गरीब और मध्‍यम वर्ग के लोगों को इससे लाभ मिला है।’

देश में 6 हजार से अधिक जनऔषधि केंद्र खुले- प्रधानमंत्री
प्रधामंत्री मोदी ने कहा कि अब तक 6 हजार से अधिक जनऔषधि केंद्र पूरे देश में खुल चुके हैं। जनऔषधि परियोजना से पहले की तुलना में इलाज पर खर्च बहुत कम हो रहा है। अभी तक पूरे देश में करोड़ों गरीब और मध्यम वर्ग के साथियों को 2000 से 2500 करोड़ रुपए की बचत जन औषधि केंद्रों के कारण हुई है। जैसे-जैसे यह नेटवर्क बढ़ रहा है, वैसे ही इसका लाभ भी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच रहा है। आज हर महीने एक करोड़ से अधिक परिवार इन जनऔषधि केंद्रों के माध्यम से बहुत सस्ती दवाइयां ले रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने की लाभार्थियों से बातचीत
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने विभिन्न शहरों में जनऔषधि केंद्रों पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े लाभार्थियों से बातचीत भी की। गुवाहाटी के अनुभव महंत ने बताया कि उन्होंने तीन साल पहले जनऔषधि केंद्र शुरू किया था और बड़ी संख्या में गरीब लोग सस्ती दवाओं का लाभ उठा रहे हैं। वहीं गुवाहाटी के ही अशोक कुमार बेटाला ने बताया कि उनका डायबिटीज और बीपी की दवाओं का खर्च काफी कम हो गया है।

देहरादून की दीपा शाह की बातें सुन भावुक हुए प्रधानमंत्री
बातचीत के दौरान देहरादून की दीपा शाह की बातें सुनकर प्रधानमंत्री मोदी भावुक हो गए। उन्होंने कहा, “मोदी जी मेरे को सन 11 में पैरालाइसिस पड़ा था। मैं बोल नहीं पाती थी, मेरा इलाज चल रहा था। दवाएं बहुत महंगी आती थी, घर चलाना बड़ा मुश्किल हो गया था। आपके द्वारा जन औषधि दवाइयां मिलीं। पहले मेरी दवाइयां 5000 रुपये की आती थी, जनऔषधि केंद्र से दवाएं 1500 रुपये की आती हैं। जो पैसा बचता है उससे खर्चा चलता है और उससे मैं फल खाती हूं। मोदी जी मैंने ईश्वर को तो नहीं देखा है लेकिन मैंने आपको ईश्वर के रूप में देखा है, आपको बहुत-बहुत धन्यवाद।” दीपा शाह की बातें सुनकर प्रधानमंत्री मोदी भी भावुक हो गए।

वहीं पुड़े की 41 वर्षीय किडीनी पेशेंट जेबा खान ने बताया कि पहले जो दवाएं 2500 रुपये में मिलती थीं, वो अब सिर्फ 800 रुपये में आ जाती है। वाराणसी की अपर्णा कपरिया ने बताया कि वे शहर में 8 जनऔषदि केंद्र संचालित करती है और गरीबों और महिलाओं को जागरूक करने के लिए अभियान भी चलाती हैं। उन्होंने कहा कि जनऔषदि केंद्र पर सैनेटरी नेपकिन एक रुपये में दिया जाता है और इसके प्रति जागरूकता लाने के लिए महिला मित्र नाम से संगठन भी बनाया है। प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी पहल की खूब प्रसंशा की और अन्य लोगों से उसे अपनाने का आग्रह किया।

पुलवामा के गुलाम नबी डार ने प्रधानमंत्री मोदी से जनऔषधि केंद्रों का लाभ गांव-गांव तक पहुंचाने की भी अपील की और पीएम मोदी को इंसानियत की खिदमत करने वाला नेता बताया। कोयंबटूक के शिरिल बालाकृष्ण ने बताया कि वे जनऔषदि केंद्र से साथ ही एक मोदी क्लीनिक भी चलाते हैं, जहां सिर्फ 50 रुपये की फीस पर मरीजों को परामर्श दिया जाता है। बिहार के पंकज कुमार झा ने बताया कि नक्सली हमले में एक हाथ गवांने के बाद जब वो बहुत परेशान थे, तो उन्हें इस योजना का पता चला और उन्होंने जनऔषधि केंद्र खोला।

जनऔषधि केंद्र बन रहे जन शक्ति केंद्र- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज जनऔषधि केंद्र सच्चे अर्थ में जन शक्ति के केंद्र बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनऔषधि योजना को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए निरंतर काम चल रहा है। जरूरी यह है कि देश का हर नागिरक स्वास्थ्य के प्रति अपने दायित्व को समझे। उन्होंने कहा कि हर किसी को अपनी दिनचर्या में स्वच्छता, योग, संतुलित आहार, व्यायाम को जरूर जगह देनी चाहिए। बच्चों को पढ़ने के साथ खेलने के लिए भी उतना आग्रह करना चाहिए।

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