प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की आवाज को दुनिया के सभी मंचों पर पूरी गंभीरता से सुनी जा रही है। इसका एक और प्रमाण 193-सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा में मिला है। जहां 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में घोषित करने के भारत के प्रायोजित प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकृति प्रदान की गई। 70 से अधिक देशों ने इस प्रस्ताव को सह-प्रायोजित किया था, जिसका उद्देश्य बदलती परिस्थितियों में खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए भोजन में इन पोषक अनाजों को शामिल करने के लिए वैश्विक जागरूकता बढ़ाना है।
✅Adopted!
The UN General Assembly today unanimously adopted resolution initiated by India with Bangladesh, Kenya, Nepal, Nigeria, Russia & Senegal to mark 2023 as the International Year of Millets.
Resolution was co-sponsored by 70+ countries. pic.twitter.com/dZehfehtNR
— India at UN, NY (@IndiaUNNewYork) March 3, 2021
भारत के प्रस्ताव को स्वीकार किए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर खुशी जाहिर करते हुए लिखा है, “मिलेट्स को लोकप्रिय बनाने में भारत सबसे आगे रहा है, इससे भारत सम्मानित महसूस कर रहा है। भोजन में इनके शामिल होने से पोषण, खाद्य सुरक्षा और किसानों के कल्याण को बढ़ावा मिलेगा। इससे कृषि वैज्ञानिकों और स्टार्ट अप्स को अनुसंधान और नवाचार के लिए नए अवसर मिलेंगे।
India is honoured to be at the forefront of popularising Millets, whose consumption furthers nutrition, food security and welfare of farmers. This also offers research and innovation opportunities for agriculture scientists and start-up communities. https://t.co/cHcDK1JKN2
— Narendra Modi (@narendramodi) March 4, 2021
संयुक्त राष्ट्र की महासभा में 70 से ज्यादा देशों ने भारत के इस प्रस्ताव को सह-प्रायोजित किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने समर्थन देने वाले देशों का आभार जताते हुए ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि उन सभी देशों का आभार, जिन्होंने इटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स घोषित करने में सह-प्रायोजक के रूप में मदद की है। विशिष्ट प्रतिनिधियों को स्वादिष्ट बाजरा ‘मुरकु’ भी परोसा गया! यह एक स्नैक है जिसे मैं भी पसंद करता हूं और आप सभी से इसे भोजन में शामिल करने की अपील करता हूं।
Gratitude to all the nations who initiated and co-sponsored the resolution on International Year of Millets at the @UN.
Distinguished delegates were also served delicious Millet Murukku! This is one snack I also relish and urge all of you to try it as well. pic.twitter.com/j84PyWN5l5
— Narendra Modi (@narendramodi) March 4, 2021
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने बुधवार को ट्वीट कर 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित करने के बारे में जानकारी दी। उन्होंने प्रस्ताव स्वीकार किए जाने पर यूएन महासभा के उन सभी सदस्य देशों के प्रति आभार जताया, जिन्होंने प्रस्ताव का समर्थन और सह-प्रायोजित किया।
Delighted that Indian ?? sponsored @UN resolution on “International Year of Millets 2023” was adopted by consensus in #UNGA this morning.
Big step to promote nutritional & ecological benefits of #millets to the ? as a key component of food basket & effect policy changes – 1/2 pic.twitter.com/2PNAAS5vxM
— PR UN Tirumurti (@ambtstirumurti) March 3, 2021
तिरुमूर्ति ने विशेष रूप से प्रस्ताव के सभी सह-प्रायोजकों बांग्लादेश, केन्या, नेपाल, नाइजीरिया, रूस और सेनेगल के मजबूत समर्थन के लिए भी आभार व्यक्त किया।
तिरुमूर्ति ने भरोसा जताया कि इससे बाजरा उत्पादन के बारे में अधिक जागरूकता पैदा करने में मदद मिलेगी। यह खाद्य सुरक्षा, पोषण, आजीविका सुनिश्चित करने और किसानों की आय बढ़ाने, गरीबी उन्मूलन और सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में योगदान देगा, विशेषकर उन क्षेत्रों में जो जलवायु परिवर्तन से प्रभावित है। उन्होंने कहा कि इससे भोजन के प्रमुख घटक के रूप में बाजरा को शामिल करने में मदद मिलेगी।
तिरुमूर्ति ने कहा कि प्रस्ताव का प्राथमिक उद्देश्य बाजरे की खपत के लिए पोषण और स्वास्थ्य लाभ के लिए जागरूकता बढ़ने के साथ ही प्रतिकूल और जलवायु परिवर्तन की स्थिति में खेती के लिए उनकी उपयुक्तता को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव स्वीकार होने से अनुसंधान और विकास को बढ़ावा मिलने के साथ ही निवेश पर भी ध्यान केंद्रित होगा और मिलेट्स से संबंधित सेवाओं का विस्तार होगा।
गौरतलब है कि अंतर्राष्ट्रीय समर्थन की पृष्ठभूमि में भारत ने वर्ष 2018 को राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष (नेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स) के रूप में मनाया ताकि इन पोषक अनाजों की खेती और खपत को बढ़ावा दिया जा सके। मोटे अनाज (मिलेट्स) में ज्वार, बाजरा, रागी और छोटे बाजरा आते हैं। इन्हें सूक्षम पोषक तत्वों से भरपूर अनाज के रूप में जाना जाता है। मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार ने इनके न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की है।